सोमवार को आईपीएल में सिर्फ़ लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटंस का ही डेब्यू नहीं था। दोनों ख़ेमों में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी थे जो इस प्रतियोगिता में पदार्पण कर रहे थे और उनमें मौजूद थे लखनऊ टीम के 22 वर्षीय मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़
आयुष बदोनी।
बदोनी के लिए मुक़ाबले में अंदर आने का समय एक कड़ी चुनौती से कम नहीं था। मनीष पांडे के आउट होने पर टीम का स्कोर था चार विकेट पर 29 रन। वहां से पहले बदोनी को पारी को संभालने की ज़रूरत पड़ी और आख़िरकार 41 गेंदों पर चार चौकों और तीन छक्कों की मदद से उनके 54 रनों ने टीम को 158 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। दुनिया ने बदोनी की इस क्लीन हिटिंग को शायद पहली बार देखा है, लेकिन यह कमाल वह चार साल पहले अंडर 19 एशिया कप फ़ाइनल में श्रीलंका के ख़िलाफ़ भी कर चुके हैं।
बदोनी मूलतया उत्तराखंड से हैं लेकिन घरेलू क्रिकेट में दिल्ली के लिए खेलते हैं। अजी खेलते हैं क्या, सोमवार से पहले उन्होंने दिल्ली के लिए पांच ही मैच खेले थे और वह भी जनवरी 2021 में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में। और तो और पहले चार मुक़ाबलों में उनका योगदान था केवल एक कैच, और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में खेले गए आख़िरी मैच में पुडुचेरी के ख़िलाफ़ उन्हें ओपन करने का मौक़ा मिला था। हालांकि एक चौका मारकर उन्होंने 11 गेंदों पर सिर्फ़ आठ रन बनाए, लेकिन दिल्ली की 110 रनों की जीत में उन्होंने दो कैच भी पकड़े।
हालांकि इससे पहले 2018 में अंडर-19 स्तर पर बदोनी कमाल दिखा चुके हैं। उन्होंने एक अंडर-19 टेस्ट में श्रीलंका के विरुद्ध 185 नाबाद बनाए थे और फिर एशिया कप फ़ाइनल में भी बेहतरीन बल्लेबाज़ी की थी। उस वक्त बदोनी ने अंतिम समय पर आकर 28 गेंद में नाबाद 52 रनों की पारी खेली थी, जहां उन्होंने दो चौके और पांच छक्के लगाए थे। उनकी इसी पारी की वजह से भारत ने 50 ओवर के
फ़ाइनल में 304 रनों का स्कोर खड़ा किया था।
अब सोमवार को उन्होंने अपनी पारी के दौरान वह आईपीएल इतिहास में तीसरे सबसे युवा बल्लेबाज़ बने जिन्होंने पहली मैच में अर्धशतकीय पारी खेली हो। उनसे कम उम्र वाले ऐसे खिलाड़ी हैं श्रीवत्स गोस्वामी और देवदत्त पड़िक्कल। अर्धशतक पूरा करने के लिए उन्होंने लॉकी फ़र्ग्युसन की गेंद पर अपनी आख़िरी बाउंड्री भी लगाई लेकिन बाद में उन्होंने ब्रॉडकास्टर को बताया कि छक्का लगाते हुए उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि वह अर्धशतक की दहलीज़ पर थे।
मैच के बाद बदोनी ने टीम मेंटॉर गौतम गंभीर का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने सॉनेट क्लब के इस उभरते सितारे को आईपीएल के बड़े मंच पर क्रुणाल पंड्या जैसे अनुभवी खिलाड़ी के आगे उतरने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा, "गौतम भैय्या ने मुझे अपना नैचरल गेम खेलने को कहा। उन्होंने मुझे बताया कि मुझे बस एक या दो मैच के बाद दिरकिनार नहीं किया जाएगा। उनका कहना था की परिस्थितियों के हिसाब से खेलने के लिए टीम में कई अनुभवी खिलाड़ी मौजूद हैं।"
"पिछले कुछ सीज़न में मैंने दो या तीन टीमों के ट्रायल दिए हैं लेकिन लखनऊ ने मुझ पर भरोसा जताया। मुझे तीन सालों में दिल्ली में भी खेलने के बहुत मौक़े नहीं मिले थे।" बदोनी ने अभ्यास मैचों में दो अर्धशतक लगाते हुए सपोर्ट स्टाफ़ को काफ़ी प्रभावित किया। उन्होंने कहा, "इससे गौतम भैया तो ख़ुश हुए ही, बाक़ी के कोच भी ख़ुश हुए और उन्होंने मुझे क्रुणाल से आगे खिलाने का फ़ैसला किया।"
यक़ीनन आयुष बदोनी की इस पारी के बाद हम इस नाम से बेहतर परिचित हो जाएंगे।