भारतीय टीम के चयन के क्या मायने निकाले जा सकते हैं?
टेस्ट और टी20 टीम के चुनाव के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए है

पुजारा की वापसी, इशांत की विदाई?
चेतेश्वर पुजारा की टेस्ट दल में वापसी हुई है। उनकी यह वापसी काउंटी चैंपियनशिप में उनके द्वारा किए गए शानदार प्रदर्शन का परिणाम है, जहां उन्होंने 6, 201*, 109, 12, 203, 16, 170* और 3 का स्कोर बनाया। वहीं इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पिछले साल से ही जारी पांच मैचों की सीरीज़ में वह 32.42 की औसत के साथ भारत के सर्वश्रेष्ठ मध्य क्रम के बल्लेबाज़ भी हैं।
क्या इसका मतलब यह है कि अगर इशांत शर्मा भी अच्छा प्रदर्शन करें तो उनकी भी टीम में वापसी हो सकती है? भारत के तीसरे टेस्ट गेंदबाज़ की दौड़ में वह उमेश यादव, मोहम्मद सिराज और अब प्रसिद्ध कृष्णा से भी पीछे चले गए हैं। फ़रवरी-मार्च के रणजी मैचों के बाद इशांत ने कोई प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है, वहीं भारत में तेज़ गेंदबाज़ों की खेप लगातार बढ़ रही है। इससे इशांत की वापसी उतनी आसान नहीं लगती है।
तेज़ बल्लेबाज़ी चाहिए लेकिन भरोसा भी
पिछले तीन आईपीएल में पृथ्वी शॉ का पावरप्ले स्ट्राइक रेट 152.84 का रहा है। वहीं बीच के ओवरों में संजू सैमसन 150 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। लेकिन टीम चयन में इन दोनों बल्लेबाज़ों को नज़रअंदाज़ किया गया है। इसका एक कारण यह है कि तेज़ खेलने के चक्कर में ये दोनों बल्लेबाज़ अक्सर जल्दी आउट हो जाते हैं। यही कारण है कि इस साल आपीएल में उनकी औसत 30 से कम की है और विराट कोहली व रोहित शर्मा के आराम मिलने के बावजूद उन्हे टीम में जगह नहीं मिली है।
भविष्य के सितारों के लिए लंबा मौक़ा?
इशान किशन का इस आईपीएल सीज़न में स्ट्राइक रेट 120.11 का रहा और वह अपने सर्वश्रेष्ठ से कोसों दूर दिखे। ठीक यही हाल वेंकटेश अय्यर का भी रहा, जिनकी औसत 16.54 और स्ट्राइक रेट 107.69 का है। लेकिन दोनों की जगह बरक़रार रही है। इसका मतलब है कि चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को इन दो युवा प्रतिभाओं पर पूरा भरोसा है और वे इन भविष्य के सितारों को अपने आप को स्थापित करने के लिए एक लंबा मौक़ा देना चाहते हैं। दोनों को बाएं हाथ का बल्लेबाज़ और एक को विकेटकीपर व दूसरे को उपयोगी गेंदबाज़ होने का भी फ़ायदा मिला है।
कुछ नए तेज़ गेंदबाज़
आईपीएल 2022 को तेज़ गेंदबाज़ों के खान के रूप में जाना जाएगा। भारत के कई युवा अनकैप्ड तेज़ गेंदबाज़ों ने इस साल अपनी गेंदबाज़ी से सबको प्रभावित किया है, जिसमें चयनित हुए उमरान मलिक और अर्शदीप सिंह के अलावा मोहसिन ख़ान, मुकेश चौधरी, कुलदीप सेन, यश दयाल का नाम शामिल है।
उमरान की गति हमेशा 150 को पार करती है और वह शरीर या पैरों को निशाना बनाते हें। वहीं अर्शदीप की गति उतनी तेज़ नहीं है, लेकिन इस बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने डेथ ओवरों में सिर्फ़ 7.31 की इकॉनमी से रन दिए हैं, जो कि सर्वश्रेष्ठ है।
फ़िनिशर कौन: पंड्या या कार्तिक?
अगर हार्दिक पंड्या गेंदबाज़ी करते हैं तो वह हमेशा से भारत के सीमित ओवर क्रिकेट में पहली पसंद हैं। इस आईपीएल सीज़न में उन्होंने ना सिर्फ़ गेंदबाज़ी की है बल्कि 140 किमी/घंटा की गति को भी कई बार पार किया है। वह हार्ड लेंथ पर गेंदबाज़ी कर रहे हैं और गति-परिवर्तन से भी बल्लेबाज़ को चकमा दे रहे हैं। इस बीच उनकी चोट एक बार और उभरी लेकिन वह फिर से वापिस आए और गेंदबाज़ी व बल्लेबाज़ी दोनों में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।
लेकिन इस टी20 टीम में दिनेश कार्तिक की भी वापसी हुई है, जिन्होंने डेथ ओवरों में 226.37 के स्ट्राइक रेट से 91 गेंदों में 206 रन बनाए हैं। 37 की उम्र में कार्तिक अपने क्रिकेट करियर के शीर्ष पर दिखाई दे रहे हैं और फ़िनिशर की भूमिका को बेहतरीन तरीक़े से निभा रहे हैं।
लेकिन सवाल उठता है कि अंतिम एकादश में उनकी जगह कैसे बनेगी? अगर कार्तिक विकेटकीपिंग की जगह पार्ट टाइम स्पिन गेंदबाज़ होते तो टीम में उनकी जगह लगभग पक्की होती। तब ऋषभ पंत नंबर पांच, हार्दिक नंबर छह और कार्तिक नंबर सात पर बल्लेबाज़ी करते। चूंकि कार्तिक विकेटकीपर की पहली पसंद नहीं हैं और हार्दिक के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में चार ओवर फेंकने पर अब भी संदेह हैं, इसलिए यह अधिक संभव है कि भारतीय टीम में किसी ऐसे आलराउंडर की जगह बनेगी, जो पूरे चार ओवर फेंकने के साथ-साथ नीचे सात नंबर पर आकर उपयोगी बल्लेबाज़ी भी कर ले। वर्तमान दल में अक्षर पटेल ऐसे ही विकल्प हैं।
कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं।
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