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ओवर थ्रो पर बल्ले से लगकर गई गेंद ने बढ़ाई कैपिटल्स-केकेआर मैच में सरगर्मी

टिम साउदी, ओएन मॉर्गन और अश्विन की बहस में पड़कर सभी को शांत करके दिनेश कार्तिक खुश

अश्विन ने मैच में जवाब मॉर्गन का विकेट लेकर दिया  BCCI

दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के बीच मंगलवार के पहले आईपीएल मैच में टिम साउदी, ओएन मॉर्गन और आर अश्विन के बीच चंद मिनटों के लिए बहस हुई, जिसमें केकेआर के विकेटकीपर दिनेश कार्तिक के हस्तक्षेप की आवश्यकता थी, जिन्होंने मैच के बाद कहा कि वह शांतिदूत की भूमिका निभाकर खुश हैं।

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यह बहस कैपिटल्स की पारी के अंतिम ओवर में आई, जब अश्विन को साउदी ने पहली गेंद पर आउट कर दिया। मैच के बाद कार्तिक ने समझाया कि यह बहस 19वें ओवर की आख़िरी गेंद पर आई थी, जब नॉन स्ट्राइकर के छोर पर ऋषभ पंत को ओवर थ्रो करने करने के बाद पंत को नॉन स्ट्राइकर एंड पर रखा गया और आख़िरी ओवर की पहली गेंद पर अश्विन पवेलियन लौट गए।

कार्तिक ने कहा, "राहुल त्रिपाठी ने गेंद फेंकी, यह ऋषभ पंत को लगी और फिर उन्हें मौका मिला रन लेने का। अश्विन ने रन लेने के लिए बुलाया और वे दौड़ने लगे। मुझे नहीं लगता कि मॉर्गन इसकी सराहना करते हैं। मुझे लगता है कि वह खेल भावना के तौर पर इसका सम्मान नहीं करते हैं कि जब बल्लेबाज़ या उनके बल्ले से गेंद लगे तो वह रन लेने के लिए जाएं।

उन्होंने आगे कहा, "फिर से, यह एक बहुत दिलचस्प विषय है। इस पर मेरी अपनी राय है लेकिन फ़िलहाल मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मैं खुश हूं कि मैंने शांतिदूत की भूमिका निभाई और चीजें अभी अच्छी तरह से शांत हो गई हैं।"

खेल की परिस्थितियों में ऐसा कोई नियम नहीं है कि जो किसी टीम को स्टंप्स, बल्लेबाज़ों या उनके उपकरणों से गेंद लगने के बाद ओवर थ्रो पर उनको रन लेने से रोक सकती है। आईपीएल का क्लॉज 37.2 सीधा इसी पर आ​धारित है, जो सीधे तौर पर मैदान में बाधा डालने पर आधारित है, लेकिन एक वैधता के बारे में कुछ संकेत प्रदान करता है। यह क्लॉज कहता है कि एक बल्लेबाज़ मैदान में बाधा नहीं डाल रहा है यदि "बाधा या व्याकुलता आकस्मिक है, या चोट से बचने के लिए।" मंगलवार के मामले में, यह सुझाव देने के लिए कुछ भी नहीं था कि पंत ने जानबूझकर गेंद को डिफ्लेक्ट किया। हालांकि, यह देखना आम बात है कि जब गेंद बल्ले टकराती है तो बल्लेबाज़ अतिरिक्त रन नहीं लेते हैं - एक निर्णय कॉल जो कानून पर आधारित नहीं है।

अगली गेंद पर साउदी ने अश्विन को आउट करने के बाद, उन्होंने अश्विन के साथ शब्दों का आदान-प्रदान किया, इससे बाद जब मॉर्गन बल्लेबाज़ी के लिए आए तो अश्विन ने उन्हें दूसरी ही गेंद पर डगआउट में भेज दिया। वैसे इससे पहले अश्विन के पलटने और बाहर जाने से पहले कार्तिक को दोनों पक्षों के बीच में आते देखा गया था, जो शांतिदूत की भूमिका में थे। घटना के केंद्र में रहे पंत ने कहा कि उन्हें पूरी स्थिति में कुछ भी गलत नहीं लगा।

पंत ने कहा, "मुझे लगता है कि यह खेल का हिस्सा है और क्योंकि दोनों टीमें मैच जीतने के लिए प्रयास कर रही हैं, इसलिए कुछ चीज़ें होने वाली हैं। जो कुछ भी खेल के लिए अच्छा है। मुझे लगता है कि यह खेल की भावना में था, ज़्यादा कुछ नहीं, क्योंकि दिन के अंत में ऐश और मॉर्गन अपने पक्ष के लिए खेल जीतने की कोशिश कर रहे हैं और बीच में कुछ गलत बातचीत हो सकती थी।"

इस बहस को और भी आंच तब लगी जब अश्विन ने अपने आख़िरी ओवर की दूसरी ही गेंद पर मॉर्गन को शून्य पर पवेलियन भेज दिया, लेकिन केकेआर के निचले मध्य क्रम ने उन्हें तीन विकेट से जीत जरूर दिलाई, लेकिन इससे पहले उनको सहमते हुए देखा गया।

मॉर्गन संयोग से, इंग्लैंड के कप्तान थे, जब वे क्रिकेट इतिहास में सबसे प्रसिद्ध ओवर थ्रो का हिस्सा बने थे। 2019 विश्व कप फ़ाइनल के अंतिम ओवर में, गेंद बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराई, क्योंकि उन्होंने क्रीज पर पहुंचने के लिए डाइव लगाई थी और गेंद उनके बल्ले से लगते हुए बाउंड्री तक पहुंच गई। यह सवाल ही है कि ओवर थ्रो पर जो गेंद बल्ले से लगकर छिटकी हो, उसका फ़ायदा तो बल्लेबाज़ी टीम को ही मिलना है।

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वरुण शेट्टी ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।