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स्टीव स्मिथ: भारतीय टीम जानती है कि आपसे कैसे जल्दबाज़ी करवाई जाए

कमिंस की अनुपस्थिति में स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी करेंगे

पगबाधा आउट होने के बाद स्मिथ ख़ुद से काफ़ी नाराज़ थे  Getty Images

स्टीव स्मिथ ने कहा कि उन्हें काफ़ी कम ग़ुस्सा आता है लेकिन दिल्ली टेस्ट में आर अश्विन के ख़िलाफ़ पगबाधा आउट होने के बाद उन्हें बहुत ग़ुस्सा आया था। स्मिथ के अनुसार दूसरी पारी की जब शुरुआत हुई तो ऑस्ट्रेलिया बढ़िया स्थिति में था और भारतीय स्पिनर बल्लेबाज़ों पर हावी नहीं हो पा रहे थे। इसी कारण से स्मिथ ज़्यादा नाराज़ थे।

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स्मिथ स्वीप शॉट का प्रयोग काफ़ी कम करते हैं लेकिन दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के छह बल्लेबाज़ स्वीप लगाते हुए आउट हुए थे और स्मिथ उनमें से एक थे।

तीसरे टेस्ट में पैट कमिंस की अनुपस्थिति में स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान संभालेंगे। उन्होंने कहा, "मैंने 95 (94) टेस्ट मैच खेले हैं और मैं इस तरह से काफ़ी कम बार आउट हुआ हूं। पता नहीं मैं क्या करने का प्रयास कर रहा था। मैं बहुत गुस्से में था। मेरे करियर में बहुत बार ऐसा नहीं हुआ है। मैं अपने फ़ैसले से चकित था।"

मैं इन परिस्थितियों से अच्छी तरह से वाक़िफ़ हूं। भारत में मैंने काफ़ी क्रिकेट खेला है। यह मेरे दूसरे घर के जैसा है। मुझे अच्छे से पता है कि यहां कि विकेट किस तरह का बर्ताव करेगी।स्टीव स्मिथ

उन्होंने आगे कहा, "मैं इस तरह से बिल्कुल नहीं खेलना चाहता था। विपक्षी टीम ने उस तरह से फ़ील्ड सेट की थी, जैसा हम चाहते थे। उनके कई खिलाड़ी सीमा रेखा पर थे। हम शायद ज़ल्दबाज़ी कर गए। इस बारे में हम अपनी टीम मीटिंग में बात करेंगे। बुधवार को जब हम मैदान पर होंगे तो थोड़े सयंम के साथ चीज़ों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। हमे ज़ल्दबाज़ी में कुछ नहीं करना है और ऐसी चीज़ें नहीं करनी है, जिसमे जोखिम हो। (दिल्ली टेस्ट में) हमारे खिलाड़ियों के पास स्ट्राइक रोटेट करने का अच्छा मौक़ा था लेकिन हम हड़बड़ी में थे।"

दूसरे टेस्ट के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम के पास अपनी ग़लतियों पर काम करने का अच्छा-ख़ासा समय मिला है। दूसरे टेस्ट में जिस तरह से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने प्रदर्शन किया था, उससे वह काफ़ी निराश थे और निश्चित ही उन्होंने इस पर काम भी किया होगा।

अश्विन और रवींद्र जाडेजा के सामने सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, ज़्यादातर टीमें इसी तरह से परेशान रहती हैं। बल्लेबाज़ों के कुछ समझने से पहले ही ये दोनों गेंदबाज़ विपक्षी टीम को बैकफ़ुट पर धकेल देते हैं।

स्मिथ ने कहा, "यह कहीं से भी आसान नहीं होने वाला है। वे (भारतीय टीम) जानते हैं कि जब वह मैच में आपसे आगे हों तो किस तरह से आपसे ग़लतियां करवाई जाए। वह अपनी शर्तों पर खेलते हैं। जब आप दबाव में हों तो आपको जल्दबाज़ी नहीं करनी होगी और कोशिश करनी होगी खेल को थोड़ा धीमा किया जाए। किसी भी बल्लेबाज़ के लिए भारत में अपनी पारी की शुरुआत करना सबसे ज़्यादा कठिन है। हमें पता है कि जब आप मैदान पर उतरेंगे तो आपको काफ़ी सतर्क रहना होगा। "

स्मिथ ने आगे कहा, "मैंने पहले टेस्ट में 30 रन बनाया था। मार्नस (लाबुशेन) को भी बढ़िया शुरुआत मिली थी। हालांकि हम इसे बड़ी पारी में तब्दील करने में सफल नहीं हो पाए थे। एक भी बढ़िया साझेदारी खेल का रूख़ बदल सकती है। मुझे लगता है कि पीट (हैंड्सकॉम्ब) ने भी पहली पारी में काफ़ी अच्छी बल्लेबाज़ी की थी। अगर उनके साथ एक और बल्लेबाज़ टिका रहता तो शायद हम और अच्छा कर सकते थे।"

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