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आईपीएल में लगातार प्रभावित कर रहे हैं आयुष बदोनी

लखनऊ सुपर जायंट्स के बल्लेबाज़ मैदान पर और उसके बाहर आत्मविश्वास से परिपूर्ण युवा खिलाड़ी है

हां या ना : दीपक चाहर के बिना चेन्नई सुपर किंग्स की बत्ती गुल

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चेन्नई के ख़िलाफ़ लखनऊ की जीत से जुड़े कुछ अहम सवालों पर वसीम जाफ़र का फ़ैसला

लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के सामने बुधवार को चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के ख़िलाफ़ 211 के पहाड़ जैसा लक्ष्य था। 17वें ओवर की दूसरी गेंद पर दीपक हुड्डा का विकेट गिरा। इस वक़्त लखनऊ को 16 गेंदों में 40 रनों की ज़रूरत थी। हुड्डा के आउट होने के बाद एलएसजी ने क्रुणाल पंड्या से पहले आयुष बदोनी को बल्लेबाज़ी के लिए भेजा। पहले ही मैच में अपनी क़ा​बिलियत साबित कर चुके आयुष ने दूसरे मुक़ाबले में भी प्रभावित करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ा।

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सीएसके के ख़िलाफ़ जब आयुष को क्रुणाल से पहले भेजा गया तो यह कोई जल्दबाज़ी में लिया गया फ़ैसला नहीं था। इसके पिछले ही मैच में आयुष ने एलएसजी के लिए आईपीएल डेब्यू पर 41 गेदों में 54 रनों की पारी खेली थी। यह पारी तब खेली गई, जब उनकी टीम पांचवें ओवर में 29 के स्कोर पर चार विकेट गंवा चुकी थी। उस पारी के बाद भारतीय क्रिकेट जगत में इस युवा ने एक विशेष छाप छोड़ दी थी और सबको यह जानना था कि कौन हैं लखनऊ सुपर जायंट्स के आयुष बदोनी?

आयुष ने 17वें ओवर की बाक़ी गेंदों पर कोई रिस्क नहीं लिया। एक-दुक्के के साथ टीम के स्कोर को 177 तक लेकर गए। अब एलएसजी की टीम को 12 गेंदों में 34 रनों की आवश्यकता थी। सीएसके के सभी प्रमुख गेंदबाज़ों ने अपना स्पेल लगभग ख़त्म कर लिया था और आख़िरी दो ओवर के लिए उनके पास मुकेश चौधरी, शिवम दुबे, रवींद्र जाडेजा और मोईन अली का ओवर बचा हुआ था।

जाडेजा ने 19वां ओवर शिवम को देने का फ़ैसला किया। पहली ही गेंद को पूरी रचनात्मकता के साथ आयुष ने एक पैर ज़मीन पर टिकाते हुए लेग साइड में उठा कर मारा। एक पल के लिए इस युवा बल्लेबाज़ को इस तरीक़े से दबाव वाले परिस्थिति में ऐसा शॉट लगाते हुए देख कर ऐसा लगा कि वह पिच पर उतरने से पहले नेट्स पर अभ्यास कर रहे थे। आख़िरी ओवर में एलएसजी को नौ रनों की ज़रूरत थी। मुकेश चौधरी ने पहली दो गेंदें वाइड डाली और उसके बाद वाली गेंद को आयुष ने बैकवर्ड स्क्वयेर लेग के बाहर पहुंचा दिया। इसके बाद उन्होंने एक मिडविकेट की दिशा में गेंद को उठा कर मारा और सिंगल ले कर टीम को जीत दिला दी। आयुष ने अपनी पारी में नौ गेंदों में दो छक्कों की मदद से 19 रन बनाए।

अब कहानी के दूसरे हिस्से में आते हैं।

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस चल रही थी। सबसे पहले सीएसके के कोच स्टीवन फ़्लेमिंग आए। माइक में किसी तरह की समस्या हो रही थी। तक़नीकी टीम उस समस्या को ठीक करती है। उसके कुछ देर एलएसजी का एक युवा बल्लेबाज़ माइक के पास आता है। मुश्किल से 20-25 मिनट पहले उन्होंने कुछ मनमोहक सिक्सर लगा कर मैच को एलएसजी के पाले में डाल दिया था।

पहले वह एकदम आराम से माइक के सामने बैठते हैं। फिर से माइक में समस्या होती है और 22 वर्षीय युवा एक अलग ही मज़ाक़िया अंदाज में "हैलो, माइक टेस्टिंग, 1-2-3, 1-2-3…" कहते हुए मुस्कुराता है और सीटी भी बजाता है। भले ही वहां वह दो से तीन मिनट के लिए थे लेकिन उनका आत्मविश्वास और बॉडी लैंग्वेज काफ़ी सकारात्मक था। जब माइक की तक़नीकी समस्या ठीक नहीं हो पाती तो वह कहते हैं, "चलिए किसी और दिन मैं यहां आ जाऊंगा, तब आप मेरे से सवाल पूछ लेना।" इस वक़्त ऐसा लगा मानों उन्हें पता है कि आगे आने वाले मैच में वह बढ़िया प्रदर्शन करेंगे और उन्हें फिर से प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आने का मौक़ा मिलेगा।

ख़ैर माइक का कनेक्शन ठीक हो जाता है और उनसे पूछा जाता है कि युवा खिलाड़ी के तौर पर केएल राहुल या क्विंटन डिकॉक जैसे शानदार खिलाड़ियों से वह क्या सीख रहे हैं। वह कहते हैं, "ज़्यादा कुछ तो नहीं लेकिन इतना ज़रूर सीख रहा हूं कि टीम में अगर बड़े प्लेयर हैं भी तो आप अपनी पहचान को पीछे मत छोड़िए। मैं मैदान पर भी यही करना चाहता था।" एक अलग प्रश्न के जवाब में वह कहते हैं, "मुझे अपना रोल पता था। मुझे बस यही मैसेज दिया गया था कि अपने शॉट्स खेलो और मैंने यही किया।"

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राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं