स्पिन के ख़िलाफ़ अपने खेल को सुधारकर इस रणजी सीज़न को बड़ा बनाना चाहते हैं समद
जम्मू कश्मीर के इस बल्लेबाज़ की शुरूआत पिछले सीज़न बहुत बेहतरीन रही थी, लेकिन वह इसे बरक़रार नहीं रख पाए थे

जम्मू कश्मीर के आक्रामक बल्लेबाज़ अब्दुल समद को उम्मीद है कि एक संतुलित अंदाज़ उन्हें आने वाले रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न में बड़ा प्रदर्शन करने में मदद करेगा।
23 वर्षीय समद ने ओडिशा के ख़िलाफ़ 2024-25 रणजी सीज़न के दूसरे मैच में दोनों पारियों में शतक लगाया था और ऐसा करने वाले वह जम्मू कश्मीर के पहले बल्लेबाज़ बने थे। हालांकि वह अपना फ़ॉर्म बनाए नहीं रख पाए और सीज़न की बाक़ी आठ पारियों में उनके नाम सिर्फ़ 158 रन ही थे।
समद ने चेन्नई में बुची बाबू टूर्नामेंट के दौरान कहा, "एक मैच में दो शतक लगाना आपको काफ़ी आत्मविश्वास देता है। लेकिन इसके बाद हमें घर पर हरी पिचों पर खेलना पड़ा। उन दो शतकों का फ़ायदा उठाकर मैं इसे 700-800 रन के बड़े सीज़न में नहीं बदल पाया, लेकिन मैं अपनी बल्लेबाज़ी पर काम कर रहा हूं। उम्मीद है कि यह सीज़न मेरे लिए अच्छा होगा।
"मुझे लगता है पिछले साल से इस साल तक मैं अपने शॉट्स को लेकर थोड़ा चुनिंदा हो गया हूं। अब मैं गेंदों को अपने इलाके में आने का इंतज़ार करता हूं और जैसे ही वह मेरे ज़ोन में आती है, मैं उस पर शॉट खेलता हूं।"
मंगलवार को बुची बाबू टूर्नामेंट के सेमीफ़ाइनल में TNCA प्रेसीडेंट्स XI के ख़िलाफ़ CSK हाई परफ़ॉर्मेंस एकेडमी ग्राउंड पर समद ने टर्न होती पिच पर बल्लेबाज़ी की। उन्होंने अपने शॉट खेलने में काफ़ी सोच-समझ दिखाई और स्पिन के ख़िलाफ़ सूझ-बूझ का प्रदर्शन किया।
वह आगे या पीछे हटकर डिफ़ेंस करते रहे और रिवर्स-स्वीप सिर्फ़ तब खेला जब स्पिनर की गेंद विकेट तक नहीं आ रही थी। 96 गेंदों पर 75 रनों की इस पारी के दौरान वह पिच पर आगे आकर भी खेले और गेंद को सही टाइमिंग से खेला।
समद ने कहा, "मैंने स्पिन के ख़िलाफ़ अपनी तकनीक में बदलाव किया है और वह मेरे लिए अभी तक फ़ायदेमंद साबित हुआ है। मैं अपनी बल्लेबाज़ी को ख़ासकर स्पिन गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ लागू करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं पिछले दो साल से हमारे मुख्य कोच अजय शर्मा के साथ काम कर रहा हूं और उसके बाद से मेरी बल्लेबाज़ी में काफ़ी बदलाव आया है। वह हमेशा एक बात कहते हैं स्पिन के ख़िलाफ़ खेलते हुए अपना सिर नीचे रखो और गेंद तक पहुंचने की कोशिश करो और यह मेरे लिए काम कर रहा है।"
समद को अपने नए IPL टीम लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के साथ समय बिताने से भी आत्मविश्वास मिला है। उन्होंने 12 पारियों में 93 गेंदों का सामना किया और 176.34 के स्ट्राइक रेट से 164 रन बनाए।
"SRH [सनराइजर्स हैदराबाद] से LSG में जाना मेरे लिए एक अच्छा बदलाव था। मुझे नए लोग और नए साथी देखने को मिले। पिछला सीज़न मेरे लिए अच्छा था, लेकिन मैं आख़िरी तीन मैचों में अच्छा फ़िनिश नहीं कर पाया। मुझे ऋषभ पंत का माइंडसेट बहुत पसंद है और वह बल्लेबाज़ी करते हुए ज़्यादा नहीं सोचते। गेंद देखो और मारो। अगर गेंद वहां है, तो मारो।"
पिछले सीज़न में जम्मू कश्मीर ने पाँच सीज़न बाद मुंबई और बड़ौदा पर जीत के बाद पहली बार रणजी नॉकआउट में जगह बनाई थी। वे पहली बार रणजी सेमीफ़ाइनल में जाने के क़रीब थे और अब बुची बाबू के सेमीफ़ाइनल तक पहुंचकर उन्होंने नए सीज़न की तैयारी की है।
समद के मुताबिक जम्मू कश्मीर इस समय रणजी की शीर्ष टीमों में से है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है इस समय हम भारतीय घरेलू क्रिकेट सर्किट की शीर्ष तीन टीमों में होंगे। अगर आप हमारी टीम और लड़कों की क्षमता व अनुभव को देखें, तो मुझे अपनी टीम शीर्ष तीन में लगती है। मुझे लगता है कि यह टीम पिछले पांच साल से साथ खेल रही है और अब हमें वह कॉम्बिनेशन और कोऑर्डिनेशन मिल गया है। हमें पता है कि हमारे खिलाड़ी क्या कर सकते हैं। इस समय हमारा कॉम्बिनेशन बहुत अच्छा है।"
समद की लेग स्पिन ख़ासकर धीमी पिचों पर जम्मू कश्मीर को एक अतिरिक्त गेंदबाज़ी विकल्प देती है। वह अपनी दूसरी कला पर पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं और मुख्य स्पिनर अबिद मुश्ताक़ और ऑफ़ स्पिन ऑलराउंडर साहिल लोत्रा के लिए सहायक भूमिका निभाने की सोच रहे हैं।
समद ने कहा, "मुझे लगता है कि मेरा काम टीम के लिए वही करना है जो ज़रूरी है। इसलिए मैं नेट्स पर अपनी गेंदबाज़ी पर काम करता रहता हूं। जब भी ज़रूरत होती है, जब भी कोई साझेदारी बनती है, मैं आता हूं और अपनी टीम को ब्रेकथ्रू देता हूं।"
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.