स्नेह राणा ने फिर दिखाया कि वह भारतीय टीम के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं
टीम में वापसी कर रहीं स्नेह ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 15 रन देकर दो विकेट लिए

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के पाकिस्तान के ऊपर आठ विकेटों की जीत में स्नेह राणा ने अपने चार ओवर के स्पेल में दो विकेट लेते हुए 11 डॉट गेंदें डाली और उनकी गेंदबाज़ी पर केवल दो चौके लगे।
इरम जावेद का विकेट जल्दी खोने के बाद पाकिस्तान की टीम 18 ओवर प्रति टीम मुक़ाबले में मुनीबा अली और बिस्माह मारूफ़ के बीच साझेदारी द्वारा वापसी करती दिख रही थी। दोनों ख़ब्बू बल्लेबाज़ों ने 40 गेंद में 50 रन जोड़कर एक सम्मानजनक स्कोर की नींव रची थी।
ऐसे में इन खेलों में अपना पहला मैच खेल रहीं स्नेह को गेंद थमाई गई। उनके पहले ओवर से पूर्व दो ओवरों में 19 रन बने थे गए और उनके पहले ओवर के बाद छह गेंदों पर 14 रन बने, लेकिन उन्होंने इस बीच केवल पांच सिंगल्स दिए। इसके बाद उन्होंने अपने पिटारे में से सारे हथियार निकाले।
उन्होंने अपनी लेंथ और फ़्लाइट में विविधता के चलते बिस्माह को स्वीप के प्रयास में विकेट के सामने फंसाया। इसके बाद नई बल्लेबाज़ ओमाइमा सोहैल ऑफ़ स्टंप के बाहर आर्म बॉल पर बीट हुईं लेकिन आउट नहीं।
इसी ओवर की आख़िरी गेंद किसी भी ऑफ़ स्पिनर के लिए आदर्श गेंद साबित होती। उन्होंने गेंद को काफ़ी हवा दी और गेंद बल्लेबाज़ के सामने डिप करते हुए मिडिल स्टंप पर लेंथ पर आ गिरी। मुनीबा अपना संतुलन फ़्रंट फ़ुट पर ला चुकी थीं और गेंद की हरकत के चलते वह अपने चिप शॉट पर नियंत्रण नहीं ला पाईं। स्नेह ने आसान कैच पकड़ा और उनके दूसरे ओवर में दो रन पर दो विकेट आए।
पाकिस्तान की पारी में स्नेह ने रन रोकने का काम किया। जाते-जाते उन्हें एक और विकेट मिल सकता था लेकिन आलिया रियाज़ ऑन-फ़ील्ड नॉट आउट कॉल के चलते बच गईं। फ़्लिक करने के प्रयास में वह विकेट के आगे फंस गईं थीं और गेंद जाकर स्टंप्स से ही टकराती, लेकिन इंपैक्ट अंपायर के फ़ैसले के साथ था।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब बड़े टूर्नामेंट में स्नेह ने भारत के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन किया हो। न्यूज़ीलैंड में हुए विश्व कप में उन्होंने संकटमोचक बनकर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपना पहला वनडे अर्धशतक बनाया था और फिर बांग्लादेश के विरुद्ध जीत में 30 रन देकर चार विकेट लिए थे।
पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने इकलौते टेस्ट में चार विकेट लिए थे और नाबाद 80 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद जब उन्होंने तीसरे वनडे में जीत में भी योगदान दिया था तब मुख्य कोच रमेश पवार ने उन्हें 'सीरीज़ का खोज' बताया था। पूर्व कप्तान मिताली राज के अनुसार वह भारत के लिए नेशनल टीम की एक अहम ऑलराउंडर के रूप में उभरी थीं, लेकिन जून 2021 के बाद स्नेह ने भारत के खेले गए 12 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में से केवल पांच खेले।
इसके बावजूद, इस अवधि में न्यूनतम 10 ओवर डालने वाली भारतीय गेंदबाज़ों में उनकी इकॉनमी रेट उन्हें कुल तीसरे स्थान पर रखती है और स्पिन गेंदबाज़ों में वह सबसे आगे हैं। स्नेह घरेलू क्रिकेट में रेलवेज़ के लिए मेहनत करतीं हैं और इस टीम की कप्तान भी हैं। वह इसी अनुभव और गुणवत्ता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी दर्शा रही हैं।
रेलवेज़ के मुख्य कोच और पूर्व भारतीय ऑफ़ स्पिनर नूशीन अल ख़दीर की देखरेख में स्नेह ने अपनी गेंदबाज़ी और फ़िटनेस दोनों में काफ़ी सुधार किया है। जब उन्हें पिछले महीने श्रीलंका दौरे से आराम दिया गया था तब वह राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में अपने फ़िटनेस पर काम करने गई थीं। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मुक़ाबले में टीम से बाहर बैठने के बाद स्नेह ने फिर सबको याद दिलाया कि इस टीम में वह कितनी मूल्यवान सदस्य हैं।
एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के प्रमुख देबायन सेन ने किया है
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