14 वर्षों तक हरियाणा के लिए खेलने के बाद हर्षल पटेल की गुजरात वापसी
गृह राज्य लौटने के चलते तेज़ गेंदबाज़ अहमदाबाद में अपने परिवार के साथ अधिक समय बिता सकेंगे

जयंत यादव के बाद हरियाणा से हर्षल पटेल ने भी अपनी राहें जुदा कर ली हैं और आगामी घरेलू सत्र 2025-26 के लिए वह गुजरात के साथ जुड़ गए हैं।
हर्षल ने तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और वह प्री सीज़न अभ्यास के लिए उपलब्ध रहेंगे जिसमें इस महीने सौराष्ट्र और बड़ौदा के साथ होने वाली त्रिकोणीय सीरीज़ शामिल है।
हर्षल की गुजरात वापसी एक चक्र के पूरा होने जैसा है। गुजरात में जन्मे हर्षल ने एक बेहतरीन अंडर-19 सीज़न के बाद 2008-09 में गुजरात के लिए लिस्ट ए डेब्यू किया था। हालांकि 2010 में अंडर-19 विश्व कप खेल कर लौटने के बाद उन्होंने हरियाणा जाने का फ़ैसला किया।
उन्होंने अंततः 2011-12 में हरियाणा के लिए प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया और तब से सभी प्रारूपों में उनकी टीम के प्रमुख सदस्य रहे हैं। कुल मिलाकर, हर्षल ने 74 मैचों में 24.02 की औसत से 246 प्रथम श्रेणी विकेट लिए हैं, जिसमें 12 बार पारी में पांच विकेट भी शामिल हैं।
पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा को सफ़ेद गेंद के प्रारूपों में एक मज़बूत टीम बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2023-24 में अपना पहला विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी खिताब जीता था।
हर्षल ने ESPNcricinfo से कहा, "2010-11 से लेकर अंडर-19 के दिनों तक, मेरा लगभग पूरा पेशेवर करियर हरियाणा के साथ रहा है। मैं उनका बहुत आभारी हूं।" उन्होंने आगे कहा, "अगर 18 साल की उम्र में हरियाणा आना मेरे लिए कारगर नहीं होता, तो शायद मैं अमेरिका चला जाता और भारत में क्रिकेट नहीं खेल पाता।"
हर्षल अपना समय अमेरिका - जहां उनका बड़ा परिवार है - और अहमदाबाद, जहां वे रहते हैं, के बीच बांटते हैं। हर्षल ने टीम बदलने का फ़ैसला ऐसे समय में लिया है जब उन्हें लगा कि क्रिकेट की व्यस्तताओं के बीच उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
हर्षल ने कहा, "लंबे समय तक परिवार से दूर रहना मेरे लिए मुश्किल होता जा रहा था। इसलिए मैं वापस आना चाहता था और देखना चाहता था कि क्या मैं अपना करियर यहीं खत्म कर सकता हूं। ख़ुशी है कि मुझे ऐसा करने का मौक़ा मिला।"
हर्षल से एक और टीम ने संपर्क किया था, लेकिन वह पहले यह देखना चाहते थे कि गुजरात टीम इसमें दिलचस्पी लेगी या नहीं। और जैसा कि पता चला, वे उन्हें वापस पाकर "बेहद ख़ुश" थे।
"मैंने सबसे पहले अनिल पटेल [सचिव, गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन] से पूछा और उन्होंने बड़ी विनम्रता से कहा, 'यह आपका घर है, आपका स्वागत है।' वापस आने के बाद, मैं टीम की हर ज़रूरत के लिए खेलने को तैयार हूं।"
"हालांकि मेरी विशेषज्ञता सफ़ेद गेंद वाली क्रिकेट ही रहेगी, लेकिन लाल गेंद क्रिकेट में मुझे जो भी मौक़ा मिलेगा, मैं उसे लेने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।"
हर्षल पिछले दो सीज़न से नियमित रूप से प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं, उन्होंने इस दौरान सिर्फ़ सात लाल गेंद के मैच खेले हैं। लेकिन आगे की बात करें तो, वह अपने शरीर की स्थिति से ख़ुश हैं और अगर उन्हें चुना जाता है तो फिर से कड़ी मेहनत करने के लिए उत्सुक हैं।
उन्होंने कहा, "मेरा शरीर मुझे दो महीने या रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न जितने भी लंबे हों, एक दिन में 20 ओवर गेंदबाज़ी करने की अनुमति देता है; इससे मुझे कोई परेशानी नहीं है। मुझे कड़ी मेहनत पसंद है। मेरा लक्ष्य हमेशा से यही रहा है कि मैं जितना हो सके उतना अच्छा क्रिकेट खेलूं, चाहे मैं किसी भी प्रारूप में खेल सकूं।"
34 साल की उम्र में, हर्षल IPL में नियमित रूप से खेलते हैं और सनराइज़र्स हैदराबाद के साथ एक शानदार सीज़न बिता कर आ रहे हैं, जिसमें उन्होंने 13 मैचों में 9.80 की इकॉनमी रेट से 16 विकेट लिए। उन्होंने अपने 25 T20I मैचों में से सबसे हालिया मैच जनवरी 2023 में खेला था, और फ़िलहाल वह टीम में नहीं हैं। हालांकि, भारत में वापसी की संभावना उनके ज़ेहन में नहीं है।
उन्होंने कहा, "भारत में मेरा चयन, IPL और यह सब चीज़ें, जहां भी मैं खेलूं, अपना सर्वश्रेष्ठ देने की मेरी मानसिकता का नतीजा हैं। मेरी प्रेरणा का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि मैं भारत के लिए खेलूंगा या नहीं या IPL खेलूंगा या नहीं।
"मेरी प्रेरणा का इस बात से लेना-देना है कि क्या मुझमें अब भी मैदान पर जाकर एक दिन में 10-15 ओवर फेंकने की भूख है, और क्या मैं दो-तीन महीनों में ऐसा कर सकता हूं। और इसका जवाब है हां।"
गुजरात में, हर्षल को उम्मीद है कि वह अपने अनुभव का उपयोग उस टीम को देंगे जो मुख्य कोच रमेश पोवार के नेतृत्व में काफ़ी हद तक बदलाव के दौर से गुज़र रही है।
उन्होंने कहा, "मैं यह देखने के लिए बहुत उत्साहित हूं कि मैं टीम की बेहतरी में क्या योगदान दे सकता हूं। हाल ही में मैंने रमेश भाई और अक्षर [पटेल] से इसी बारे में बात की थी। अगर मैं खिलाड़ियों के विकास में किसी तरह योगदान दे सकूं, उनका मार्गदर्शन कर सकूं और उनकी यात्रा में उनकी मदद कर सकूं, तो इससे बड़ी संतुष्टि और क्या होगी।"
"जहां तक मेरे अपने सफ़र की बात है, मैंने हमेशा ख़ुद से पूछा है कि मैं सबसे अच्छा खिलाड़ी कैसे बन सकता हूं। इसी ने मुझे इतने सालों तक आगे बढ़ाया है, और आज भी मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। मेरी ट्रेनिंग की निरंतरता शायद पहले से कहीं बेहतर है।
"मैं वाकई बहुत खुशकिस्मत हूं और मैं वाकई खुशकिस्मत हूं कि अब मुझे पैसों की कोई चिंता नहीं है [IPL की बदौलत]। अब वह बात दूर हो गई है, बस एक ही चीज़ मुझे आगे बढ़ाती है और वह है कि मैं यह खेल खेलना चाहता हूं क्योंकि मुझे यह खेल खेलना बहुत पसंद है।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo के वरिष्ठ संवाददाता हैं।
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