आत्मविश्वासी और दृढ़ निश्चयी गिल को अब अपना रास्ता खु़द बनाना होगा
पिछले दो सालों में शुभमन गिल को बतौर नेतृत्वकर्ता के तौर पर विकसित होते हुए लोगों ने देखा है। अब, उन्हें यह साबित करना होगा कि वे सही हैं
कुंबले: गिल को नंबर-3 पर ही खेलना चाहिए
इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट दल पर अनिल कुंबले की प्रतिक्रियाजब 2024 की शुरुआत में इंग्लैंड भारत आई थी तो भारत बदलाव के दौर को देख रहा था। रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर अश्विन समान उम्र के थे और वे लंबे समय तक नहीं खेलने वाले थे। सीरीज़ की शुरुआत भारत की हार के साथ होती है लेकिन वे बाद में 4-1 से सीरीज़ जीत लेते हैं। एक युवा जिसका 20 टेस्ट के बाद औसत 31 था और वह टीम में जगह बनाने को देख रहा था, उसने मौक़े का फ़ायदा उठाया और दो शतक लगा दिए।
सीरीज़ के अंत में कोच राहुल द्रविड़ ने चयनकर्ताओं को कहा कि शुभमन गिल में नेतृत्व की क्षमता है। अपने करियर के एक संवेदनशील मोड़ पर होने के बावजूद गल ने प्लानिंग में शामिल होने की इच्छा जताई, दूसरे के गेम में दिलचस्पी दिखाई और अपना मिज़ाज़ दिखाया। उन्होंने अभी तक गुजरात टाइटंस (GT) की भी कप्तानी नहीं की थी। वह कभी अंडर-19 स्तर पर कप्तान नहीं रहे थे। उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी में भी केवल एक मैच में पंजाब की कप्तानी की थी।
इन डेढ़ सालों के भी चयनकर्ताओं ने गिल को नेतृत्वकर्ता के तौर पर उभरते हुए देखा। उन्हें GT में आशीष नेहरा के साथ काम करते देखा, वह केवल और आत्मविश्वासी और दृढ़ बनते दिखाई दिए।
ऐसे नेतृत्वकर्ता बदलाव के लिए कभी सही समय नहीं होता है। पीछे मुड़कर देखें तो चयनकर्ताओं को पिछले साल बांग्लादेश टेस्ट के दौरान गिल को उप कप्तान नियुक्त करना चाहिए था। उन्हें दो घरेलू सीरीज़ में प्रशिक्षण मिल जाता और फिर ऑस्ट्रेलिया जाना पड़ता, जहां रोहित बच्चे के जन्म के कारण शुरुआत से सीरीज़ में नहीं खेल पाए। फिर, कौन सोच सकता था कि रोहित में इतनी तेज़ गिरावट आएगी कि वह ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान खु़द को बाहर कर देंगे?
एक बात जिसका पहले से ही अनुमान लगाया जा सकता था, वह यह थी कि कप्तान के रूप में जसप्रीत बुमराह खु़द बुमराह के लिए भी एक जोखिम था। कप्तान के तौर पर उन्हें हर टेस्ट खेलना होता और ऑस्ट्रेलिया में उनको चोट भी लगी। भारत यह रिस्क दोबारा नहीं लेना चाहता। बुमराह बतौर गेंदबाज़ बहुत अहम हैं।
Agarkar on Gill: 'We've taken feedback from a lot of people'
India's chairman of selectors Ajit Agarkar explains why they chose Shubman Gill as India's new Test captainइस पर भी बहस हो सकता है कि गिल को अपने कप्तानी करियर की शुरुआत मुश्किल दौरे से नहीं करनी चाहिए, लेकिन चयनकर्ता दो बातों में साफ़ दिखे। कप्तान सर्वश्रेष्ठ इलेवन से आना चाहिए। इससे रोहित बाहर हो गए। न ही वे केएल राहुल या कोहली में किसी कामचलाऊ व्यवस्था की तलाश करना चाहते थे।
बुमराह की फ़िटनेस को देखते हुए बात गिल और ऋषभ पंत पर थी, जो पिछले पांच सालों में भारत के बल्लेबाज़ टेस्ट बल्लेबाज़ रहे हैं। अब यह एक निर्णय तक पहुंच गया। पंत एक बड़े एक्सीडेंट के बाद वापस आ रहे हैं। उन्होंने लगातार दस टेस्ट मैच खेलकर उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया है, लेकिन चयनकर्ता उनको लेकर सावधान रहना चाहते हैं। उनका अपना गेम भी इस समय सही ट्रैक पर नहीं है।
गिल को लेकर भी तर्क़ दिया जा सकता है। 32 टेस्ट बाद उनकी औसत केवल 35.05 की है।
यहीं पर आपको नंबरों की जगह चयनकर्ताओं पर विश्वास करना होगा। वे गिल में क्षमता देखते हैं, जो उन्होंने वनडे में दिखाई है। कच्चे आंकड़ों से थोड़ा आगे जाकर देखें तो आप पाएंगे कि गिल ने किन मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाज़ी की है। उनके साथ टेस्ट मैचों में, सभी शीर्ष छह बल्लेबाज़ों की कुल औसत 32.92 रही है। इसलिए वह अपने समय के बेहतर बल्लेबाज़ों में से एक रहे हैं।
भारतीय टेस्ट क्रिकेट का यह दौर 2013, 2014 और 2015 से अलग नहीं है। कोहली को भी कुछ इसी तरह से कप्तानी मिली थी। वह 26 के थे, गिल 25 के हैं। उन्होंने 29 टेस्ट खेले थे और औसत 39.46 की थी। उनका इंग्लैंड का ख़ौफ़नाक दौरा रहा था, उनको वहां से बाहर निकलने की ज़रूरत थी। वह एक समकालिक वनडे खिलाड़ी थे, गिल भविष्य के समकालिक वनडे खिलाड़ी हैं। उस समय कोहली पूरे दो सीज़न IPL में बतौर कप्तान उतर चुके थे।
कोहली को रवि शास्त्री का समर्थन था, जिन्होंने जब कोहली के बचाव की ज़रूरत थी तो उनका बचाव किया और जब उन्हें साथ की ज़रूरत थी तो उनका साथ दिया। कप्तान के तौर पर कोहली के सबसे बेहतरीन साल BCCI को प्रशासकों की समिति द्वारा संचालित किए जाने के समय के साथ मेल खाते हैं, जिससे राजनीति की ज़रूरत कम हो गई। गिल को ये सुख-सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
Watch - Ajit Agarkar announces India's squad for Test series in England
Shubman Gill was named captain of the 18-man squad with Rishabh Pant the vice-captainहालांकि, कोहली की शुरुआत अनिश्चित थी। वह नहीं जानते थे कि पूर्णकालिक कप्तान एमएस धोनी खेलेंगे या नहीं। और तब धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में मध्य सीरीज़ में संन्यास ले लिया। गिल को इस पद पर उचित तरीके से नियुक्त किया गया है। IPL के दौरान किसी समय उन्हें टीम के कप्तान के रूप में चुना गया था, जिसके बाद उन्होंने चयनकर्ताओं के साथ व्यावहारिक रूप से टीम के कप्तान के रूप में बैठकें की हैं। वह इस बात को लेकर स्पष्ट विचार रखते हैं कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए क्या चाहते हैं और वह इसे किस तरह से आगे बढ़ाना चाहते हैं।
अब यह गिल पर है कि वह अपना रास्ता खुद खोजें। अब उनको फ़ैसला करना हो क्या भारत वैसा क्रिकेट खेले जैसा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेला है या जितना जल्दी हो सके 20 विकेट लेने को देखें। उन्हें फ़ैसला करना है कि क्या वह नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी जारी रखेंगे या नंबर चार का स्थान लें जो तीन दशक से एक बेहतरीन बल्लेबाज़ से जुड़ा रहा है। उससे भी ज़्यादा अहम उनको बड़े स्कोर बनाने की ज़रूरत है जो उनके लिए कोई नहीं कर सकता है, बल्कि यह उनको खुद ही करना होगा।
2014-15 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली ने चार शतक लगाए थे जिससे उन्होंने कप्तान के तौर पर खुद को स्थापित किया। गिल को कप्तानी में मदद मिल सकती है लेकिन उनको अपने रन बनाने होंगे।
यह चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन यह भारतीय क्रिकेट और गिल दोनों के लिए उत्साह भरा समय भी है।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo वरिष्ठ लेखक हैं।
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