भारत और पाकिस्तान समेत कुल 17 देश 2024-2031 चक्र में आईसीसी टूर्नामेंट की मेज़बानी के उम्मीदवार
मलेशिया, ओमान, नामीबिया, स्कॉटलैंड, यूएई और यूएसए - इन छहः एसोसिएट देशों ने भी अपनी इच्छा व्यक्त की

साल 2024 से 2031 के बीच खेले जाने वाले पुरुषों के आठ आईसीसी टूर्नामेंटों दो वनडे विश्व कप, चार टी20 विश्व कप और दो चैंपियंस ट्रॉफ़ी की मेज़बानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के कुल 17 सदस्यों ने अपने हाथ खड़े किए हैं। उम्मीदवारों की इस सूची में उल्लेखनीय नाम पाकिस्तान का है, जिन्होंने 1996 विश्व कप के फ़ाइनल के बाद से किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट की मेज़बानी नहीं की है।
अपने देश की नाज़ुक सुरक्षा परिस्थितियों के कारण पाकिस्तान लगभग एक दशक के लिए घर पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने से वंचित रहा। वैसे तो 2008 की चैंपियंस ट्रॉफ़ी पाकिस्तान की सरज़मीं पर खेली जानी थी पर उसे पहले तो एक साल के लिए टाल दिया गया और आख़िरकार दक्षिण अफ़्रीका में यह टूर्नामेंट खेला गया था। फिर 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई टीम की बस पर हुए हमले के बाद से पाकिस्तान ने एक दशक के लिए अपने सभी घरेलू मुकाबले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेले थे। इस कार्यकाल में उसे 2011 के वनडे विश्व कप की सह मेज़बानी से भी हाथ धोना पड़ा था।
पाकिस्तान के अलावा 10 अन्य पूर्ण सदस्य देशों ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, न्यूज़ीलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश, दक्षिण अफ़्रीका, वेस्टइंडीज़, जिंबाब्वे और आयरलैंड ने (व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से) प्रारंभिक प्रस्ताव पेश किए हैं। इनके अलावा छह एसोसिएट देश मलेशिया, ओमान, नामीबिया, स्कॉटलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका ने भी अपनी इच्छा जताई हैं।
इस काल के दौरान विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल तथा अंडर 19 और महिलाओं के टूर्नामेंटों के मेज़बान देशों का चुनाव करने की प्रकिया साल के अंत में शुरू होगी। आईसीसी के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी ज्यॉफ़ ऐलर्डाइस ने कहा, "हम पुरुषों के लिए साल 2023 के बाद की आईसीसी स्पर्धाओं की मेज़बानी के लिए अपने सदस्यों के उत्साह को देखकर खुश हैं। यह प्रक्रिया हमें अपने मेज़बानों की सीमा का विस्तार करने और आने वाले समय में खेल के लिए महान विरासत बनाने का सुनेहरा अवसर देती हैं। साथ ही ये दुनिया भर के लोगों में क्रिकेट के प्रति रुचि बढ़ाने का मौका भी देती है।"
"दुनिया भर में एक अरब से भी ज़्यादा लोग क्रिकेट के प्रशंसक है। लंबे समय से आईसीसी की प्रतियोगिताओं ने मेज़बान देशों के सामाजिक तथा आर्थिक लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। यह आयोजन मेज़बान देशों को सामाजिक और आर्थिक मदद के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करने का और खेल को विकसित करने का काम करते हैं।"
"अब हम इस प्रकिया के दूसरे चरण की ओर बढ़ेंगे जहां सदस्य विस्तार से अपना प्रस्ताव आईसीसी के सामने रखेंगे। इन प्रस्तावों के आधार पर इस साल के अंत में भविष्य में होने वाले टूर्नामेंटों के मेज़बान देशों का चयन किया जाएगा।"
पिछले एक दशक में , पुरुषों के ज़्यादातर आईसीसी टूर्नामेंटों की मेज़बानी क्रिकेट जगत के तीन बड़े क्रिकेट बोर्ड द्वारा की गई है। पिछले तीन वनडे विश्व कप भी इन्हीं तीन देशों में खेले गए थे - 2011 में भारत (श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ सह-मेज़बानी), 2015 में ऑस्ट्रेलिया (न्यूज़ीलैंड के साथ सह-मेज़बानी) और 2019 में इंग्लैंड। इतना ही नहीं, 2023 का अगला वनडे विश्व कप भी भारत में खेला जाना है। वैसे तो इस साल का टी20 विश्व कप भी भारत में खेला जाना था पर कोविड-19 महामारी के कारण उसे यूएई में खेलने का निर्णय लिया गया। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया भी 2022 के टी20 विश्व कप की मेज़बानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि अगले चक्र की प्रतियोगिताओं को किस आधार पर बांटा जाएगा। साल की शुरुआत में आईसीसी ने अपनी पुरानी प्रक्रिया से यू-टर्न ले लिया था। अब नई प्रक्रिया में खुली बोली की बजाए आईसीसी बोर्ड प्रतियोगिताओं के मेज़बान देशों का चुनाव करेगा।
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब-एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.