विश्व कप में बुमराह को अधिक मिस नहीं करेगी टीम इंडिया : रोहन गावस्कर
'भारतीय टीम ने अपनी तैयारी में हर तरह की समस्या से निपटने की योजना बनाई है'

जहां अधिकतर क्रिकेट विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह के टी20 विश्व कप से बाहर होने की संभावना को भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बड़ा झटका मान रहे हैं, वहीं पूर्व क्रिकेटर रोहन गावस्कर का मानना है कि यह बड़ी बात नहीं है क्योंकि पिछले कुछ समय में बुमराह भारतीय टी20 टीम की योजनाओं का हिस्सा नहीं रहे हैं।
स्पोर्ट्स 18 के कार्यक्रम 'स्पोर्ट्स ओवर द टॉप' में बात करते हुए रोहन ने कहा, "आप बुमराह जैसे क्रिकेटर का विकल्प नहीं ढूंढ़ सकते लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि उन्होंने पिछले एक साल में भारत के लिए कितना टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला है? भारत अब उनके बिना भी खेलने का आदी हो गया है, इसलिए हम इसे 'नुक़सान' नहीं कह सकते। भारतीय टीम के पास हर समस्या से निपटने के लिए एक योजना मौजूद है।"
उन्होंने हाल ही में वेस्टइंडीज़ गई टीम इंडिया का उदाहरण भी दिया, जब दूसरे टी20 के दौरान अनुभवी भुवनेश्वर कुमार का ओवर शेष रहते हुए भी कप्तान रोहित शर्मा ने अंतिम और महत्वपूर्ण ओवर आवेश ख़ान को दिया था। तब रोहित ने कहा था कि भुवनेश्वर ऐसे दबाव के ओवर कई बार कर चुके हैं लेकिन अब युवाओं की बारी है ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के दबाव को झेलकर बेहतर प्रदर्शन दे सकें।
रोहन ने कहा, "यह मौजूदा भारतीय टीम की सोच को दर्शाता है। अगर बुमराह विश्व कप के लिए नहीं भी जाते हैं तो भी भारतीय टीम प्रबंधन के पास अतिरिक्त योजना होगी।"
आपको बता दें कि विश्व कप से ठीक पहले पीठ की चोट के कारण बुमराह साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सीरीज़ से बाहर हो गए और उनके विश्व कप से भी बाहर होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि वह अंत समय तक उनकी फ़िटनेस पाने का इंतज़ार करेंगे क्योंकि वह बेहद ही महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।
रोहन ने कहा कि भारतीय टीम को बुमराह जैसे तीनों फ़ॉर्मेट खेलने वाले गेंदबाज़ों के वर्कलोड मैनेजमेंट की बेहतर योजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, "यह भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं को तय करना है कि क्या उनका सीमित ओवर क्रिकेट का वर्कलोड कम किया जाए, क्या उन्हें लाल गेंद क्रिकेट पर अधिक ध्यान देना चाहिए? हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि उन्होंने इस साल सिर्फ़ पांच टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। इसका मतलब यह है कि उन पर सीमित ओवर के मैचों का अधिक भार नहीं है। लेकिन टीम प्रबंधन को उनकी चोट का प्रबंधन बेहतर ढंग से करना होगा ताकि एक बेहतरीन गेंदबाज़ से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पाया जा सके।"

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