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गौतम गंभीर: 'रोडशो की जरूरत नहीं, ज़िंदगियां उससे अधिक अहम'

भारतीय कोच ने कहा, 'मेरी संवेदना उन परिवारों के साथ है जिन्होंने बेंगलुरु में अपने प्रियजनों को खो दिया।'

चिन्नास्वामी स्टेडियम के आसपास भगदड़ के बाद बिखरे पड़े जूते-चप्पल  AFP/Getty Images

भारत के कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि भविष्य में ऐसे सड़क पर होने वाले जश्न की कोई आवश्यकता नहीं है, ख़ासकर जब बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की पहली IPLबी जीत के बाद आयोजित कार्यक्रमों में भगदड़ के चलते 11 प्रशंसकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

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गंभीर ने इंलैंड टेस्ट दौरे पर रवाना होने से पहले मुंबई में कहा, "मैं कभी भी इस बात का समर्थक नहीं रहा कि हमें रोडशो करने चाहिए। जब मैं खेलता था तब भी मैंने 2007 T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद यही बात कही थी कि हमें रोडशो नहीं करने चाहिए। मुझे लगता है कि लोगों की जान इससे कहीं ज़्यादा अहम है। मैं आगे भी यही कहता रहूंगा कि भविष्य में हमें इस तरह के रोडशो से बचना चाहिए और यदि करना ही है, तो स्टेडियम में बंद वातावरण में करना चाहिए।"

"कल जो कुछ हुआ, वह बेहद दुखद है। मेरा दिल उन परिवारों के साथ है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। मैं आशा करता हूं कि भविष्य में ऐसा कुछ दोबारा न हो, क्योंकि हम सब जिम्मेदार नागरिक हैं और हमें इसका ध्यान रखना चाहिए। यदि हम रोड शो करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो हमें ऐसा करना ही नहीं चाहिए था। बात इतनी सीधी है। मुझे पता है कि फैंस उत्साहित होते हैं, हम सब होते हैं, लेकिन जो कल हुआ, उसकी कोई भरपाई नहीं हो सकती।"

"जब मैं खिलाड़ी था, तब भी मैं रोडशो में विश्वास नहीं रखता था। आज भी नहीं रखता और भविष्य में भी नहीं रखूंगा। जीतना महत्वपूर्ण है, जश्न भी महत्वपूर्ण है, लेकिन उससे कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है किसी इंसान की जान। अगर हम भीड़ को सही ढंग से संभाल नहीं सकते, तो बेहतर है कि हम ऐसे जश्न न करें।"

इस घटना के बाद, गुरुवार को RCB ने एक बयान जारी कर कहा कि वे "मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता" देंगे और "घायलों की मदद के लिए RCB केयर फंड" की स्थापना करेंगे। वहीं कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने भी मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

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