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सबसे कम अंतरों से भारत की टेस्ट जीत

2000 के बाद से अब तक भारत की टेस्ट में सबसे कम अंतरों से कुछ जीत की झलक

Harbhajan Singh jumps in the air after the final wicket, 4th Test, Mumbai, 3rd day, November 5, 2004

Harbhajan Singh ने दो जीत में अहम भूमिका निभाई  •  Hamish Blair/Getty Images

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी का समापन भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ओवल टेस्ट में छह रनों की जीत के साथ किया। यह रनों के लिहाज़ से भारत की सबसे कम अंतर से जीत है। 2000 से लेकर अब तक भारत की सबसे कम अंतरों से टेस्ट जीत पर नज़र डालते हैं।
इंग्लैंड को छह रनों से हराया
चौथे दिन टी के बाद इंग्लैंड छह विकेट शेष रहते हुए जीत से महज़ 57 रन दूर थी। लेकिन मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने दिन के अंत में दबाव बनाया और चौथे दिन के खेल की समाप्ति के साथ मोमेंटम भारत के पक्ष में चला गया। गस एटकिंसन ने चोटिल क्रिस वोक्स के साथ अंतिम 17 रन बनाने के प्रयास किए लेकिन सिराज ने उन्हें बोल्ड करते हुए अपना पंजा निकाला और भारत ने रनों के लिहाज़ से सबसे कम अंतर से अपनी टेस्ट जीत हासिल कर ली।
ऑस्ट्रेलिया को एक विकेट से हराया
एक समय जब भारत 92 के स्कोर पर आठ विकेट गंवा चुका था तब भारत के लिए जीत असंभव लग रही थी क्योंकि तब वी वी एस लक्ष्मण भी पीठ की चोट झेल रहे थे और उन्हें एक रनर की ज़रूरत थी। हालांकि अब जीत संभव लग रही थी क्योंकि इशांत शर्मा के साथ उन्होंने नौवें विकेट के लिए 81 रन जोड़ लिए। इसके बाद नंबर 11 के बल्लेबाज़ प्रज्ञान ओझा एक बार रन आउट और एक बार पगबाधा के क़रीबी मामले पर बच गए। चार ओवर थ्रो और दो लेग बाय की मदद के साथ भारत ने एक विकेट से जीत हासिल कर ली। लक्ष्मण दूसरे छोर पर 79 गेंदों पर 73 रन बनाकर नाबाद रहे।
ऑस्ट्रेलिया को 13 रनों से हराया
मुंबई में हुए लो स्कोरिंग मुक़ाबले में कुल 40 विकेट गिरे और 605 रन बने। ऑस्ट्रेलिया ने 99 रनों की बढ़त हासिल की थी और अंतिम पारी में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 107 रन बनाने थे। हालांकि हरभजन सिंह, अनिल कुंबले और मुरली कार्तिक की स्पिन तिकड़ी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 58 के स्कोर पर सात विकेट गंवा दिए थे। हरभजन ने इसके बाद डबल-विकेट ओवर में भारत की जीत सुनिश्चित कर दी।
ऑस्ट्रेलिया को दो विकेट से हराया
ईडन गार्डंस में भारत ने सीरीज़ बराबर कर ली थी, हालांकि काम अभी पूरा नहीं हुआ था। हरभजन के 15 विकेट हॉल की बदौलत भारत ने 155 रनों से जीत हासिल करते हुए 2-1 से सीरीज़ अपने नाम कर ली। भारत 101 पर दो विकेट के नुक़सान से 135 के स्कोर पर सात विकेट गंवा चुका था। हालांकि टेस्ट डेब्यू पर समीर दिघे ने अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखा और भारत को क़रीब ले गए। लक्ष्य से सिर्फ़ चार रन दूर रहते हुए ज़हीर ख़ान का विकेट गिर गया। लेकिन हरभजन ने विजयी शॉट लगाते हुए भारत की जीत सुनिश्चित कर दी।
बांग्लादेश को तीन विकेट से हराया
145 चेज़ करते हुए भारत ने 45 पर चार विकेट के नुक़सान के बाद अगले दिन सुबह में 74 रनों के स्कोर पर सात विकेट गंवा दिए थे। लेकिन श्रेयस अय्यर और आर अश्विन के बीच अर्धशतकीय साझेदारी की बदौलत भारत ने तीन विकेट से जीत हासिल कर ली। अय्यर ने उस मैच में स्पिन के ख़िलाफ़ सीधे बल्ले से खेलने का निर्णय लिया और अश्विन ने लो बाउंस को काउंटर करने के लिए लो स्टांस लेने का फ़ैसला किया और बांग्लादेश भारत के ख़िलाफ़ अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल नहीं कर पाया।