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सिराज : मुझे विश्वास था कि मैं टीम को जीत दिला सकता हूं

सिराज ने कहा कि अगर उन्होंने हैरी ब्रूक का कैच लपक लिया होता तो शायद मैच पांचवें दिन भी नहीं आ पाता

ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में पंजा निकालकर भारत को जीत दिलाने वाले भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने कहा कि पांचवें दिन के खेल के लिए जब वह सुबह उठे तो उन्हें इस बात का विश्वास था कि वह भारत को जीत दिला सकते हैं।
सिराज ने पोस्ट मैच प्रेज़ेंटेशन में कहा, "सुबह उठने के बाद मैंने सोचा कि मैं कर सकता हूं। मुझे ख़ुद पर विश्वास था और मैंने गूगल से एक फ़ोटो डाउनलोड किया और उसे अपने वॉलपेपर पर लगाया कि मैं कर सकता हूं।"
सिराज ने इस सीरीज़ में पांचों मैच खेले और उन्होंने 32.43 की औसत से सर्वाधिक 23 विकेट चटकाए। सिराज ने अपनी योजना के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी सिर्फ़ यही रणनीति थी कि वह लगातार सही एरिया पर गेंदबाज़ी करते रहें और अतिरिक्त करने का प्रयास ना करें।
सिराज ने कहा, "हर किसी ने कड़ी मेहनत की और हम अंत तक मिलकर लड़े। मेरा एक ही योजना थी कि मैं निरंतरता के साथ सही लेंथ हिट करते रहूं और अलग करने का प्रयास ना करूं।"
अंतिम दिन भारत को चार विकेट चाहिए थे और इंग्लैंड भी जीत से महज़ 35 रन दूर थी। पांचवें दिन का खेल शुरू होते ही जेमी ओवर्टन ने प्रसिद्ध कृष्णा के ख़िलाफ़ चौके से शुरूआत की और अगली ही गेंद पर गेंद अंदरूनी किनारा लेकर चली गई। लेकिन सिराज ने दिन के अपने पहले ही ओवर में जेमी स्मिथ को चलता कर दिया और इसके बाद अगले ओवर में उन्होंने ओवर्टन को पगबाधा कर दिया। इंग्लैंड की पारी के 86वें और अपने 31वें ओवर की पहली ही गेंद पर यॉर्कर डालते हुए उन्होंने गस ऐटकिंसन को बोल्ड कर दिया।
दूसरी पारी में पंजा और पहली पारी में चार विकेट चटकाने वाले सिराज को प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने चौथे दिन हैरी ब्रूक का कैच लपक लिया होता तो मैच पांचवें दिन तक भी नहीं आता।
सिराज ने कहा, "ब्रूक का विकेट गेम चेंजिंग मोमेंट था, अगर मैंने वो कैच ले लिया होता तो मैच शायद इस स्थिति में पहुंचता ही नहीं। ब्रूक ने बेहतरीन पारी खेली।"
भारत ने यह सीरीज़ 2-2 की बराबरी पर समाप्त की, हालांकि लॉर्ड्स में भारत जीत के क़रीब आकर चूक गया था और सिराज ही अंतिम विकेट के रूप में आउट हुए थे। सिराज ने कहा कि लॉर्ड्स का अनुभव उनके लिए दिल तोड़ने वाला अनुभव था।
सिराज ने कहा, "लॉर्ड्स में आउट होना दिल तोड़ने जैसा पल था, जड्डू भाई (रवींद्र जाडेजा) ने मुझे यही कहा था कि मैं खेलते रहूं और अपने पिता के बारे में सोचते रहूं कि उन्होंने यहां तक मुझे पहुंचाने के लिए कितनी मेहनत की थी।"

नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।