ताक़त, स्टांस और बैकलिफ़्ट : कैसे श्रेयस अय्यर ने बदला अपना पावर गेम
जनवरी में प्रवीण आमरे के साथ हुए तीन दिन के सत्र के बाद अय्यर ने अपने खेल को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया
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IPL 2025 के फ़ाइनल मुक़ाबले RCB vs PBKS का प्रीव्यू वरुण ऐरन के साथफ़रवरी में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू वनडे सीरीज़ में आख़िरी समय में चुने जाने के बाद से श्रेयस अय्यर भारत के लिए पिछले दो महीनों और फिर IPL 2025 में लगातार मैच जिताऊ और प्रभावशाली पारियां खेल रहे हैं।
इसका ताज़ा उदाहरण रविवार शाम अहमदाबाद में देखने को मिला, जहां पंजाब किंग्स के कप्तान ने नाबाद 87 रन बनाकर PBKS को दूसरी बार और 2014 के बाद पहली बार IPL फ़ाइनल में पहुंचाया। यह शानदार प्रदर्शन था, क्योंकि अय्यर ने दबाव में पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस को पछाड़ा।
अय्यर इंग्लैंड वनडे सीरीज़ और चैंपियंस ट्रॉफ़ी, दोनों में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे और अब IPL 2025 में टॉप रन स्कोरर की सूची में छठे नंबर पर हैं। उनकी सफलता कोई संयोग नहीं है।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले वनडे से लगभग एक हफ़्ते पहले अय्यर ने अपने गृहनगर मुंबई में पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ प्रवीण आमरे के साथ तीन दिन का एक सत्र किया। आमरे 12 साल की उम्र से उनके कोच रहे हैं।
आमरे ने बताया कि इस सत्र का मुख्य फ़ोकस अय्यर की स्टांस की बुनियादी संरचना को सुधारना और उन्हें हर तरह की गेंदबाज़ी का बेहतर सामना करने के लिए संतुलित बनाने पर था।
आमरे ने अप्रैल में ESPNcricinfo से कहा था, "उनकी समस्या उनकी बेस थी। उनकी दाहिनी टांग ट्रिगर मूवमेंट में गिर रही थी।"
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IPL 2025 के फ़ाइनल मुक़ाबले RCB vs PBKS की Run-नीति देखिए वरुण ऐरन के साथआमरे ने बताया कि टांग के गिरने से सिर भी अपने आप झुकता था और अय्यर का संतुलन बिगड़ता था। साथ ही, उनकी दाहिनी एड़ी लेग स्टंप के बाहर खिंचती थी और सिर झुकने की वजह से अय्यर हर तरह के ख़तरे के लिए असुरक्षित हो जाते थे, जिसमें शॉर्ट गेंद के ख़िलाफ़ विफलता भी शामिल थी। चुनौती यह थी कि आमरे जो नई तकनीक सुझा रहे थे, उसे कैसे अपनाया जाए, जब वह पहले से ही मसल मेमोरी में बसी हुई हो।
आमरे ने अय्यर को भरोसा दिलाया कि उनका मक़सद उनकी तकनीक को "बिगाड़ना" नहीं बल्कि उसमें कुछ "जोड़ना" था, जो उनकी बल्लेबाज़ी को बेहतर बनाए।
आमरे कहते हैं, "मुझे उसे बदलना पड़ा और मैंने शब्द इस्तेमाल किया - सुधार। मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें सही कर रहा हूं, ताकि तुम बेहतर पोजीशन में रहो और स्ट्रोक खेलते समय बल्ले का बेहतर अहसास हो।"
बाहरी दुनिया में यह धारणा रही है कि अय्यर ने अपनी बल्लेबाज़ी की स्टांस को खोल लिया है, जिससे वे ख़ासकर शॉर्ट गेंदों से निपट पा रहे हैं, जो हमेशा से उनकी कमज़ोरी रही है। लेकिन आमरे ने बताया कि यह बदलाव हाल का नहीं है। करीब एक साल पहले अय्यर ने ऑन साइड से थोड़ा ओपन स्टांस अपनाया था। आमरे ने कहा कि इससे अय्यर गेंद को बेहतर देख पा रहे हैं और जो स्टांस उन्होंने आमरे के साथ मिलकर सुधारा, उससे अब वे सीधे खड़े होकर आत्मविश्वास से जवाब दे सकते हैं।
"पहले गेंद उन्हें कंट्रोल करती थी, अब वे गेंद को कंट्रोल कर सकते हैं।"
जनवरी में आमरे के साथ किए गए काम का सबसे अच्छा उदाहरण नागपुर वनडे में जोफ़्रा आर्चर के ख़िलाफ़ लगाए गए लगातार दो छक्के थे। जॉस बटलर शॉर्ट लेग पर खड़े थे, जिससे अय्यर को शॉर्ट बॉल का अंदाज़ा था। लेकिन जब आर्चर ने पांचवें स्टंप लाइन पर हार्ड लेंथ गेंद फेंकी तो अय्यर तुरंत लाइन में आए और गेंद को डीप मिडविकेट के ऊपर से उड़ा दिया। अगली गेंद पर आर्चर ने गति बढ़ाकर करीब 143 किमी/घंटा की, लेकिन यह ऑफ स्टंप के बाहर थी, अय्यर पास आए और पंजों पर खड़े होकर डीप थर्ड के ऊपर कट कर दिया।
संभवत: इसी नए सेटअप की वजह से उनके IPL 2024 और 2025 प्रदर्शन में एक बड़ा बदलाव यह देखने को मिला है कि अय्यर अब गेंद को देर से खेल रहे हैं, ख़ासकर फ़ुल और गुड लेंथ गेंदों को। हॉकआई डेटा के अनुसार 2024 में उनकी औसत इंटरसेप्शन पॉइंट स्टंप्स से 1.65 मीटर था, जबकि इस साल यह 1.50 मीटर है।
जनवरी के इस सत्र के दौरान अय्यर ने अपने बैकलिफ़्ट को भी सुधारा। पारंपरिक बैकलिफ़्ट की जगह अब उनका बल्ला गली की दिशा से आता है। आमरे ने बताया कि यह टेनिस के फ़ोरहैंड हिट की तरह है, जिससे ज़्यादा ताक़त मिलती है। यह अभी विकसित होने की प्रक्रिया में है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में अय्यर ने शॉर्ट गेंद के खिलाफ़ सफ़ेद गेंद क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन किया है, जैसा कि आंकड़े दिखाते हैं।
"इसी वजह से अब आप देख सकते हैं कि वह शॉर्ट गेंद को ज़्यादा ताक़त से मार रहे हैं।"
आमरे, जो 2024 तक लगभग एक दशक तक दिल्ली कैपिटल्स (DC) के साथ थे, अय्यर को उनके बचपन से जानते हैं और शिवाजी पार्क स्थित अपनी एकेडमी में कोचिंग देते रहे हैं। 2015 IPL में DC की टीम में अय्यर को लाने का सुझाव भी आमरे ने ही दिया था, जब अय्यर IPL में अनकैप्ड थे। अय्यर ने 2018 के बीच से DC की कप्तानी की और मुख्य कोच रिकी पोंटिंग के साथ मिलकर टीम को 2019 में प्लेऑफ़ और 2020 में फ़ाइनल तक पहुंचाया।
2023 में अमेरिका की MLC लीग में सीएटल ऑर्कास के कोच के रूप में रहते हुए आमरे ने देखा कि बेसबॉल खिलाड़ी स्थिर बेस से ज़्यादा ताक़त निकालते हैं। उन्होंने सोचा कि अय्यर के साथ काम करते समय इसका उपयोग किया जा सकता है।
"बिना मूवमेंट के, बेसबॉल हिटर ताक़त पैदा करते हैं और गेंद दूर जाती है," आमरे ने कहा। "एक वजह यह है कि वे अपने कोर मसल्स पर ज़्यादा काम करते हैं। श्रेयस के साथ मैं चाहता था कि वे विशेष रूप से स्पिनरों के ख़िलाफ़ स्ट्रोक में पूरी ताक़त लगाएं ताकि मिस-हिट भी बाउंड्री पार जा सके।"
कोर मज़बूत करने के लिए आमरे ने अय्यर से भीगे बॉल्स या सैंडबॉल्स से बल्लेबाज़ी करवाई जो 150-350 ग्राम के बीच होती हैं - जबकि क्रिकेट गेंद का अधिकतम वज़न 163 ग्राम होता है। इनसे गेंद को दूर मारना मुश्किल होता है। लेकिन अभ्यास से बल्लेबाज़ हाथ की गति तेज़ कर लाइन के पार ज़्यादा ताक़त से मारना सीख जाते हैं।
आमरे के अनुसार, ताक़त बढ़ाने के लिए उन्होंने अय्यर को कल्पना करने को कहा कि कायरन पोलार्ड लॉन्ग-ऑन पर खड़े हैं और चुनौती है उन्हें पार करना। पोलार्ड इन इलाक़ों में सर्वश्रेष्ठ फ़ील्डरों में से थे, जो अपनी लंबाई और एथलेटिक बॉडी से बाउंड्री बचाते थे। "इसका मक़सद यह था कि श्रेयस पोलार्ड के ऊपर मारने से न डरें भले ही वह दुनिया के सबसे अच्छे फ़ील्डर हों।"
आमरे खुद को एक कारीगर मानते हैं, जो अय्यर को एक बेहतर बल्लेबाज़ बनाने के लिए लगातार मेहनत करते रहेंगे। और उन्हें पता है कि वे सही कर रहे हैं क्योंकि अय्यर ने जनवरी के उस सत्र के अंत में उनसे कहा था: "सर, अब मैं किसी को भी टक्कर दे सकता हूं।"
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं
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