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आंकड़ों की कहानी : भारत और न्यूज़ीलैंड ICC टूर्नामेंटों में सबसे प्रभावशाली टीमें

आंकड़े देते हैं गवाही देते हैं कि विराट कोहली, केन विलियमसन, रोहित शर्मा और मोहम्मद शमी बड़े मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं

केन विलियमसन और विराट कोहली ICC टूर्नामेंट में अलग ही लय में रहते हैं  Associated Press

हाल के वर्षों में भारत और न्यूज़ीलैंड ICC टूर्नामेंट में सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाली टीमें रही हैं। 2011 के बाद से ICC व्हाइट-बॉल टूर्नामेंट में भारत ने 86 में से 70 मैच जीते हैं, जो कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और साउथ अफ़्रीका जैसी टीमों से कहीं आगे है। ऑस्ट्रेलिया ने 49 मैच जीते हैं, जबकि न्यूज़ीलैंड और साउथ अफ़्रीका ने 45-45 मैच जीते हैं; इन तीनों टीमों ने 77 मैच खेले हैं।

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नॉकआउट्स में भारत और न्यूज़ीलैंड की निरंतर मौजूदगी

2011 के बाद से पुरुषों के 14 ICC टूर्नामेंट (दो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल सहित) हुए हैं, जिनमें भारत सिर्फ़ दो बार (2012 और 2021 के T20 वर्ल्ड कप) नॉकआउट में जगह नहीं बना पाया। 12 बार नॉकआउट में पहुंचकर भारत चार बार सेमीफ़ाइनल में हारा, पांच बार उपविजेता बना और तीन बार चैंपियन रहा।

न्यूज़ीलैंड ने भी लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और इस अवधि में आठ बार नॉकआउट में जगह बनाई, जिसमें चार सेमीफ़ाइनल और तीन बार उपविजेता रहना शामिल है। 2021 में उन्होंने भारत को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीती। किसी अन्य टीम ने इन दोनों से अधिक बार ICC टूर्नामेंट्स के सेमीफ़ाइनल तक का सफर तय नहीं किया है।

शुरुआती चरण में बेहतरीन प्रदर्शन

भारत ने इस अवधि में पांच बार नॉकआउट चरण में बिना कोई मैच हारे जगह बनाई, जिनमें उनके दो ख़िताबी अभियान (2024 T20 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी) अपराजित रहे। न्यूज़ीलैंड ने भी 2015 वनडे वर्ल्ड कप और 2016 T20 वर्ल्ड कप में बिना कोई मैच गंवाए नॉकआउट में प्रवेश किया।

2011 के बाद से भारत ने वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी में कुल 38 ग्रुप-स्टेज मैच खेले हैं, जिनमें से वे केवल तीन हारे और एक टाई किया। उनका जीत-हार अनुपात 11.333 है, जो दूसरे स्थान पर मौजूद ऑस्ट्रेलिया (2.555) से बहुत आगे है।

भारत की आखिरी ग्रुप-स्टेज हार 2019 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ आई थी, जिसके बाद उन्होंने लगातार 14 मैच जीते हैं।

विराट कोहली और रोहित शर्मा बड़े टूर्नामेंट में टीम के सबसे मज़बूत स्तंभ

भारत की मौजूदा टीम में कुछ खिलाड़ी लगातार सफलता में अहम योगदान देते रहे हैं, जिनमें विराट कोहली और रोहित शर्मा सबसे बड़े नाम हैं।

कोहली ने आईसीसी टूर्नामेंटों में तीन बार 'प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट' का ख़िताब जीता है - T20 वर्ल्ड कप 2014 और 2016 में, और 2023 वनडे वर्ल्ड कप में। यह किसी भी खिलाड़ी द्वारा सबसे ज़्यादा बार हासिल किया गया सम्मान है। 2023 वनडे वर्ल्ड कप में उनके 765 रन किसी भी बल्लेबाज़ द्वारा एक संस्करण में बनाए गए सर्वाधिक रन थे। उन्होंने अपने T20I करियर का अंत T20 वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ के रूप में किया। इसके अलावा, वह चैंपियंस ट्रॉफ़ी में क्रिस गेल के ऑल-टाइम सर्वाधिक रन के रिकॉर्ड से सिर्फ़ 45 रन पीछे हैं।

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रोहित के सात शतक और ICC टूर्नामेंट्स में उनका प्रभाव

वनडे वर्ल्ड कप में सात शतक बनाने वाले रोहित शर्मा का प्रदर्शन भारत की जीतों में अहम रहा है। इनमें से पांच शतक 2019 में आए, जो किसी भी बल्लेबाज़ द्वारा एक ही संस्करण में सबसे ज़्यादा हैं। वहीं, T20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे अधिक छक्के (50) लगाने का रिकॉर्ड भी रोहित के नाम है।

रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी का रिकॉर्ड प्रदर्शन

रवींद्र जडेजा 20 विकेटों के साथ चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ हैं। 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के फ़ाइनल में उन्होंने प्लेयर ऑफ़ द मैच का पुरस्कार जीता और गोल्डन बॉल भी हासिल की। मोहम्मद शमी ने पिछले वनडे वर्ल्ड कप में बीच टूर्नामेंट में आकर 24 विकेट झटके, जो भारत के किसी गेंदबाज़ द्वारा एक संस्करण में सबसे ज़्यादा हैं।

न्यूज़ीलैंड की सफलता में केन विलियमसन की भूमिका

न्यूज़ीलैंड के लिए केन विलियमसन सबसे बड़े मैच विजेता रहे हैं। ICC व्हाइट-बॉल टूर्नामेंट्स (वनडे और T20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी) में उनके नाम न्यूज़ीलैंड के लिए सबसे ज़्यादा रन हैं। 2019 वर्ल्ड कप में फ़ाइनल तक पहुंचे अभियान में वे टीम के सबसे बड़े स्कोरर रहे और किसी एक संस्करण में न्यूज़ीलैंड के लिए संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे।

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न्यूज़ीलैंड के लिए मिचेल सैंटनर और मैट हेनरी का योगदान

मिचेल सैंटनर कप्तान के रूप में अपनी पहली ही ICC प्रतियोगिता में फ़ाइनल तक पहुंचे हैं। वह पिछले एक दशक से न्यूज़ीलैंड टीम के अहम सदस्य रहे हैं। 2016 T20 वर्ल्ड कप उनका पहला ICC टूर्नामेंट था। उसमें उन्होंने 10 विकेट लिए और न्यूज़ीलैंड को सेमीफ़ाइनल तक पहुंचाया। इस चैंपियंस ट्रॉफी में भी उन्होंने 4.85 की किफ़ायती इकॉनमी रेट के साथ 7 विकेट चटकाए हैं। मैट हेनरी का योगदान भी अहम रहा है, खासकर 2019 वर्ल्ड कप सेमीफ़ाइनल में 3/37 का प्रदर्शन। वे इस चैंपियंस ट्रॉफी में भी सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं।

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