उमरान मलिक: मैं भले ही चोट से वापस आ रहा हूं, लेकिन रफ़्तार से समझौता नहीं कर सकता
कूल्हे की चोट से उबरकर लगभग डेढ़ साल बाद वापसी कर रहे उमरान सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) से अपनी रफ़्तार और लय हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं

चोट के कारण लगभग डेढ़ साल तक मैदान से दूर रहने के बावजूद उमरान मलिक का कहना है कि रफ़्तार ही उनकी सबसे बड़ी पहचान है और इससे वह समझौता नहीं करने वाले हैं।
उमरान को IPL 2025 से पहले कूल्हे में चोट लगी थी और वर्तमान घरेलू सीज़न में वापसी करने से पहले उन्होंने अपना पिछला मुक़ाबला मार्च 2024 में सनराइज़र्स हैदराबाद (SRH) के लिए मुंबई इंडियंस (MI) के ख़िलाफ़ खेला था। यह IPL 2024 में उमरान का एकमात्र मुक़ाबला था, जबकि 2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ रहते हुए वह पूरी तरह से फ़िट न होने के चलते एक भी मुक़ाबला नहीं खेल पाए थे।
कोलकाता में जम्मू और कश्मीर (J&K) की तरफ़ से सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) खेल रहे उमरान ने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा, "चोट का क्या है…दुनिया के हर तेज़ गेंदबाज़ को पता है कि चोट उसके करियर का हिस्सा बनने वाला है। लेकिन रफ़्तार मेरा स्वाभाविक पहलू है, मैं उससे समझौता कैसे कर सकता हूं? रफ़्तार मेरी सबसे बड़ी ताक़त है और मैं लगातार उसी को ताक़त बनाए रखना चाहता हूं।"
"आप कभी भी सीधे 150 की रफ़्तार से गेंदबाज़ी नहीं कर सकते। आप धीरे-धीरे उस गति तक पहुंचते हैं। मैं किसी को अपनी रफ़्तार दिखाना नहीं चाहता बल्कि मैं अपने विकेट दिखाना चाहता हूं। लेकिन यह भी है कि मैं 10 साल बाद 150 से 140 की रफ़्तार से गेंदबाज़ी करना चाहता हूं, ना कि 150 से 130 की रफ़्तार पर आ जाऊं।"
उमरान को KKR ने IPL 2026 की नीलामी से पहले रिटेन किया है। यह KKR का एक बड़ा फ़ैसला था, क्योंकि चोट के कारण वह पिछले सीज़न एक भी मैच नहीं खेल पाए थे जो कि KKR टीम प्रबंधन का उमरान पर विश्वास भी दिखाता है। उमरान ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के मौजूदा संस्करण में अब तक खेले पांच मुक़ाबलों में 26.50 की औसत से छह विकेट लिए हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ 37 रन देकर तीन विकेट शामिल हैं।
जब उमरान पूछा गया कि आने वाले IPL को लेकर वह क्या सोचते हैं? तो उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि कई भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों के लिए IPL में शामिल होना उतना मुश्किल नहीं है। मेरे लिए भी यह शायद आसान है, लेकिन मैं सिर्फ़ टूर्नामेंट में शामिल होने की नहीं सोच रहा हूं।"
"पैसों का तो सवाल ही नहीं उठता। सबसे पहली और अंतिम बात यही है कि मेरी फ़िटनेस और फ़ॉर्म ऐसी हो कि मैं टीम के लिए हर मैच खेलूं और विकेट निकाल कर दूं। अगर मैं ऐसा नहीं कर सकता तो एक खिलाड़ी के तौर पर मेरी अहमियत क्या ही रह जाएगी। मुझे जितनी मेहनत करनी होगी करूंगा। जहां ग़लती होगी सीखूंगा। ख़ुद का ध्यान रखूंगा और वापसी ऐसी करना चाहूंगा कि वह यादग़ार बन जाए।"
चोट के बाद अगर कोई खिलाड़ी वापसी करता है तो वह सिर्फ़ शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी एक जंग लड़ता है, जिससे वह काफ़ी कुछ सीखता है। उमरान का कहना है कि पहले उनका ध्यान सिर्फ़ खेलने को लेकर होता था, लेकिन अब इसमें एक नई चीज़ जुड़ी है।
वह कहते हैं, "NCA (सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, बेंगलुरु) में समय बिताने के बाद और कई विशेषज्ञों से बात करने के बाद मैं अपने शरीर को बेहतर ढंग से समझने लगा हूं। मुझे अब पता है कि अगर मुझे चोट से बचना है तो क्या-क्या चीज़ें बेहतर ढंग से मैनेज करनी हैं।"
उमरान के इस वापसी पर जम्मू कश्मीर के रणजी ट्रॉफ़ी में उनके वरिष्ठ साथी ने ESPNcricinfo से नाम ना छापने की शर्त पर बात की, जो मैदान पर सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के दौरान उमरान की गेंदबाज़ी भी देख रहे थे।
उन्होंने कहा, "उमरान की इस वापसी का सबसे बड़ा पहलू उसका वर्क एथिक्स है। मैंने रणजी मैचों के दौरान एक अलग ही उमरान को देखा। ऐसा लगता है कि वह हर वक़्त अपने शरीर का ध्यान रखा रहा और गेंदबाज़ी पर काम कर रहा है। फ़िलहाल वह ज़िद में है कि उसे फिर से ऊपर के लेवल पर खेलना है और खेलना भी है तो 150 की स्पीड से गेंद डालते हुए खेलना है। अपनी लाइन लेंथ पर तो उसने बेहतरीन काम किया है। उसे अच्छी तरह से पता चल चुका है कि अगर इस गति से गेंदबाज़ी करनी है तो कैसे चोट के ख़तरे को कम किया जा सकता है।"
फ़िलहाल उमरान की नज़र सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी पर ही केंद्रित है। अब उनकी तरकश में अच्छी स्लो गेंद, लेंथ पर अच्छा कंट्रोल और घातक यॉर्कर है, जिसकी मदद से वह अपनी टीम जम्मू और कश्मीर को ट्रॉफ़ी जिताना चाहते हैं।
राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं
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