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कई बार आंकड़े वो चीज़ें नहीं बताती हैं, जो आपने मैदान पर किया है: अर्शदीप

'अब मैं अधिक नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी करने लगा हूं'

दिन के अंत में आपको अपने प्रदर्शन से संतुष्ट होना होता है: अर्शदीप  Hindustan Times/Getty Images

जब पंजाब किंग्स की टीम आईपीएल 2022 का अपना आख़िरी मुक़ाबला खेलने के लिए वानखेड़े स्टेडियम की ओर जा रही थी, तभी अर्शदीप सिंह को पता चला कि उनका चयन भारत की टी20 टीम में हो गया है। अर्शदीप को पंजाब की टीम ने सीज़न से पहले रिटेन किया था और उन्होंने फ़्रैंचाइज़ी के इस भरोसे पर कायम रहते हुए बेहतरीन गेंदबाज़ी की।

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ख़ासकर वह डेथ ओवरों में काफ़ी सफल रहे और कम से कम 10 डेथ ओवर करने वाले गेंदबाज़ों में उनकी इकॉनमी (7.58) दूसरी सर्वश्रेष्ठ थी। कुल मिलाकर उन्होंने 14 मैचों में 7.7 की इकॉनमी से 10 विकेट लिए। एक सफल आईपीएल सीज़न और भारतीय टीम में चयन होने के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो ने उनसे बात की।

एक रिटेन खिलाड़ी बनने का क्या आपके ऊपर दबाव था?

नहीं, ऐसा कोई दबाव नहीं था। जब भी आपको खेलने का मौक़ा मिलता है, आप अपना शत प्रतिशत देते हैं। यह फ़र्क नहीं पड़ता कि यह आपका पहला मुक़ाबला है या दसवां? आप नीलामी में ख़रीदे गए हैं या फिर आपको रिटेन किया गया है? अगर टीम ने आप पर भरोसा जताया है तो आपको अपना 100% देना है।

पिछले दो वर्षों में आप अपने आपको कितना विकसित हुआ गेंदबाज़ समझते हैं?

मुझे लगता है कि मेरे प्रदर्शन में अब निरंतरता आई है। पहले मैं बीच-बीच में कमज़ोर और ख़राब गेंदें फेंक दिया करता था, लेकिन अब वे बहुत कम हो गई हैं। मैंने इस पर बहुत मेहनत किया है और मैं अब बल्लेबाज़ों को मौक़ा नहीं देता हूं। आईपीएल में जो भी बल्लेबाज़ खेलता है, वह बहुत अनुभवी होता है। ख़राब गेंदों को बाउंड्री पार भेजना उन्हें बख़ूबी आता है। मैंने योजना बनाई थी कि मैं लगातार सही लाइन-लेंथ पर गेंदबाज़ी करूंगा। भविष्य में मैं इस प्रदर्शन में और सुधार करना चाहूंगा।

निरंतर होने के लिए आपने क्या किया?

मैं एक स्टंप पर अभ्यास करता हूं और लगातार गुड लेंथ और यॉर्कर गेंदें फेंकता हूं। इससे आपको पता चलता है कि अगर आप किसी विशेष स्पीड और एंगल के साथ गेंद कर रहे हैं तो आपकी गेंद कहां टप्पा खाएगी। फिर अभ्यास करते जाते हैं और आपको निरंतरता मिलती जाती है।

क्या आप अपनी गति पर भी काम कर रहे हैं?

इस समय तो मैं बस अपनी निरंतरता पर ध्यान दे रहा हूं। मेरा पूरा ध्यान बस इस बात पर है कि मैं अपनी योजनाओं को अमल में लाते हुए अपनी लाइन और लेंथ को लेकर कंसिस्टेंट रहूं।

अपनी फ़िटनेस पर आप कैसे काम कर रहे हैं?

एक स्पोर्ट्समैन के रूप में आपको हरसंभव फ़िट रहने की कोशिश करनी होती है। आप हर सीज़न, हर महीने और हर दिन इस पर काम करते हैं ताकि अगली सुबह जब आप उठे तो आप पर थकान हावी ना रहे और अपने आप को ऊर्जा से भरा हुआ व सकारात्मक महसूस करें। तो मैं इसी दिशा में काम कर रहा हूं ताकि अपनी फ़िटनेस को भी बरक़रार रख सकूं।

"मैं लगातार अपनी कंसिस्टेंसी पर काम कर रहा हूं"  BCCI

क्या इसके लिए आप अपनी डाइट पर भी नियंत्रण करते हैं?

आपको पता ही है कि एक पंजाबी परिवार में डायट का पालन करना कितना मुश्किल है। पंजाब किंग्स में हमारे ट्रेनर एड्रियन ली रयूक्स कहते हैं कि अगर आपको रिकवरी करना है और फ़िट रहना है तो आप कम से कम आठ घंटे की नींद लें और ख़ूब सारा पानी (जूस) पीएं। मैं इसी का पालन करता हूं।

आप इस सीज़न में जसप्रीत बुमराह के साथ सबसे अधिक यॉर्कर डालने वाले गेंदबाज़ रहे? आप अपनी यॉर्कर पर कैसे काम करते हैं?

जैसा कि मैंने पहले कहा कि अगर आप अभ्यास करते हैं तो आप कुशल हो जाते हैं। आपको अपने काम में नियंत्रण और आत्मविश्वास मिल जाता है कि आप अमुक काम को कर सकते हैं। आप कभी-कभी सामान्य और कभी-कभी गीली गेंद से अभ्यास करते हैं ताकि ओस पड़ने की दशा में भी नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी कर सकें। कभी-कभी आप बल्लेबाज़ के साथ और कभी-कभी अकेले ही एक स्टंप के साथ गेंदबाज़ी करते हैं। कई बार आप पिच पर जूता या कुछ रख देते हैं ताकि उसको लक्ष्य बना कर आप अपने टिप्पे पर नियंत्रण रख सके। इसके अलावा आप कभी-कभी नेट्स में दूसरे गेंदबाज़ों को चैलेंज भी करते हैं, इसमें तो काफ़ी मज़ा आता है।

आप इस सीज़न अपनी टीम की तरफ़ से प्रमुख डेथ ओवर गेंदबाज़ रहें, क्या आपको यह पहले से ही बता दिया गया था?

मेरे ख़्याल से टीम का कॉम्बिनेशन ही ऐसा था कि मैं एक ओवर शुरु में करूं, एक बीच में और बाक़ी के बचे दो ओवर डेथ में। हां, टूर्नामेंट से पहले ही मुझे मेरी भूमिका के बारे में बता दिया गया था। उसी हिसाब से मैंने अभ्यास मैचों में गेंदबाज़ी की। मैं इस मामले में टीम प्रबंधन का शुक्रिया करता हूं कि वह मेरी भूमिका के बारे में स्पष्ट थे। इससे मुझे अपनी योजना बनाने में मदद मिली।

कब आपको लगने लगा कि आप डेथ में पूरे आत्मविश्वास के साथ गेंदबाज़ी कर सकते हैं?

मुझे लगता है कि सबसे पहले आपको ख़ुद में विश्वास होना चाहिए, तभी दूसरे भी आप पर विश्वास दिखाएंगे। जब आप मैदान पर क़दम रखें तो आप ख़ुद के विश्वास के साथ ही क़दम रखें ना कि विपक्षी टीम के बारे में सोचकर। लेकिन इस स्थिति में आप तभी ही पहुंच सकते हैं जब आपके पास ज़रूरी स्किल हों। फिर आप किसी भी परिस्थिति में अपने आप को सामान्य रख सकते हैं।

डेथ ओवर में आप यॉर्कर के साथ-साथ ख़ूब स्लोअर गेंदें भी फेंकते हैं। आप कैसे निर्णय लेते हैं कि कब स्लोअर गेंद फेंकनी है और कब यॉर्कर?

यह पिच पर निर्भर करता है। अगर पिच धीमी है या बाउंड्री एक तरफ़ बड़ी है तो आप स्लोअर गेंद करते हैं, वहीं अगर विकेट एकदम फ़्लैट है तो आप यॉर्कर की तरफ़ रूख़ करते हैं। एक गेंदबाज़ को परिस्थिति के हिसाब से ही गेंदबाज़ी करना होता है। कई बार आपके आस-पास सीनियर लोग भी होते हैं, तो वह भी बताते हैं कि क्या करना है। इन सब चीज़ों से आपको पता चल जाता है कि आपको कैसे वेरिएशन करना है।

आपकी टीम में रबाडा थे। 2019 से 2021 के बीच पंजाब किंग्स में आपके साथ मोहम्मद शमी थे। इन सबसे आपकी किस तरह की बात होती है?

मैं उनसे हमेशा पूछता हूं कि गेंदबाज़ी के वक़्त उनका दिमाग कैसे चलता है? इसी तरह अगर उनका दिन ख़राब जाता है तो भी मैं उनके माइंड फ़्रेम के बारे में ही पूछता हूं। इससे मुझे अपनी गेंदबाज़ी में मदद मिलती है। वे अपने खेल को पूरा इन्जॉय करते हैं और मैं उनसे ये सब सीखता हूं।

तो आपको डेथ ओवर में गेंदबाज़ी करने में मज़ा आता है?

मैं किसी भी समय अपनी गेंदबाज़ी को इन्जॉय करता हूं। जब आप अपने काम को प्यार करते हैं तो उसे इन्जॉय करते हैं और थकते भी नहीं हैं।

चंढीगढ़ में अपने परिवार के साथ अर्शदीप  Keshav Singh / Hindustan Times/Getty Images

पंजाब किंग्स में इस साल काफ़ी सारे पावर-हिटर थे, क्या इससे भी आपको मदद मिली?

हां, बिल्कुल। उनको नेट्स में गेंदबाज़ी करने से पता चलता है कि आपको कहां गेंदबाज़ी नहीं करना है।

इस सीज़न आपकी इकॉनमी तो बहुत अच्छी रही लेकिन 14 मैचों में आपको सिर्फ़ 10 ही विकेट मिले। इसके बारे में क्या कहेंगे?

आप किसी भी गेंदबाज़ को उनके आंकड़े नहीं बल्कि इस बात से जज कर सकते हैं कि उन्होंने कैसी गेंदबाज़ी की। यह आपके प्रयास पर निर्भर करता है। अगर आपने अपना 100 प्रतिशत दिया है और अपनी योजनाओं को सही तरह से लागू किया है तो फिर सही है। आप परिणाम पर नियंत्रण नहीं कर सकते हैं। कई बार आंकड़े वो चीज़ें नहीं बताती हैं, जो आपने किया है।

आप सफलता को कैसे मापते हैं?

दिन के अंत में जब आप बिस्तर पर जाते हैं तो आपको अपनी गेंदबाज़ी से संतुष्टि होना चाहिए। ऐसा भी हो सकता है कि आप यॉर्कर डालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन गेंद ओवर पिच या लेंथ हो गया और फिर भी आपको विकेट मिल गया। सबको लगेगा कि आपने विकेट लिया है और मैच में सफल हुए हैं, लेकिन जब आप बिस्तर पर जाएंगे तो ज़रूर सोचेंगे कि आप ने जो योजना बनाई थी उसे मैदान पर लागू नहीं कर सके।

Arshdeep SinghPunjab KingsIndia

हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है