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टॉप 5 : एंजलो मैथ्यूज़ की तरह असाधारण आउट होने के तरीक़ो में मोहिंदर अमरनाथ, कुमार संगाकारा और रमीज़ राजा के नाम

सोमवार को श्रीलंका के वरिष्ठ ऑलराउंडर 146 सालों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहले टाइम आउट होने वाले बल्लेबाज़ बने

2009 में कुमार संगाकारा हिट विकेट आउट हुए थे  AFP

श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच विश्व कप मुक़ाबले में एंजलो मैथ्यूज़ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्हें टाइम आउट कर दिया गया हो। ऐसा उनके हेलमेट स्ट्रैप के टूटने से हुआ और बांग्लादेश कप्तान शाकिब अल हसन की अपील को अंपायर को स्वीकार करना पड़ा।

आईए नज़र डालते हैं पुरुष वनडे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ और असामान्य डिसमिसल के अवसरों पर।

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5. चामु चिभाभा (ज़िम्बाब्वे)

चामु चिभाभा 2015 में अफ़ग़ानिस्तान के विरुद्ध आउट दिए गए थे  AFP

अक्तूबर 2015 में अफ़ग़ानिस्तान और ज़िम्बाब्वे के बीच दूसरा वनडे मैच बुलावायो में खेला गया। मेहमान टीम के 223 के जवाब में ज़िम्बाब्वे के ओपनर्स ने ठोस शुरुआत दिलाई, लेकिन 10वें ओवर की आख़िरी गेंद पर चिभाभा स्पिनर अमीर हमज़ा का सामना कर रहे थे। गेंद उम्मीद के अनुसार उछाल के साथ नहीं आई और ऐसे में बल्ले का अंदरूनी किनारा लगा। गेंद स्टंप्स की दिशा में गई और चिभाभा ने रिफ़्लेक्स एक्शन में गेंद पर हाथ लगाकर उसका रास्ता रोका।

विकेटकीपर मोहम्मद शहज़ाद को इस बात का समझ आया कि यह नियमों के अनुसार हैंडल्ड द बॉल था और उन्होंने अपील की और अंपायर नाइजल लॉन्ग को बल्लेबाज़ को आउट देना पड़ा। हालांकि आख़िरकार ज़िम्बाब्वे ने मैच नाटकीय अंदाज़ में दो गेंदें रहते छह विकेट से जीता

4. रमीज़ राजा (पाकिस्तान)

1987 के विवाद से भरे पाकिस्तान दौरे पर दूसरे वनडे में ग्रैम गूच के 142 रनों के चलते इंग्लैंड ने कराची में 263 रन केवल 44 ओवर में बनाए। जवाब में रमीज़ राजा ने अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई और शोएब मोहम्मद और सलीम मलिक के साथ अच्छी साझेदारियां निभाई। हालांकि टीम के लगातार विकेट गिरते गए और रमीज़ एक छोर पर टिके रहे।

आख़िरी गेंद तक मैच हाथ से निकल चुका था लेकिन रमीज़ 121 गेंदों पर 98 नाबाद पर थे। उन्होंने शॉट आउटफ़ील्ड में खेला और दो रन पूरा करने के लिए दौड़ पड़े। थ्रो पैनी थी और ख़ुद को बचाने के लिए रमीज़ ने बल्ले से गेंद को मारा। ऐसे में वह 99 के स्कोर पर फ़ील्ड को बाधित करने के चलते आउट हुए

3. पीटर कर्स्टन (साउथ अफ़्रीका)

पीटर कर्स्टन के सौतेले भाई गैरी कर्स्टन बाद में भारत के कोच भी बने  Getty Images

1991 में भारत ने साउथ अफ़्रीका को उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 21 सालों बाद वापसी में पहली बार आमंत्रित किया था और अगले साल 1970 के बाद उस देश में पूरा दौरा करने वाली पहली टीम बनी।

पोर्ट एलिज़ाबेथ में दूसरे वनडे में भारत केवल 147 का स्कोर बना पाया, लेकिन जवाब में कपिल देव ने ऐंड्र्यू हडसन को जल्दी बोल्ड किया। इसके बाद उन्होंने केप्लर वेसेल्स को गेंद करते हुए एक्शन से पुल आउट किया और पीटर कर्स्टन को नॉनस्ट्राइकर छोर पर रन आउट किया।

कर्स्टन नाख़ुश थे लेकिन कपिल ने उन्हें याद दिलाया कि पूरे दौरे के दौरान उन्होंने तीन बार उनको अपना क्रीज़ छोड़ने पर चेताया था। हालांकि इस मामले से 'फ़्रेंडशिप' दौरे में मिज़ाज पर असर पड़ा। कपिल ने दावा किया था कि इस रन आउट के बाद साउथ अफ़्रीका कप्तान वेसेल्स ने दौड़ते हुए अपना बल्ला उनके पिंडली पर हल्के से मारा था। हालांकि होस्ट ब्रॉडकास्ट कर रही एसएबीसी ने कभी ऐसा कोई रीप्ले नहीं दिखाया।

2. मोहिंदर अमरनाथ (भारत)

1969 में टेस्ट डेब्यू करने वाले मोहिंदर अमरनाथ भारतीय क्रिकेट में कमबैक मैन कहे जाते रहे। 1989 में नेहरू कप में भारत का पहला मुक़ाबला श्रीलंका के साथ अहमदाबाद में खेला गया। कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत और रमन लांबा जल्दी आउट हो गए लेकिन अमरनाथ ने नवजोत सिद्धू का साथ दिया।

जब अमरनाथ 28 पर थे तब उन्होंने गेंदबाज़ को वापस उन्हीं की दिशा में खेला और क्रीज़ के थोड़ा बाहर आए। गेंदबाज़ ने स्टंप्स पर थ्रो किया तो अमरनाथ ने गेंद को पैर से रोका। ऐसे में उन्हें फ़ील्ड बाधित करने पर आउट दिया गया। हालांकि एक रोमांचक फ़िनिश में भारत ने मैच केवल छह रन से जीता। अमरनाथ ने इस मैच के बाद केवल चार और बार भारत का प्रतिनिधित्व किया। इत्तेफ़ाक़ से अमरनाथ 1986 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ हैंडल्ड द बॉल आउट भी हुए थे।

मोहिंदर अमरनाथ वनडे क्रिकेट में दो बार असामान्य डिसमिसल का शिकार बने  Getty Images

1. कुमार संगाकारा (श्रीलंका)

2009 में श्रीलंका ने भारत और न्यूज़ीलैंड के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला की मेज़बानी की। फ़ाइनल में भारत ने सचिन तेंदुलकर (138) के बदौलत 319 का स्कोर बनाया। जवाब में लगातार विकेट गिरते रहे लेकिन कप्तान संगाकारा (33) के रहते रन गति सात रन प्रति ओवर के पास था। ऐसे में आर पी सिंह की एक लो फ़ुल टॉस को वह लेग साइड में मारने गए, लेकिन ग्लव्स में पसीने के चलते बल्ले का हैंडल उनके हाथ से स्लिप कर गया और बल्ला उनके कंधे के पीछे से जाकर स्टंप्स से टकराया। इस चीज़ को देखकर आर पी और सुरेश रैना हंसी से लोटपोट रहे थे तो वहीं संगाकारा को कैसे वैसे ख़ुद को क्रीज़ से पवेलियन की ओर निकलना पड़ा। आख़िरकार भारत 46 रन से विजयी रहा

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देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख हैं @debayansen