आंकड़े झूठ नहीं बोलते : राहुल को रास आती है दोस्त हार्दिक की गेंदबाज़ी
राशिद और बिश्नोई की जंग में किसका पलड़ा रहेगा भारी?

आईपीएल के पहले सीज़न के बाद अब तक पांच नई टीमों ने इस प्रतियोगिता में प्रवेश किया हैं और उनमें से चार टीमों ने पहले मैच में जीत के साथ अपने सफ़र की शुरुआत की है। इस सीज़न लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटंस के रूप में आईपीएल को दो नई टीमें मिली हैं और वह एक दूसरे के ख़िलाफ़ मैच के साथ अपने अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। जीत के साथ शुरुआत करना हर किसी को पसंद आता है और सोमवार को ये दोनों टीमें जीत के साथ श्री गणेश करने के इरादे से मैदान पर उतरेंगी। चलिए हम और आप मिलकर नज़र डालते हैं इस मैच से जुड़े कुछ अहम आंकड़ों पर।
अलग-अलग टीमों के लिए खेलेंगे हार्दिक और क्रुणाल
हालिया वर्षों में बड़ौदा, मुंबई इंडियंस और भारत के लिए एक ही टीम में खेलने के बाद पंड्या बंधू - हार्दिक और क्रुणाल आईपीएल 2022 में पहली बार अलग-अलग टीमों का हिस्सा होंगे। शायद एक साथ अभ्यास करने से हार्दिक को बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ खेलने में आसानी होती है इसलिए आईपीएल करियर में उन्होंने बाएं हाथ के स्पिनरों के ख़िलाफ़ 180 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। वहीं अगर बड़े भाई क्रुणाल की बात करें तो दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ वह सात से भी कम के इकॉनमी रेट से गेंदबाज़ी करते हैं। अब ऐसे में जब दोनों भाई आमने-सामने होंगे तो एक दिलचस्प मुक़ाबला देखने को मिलेगा।
आक्रामक राहुल की होगी वापसी?
साल 2018 से केएल राहुल ने आईपीएल में सर्वाधिक रन बनाए हैं। पंजाब किंग्स के लिए खेलते हुए उन्होंने तीन सीज़न में 600 से अधिक रन बनाए हैं और एक सीज़न में उनके बल्ले से 593 रन निकले। इस धांसू प्रदर्शन के बावजूद उनका स्ट्राइक रेट हमेशा चर्चा का विषय रहा। पंजाब टीम में बल्लेबाज़ी में गहराई के अभाव के कारण राहुल को एक छोर को संभालकर लंबी पारी खेलने की भूमिका निभानी पड़ी, जिससे पिछले कुछ सीज़न में उनका स्ट्राइक रेट 130 से कम हो गया। अब राहुल के पास एक नई टीम है और बल्लेबाज़ी में गहराई भी है। विपक्षी कप्तान हार्दिक के ख़िलाफ़ उनका स्ट्राइक रेट 180 का हो जाता है और अब तक हार्दिक अपने मित्र को आउट नहीं कर पाए हैं। अगर केएल का बल्ला चला तो गुजरात के फ़ील्डर सिर्फ़ दर्शक बनकर रह जाएंगे।
गुगली का सरताज कौन?
आईपीएल 2020 की शुरुआत से राशिद ख़ान और रवि बिश्नोई इस प्रतियोगिता में सबसे सफल गेंदबाज़ों में रहे हैं। उनकी इसी सफलता का कारण है कि राशिद को 15 करोड़ और बिश्नोई को चार करोड़ रुपये देकर नीलामी से पहले ही क्रमशः अहमदाबाद और लखनऊ ने उन्हें रिटेन किया था। वे दोनों अपनी-अपनी टीमों के प्रमुख स्पिनर होंगे और मध्य क्रम में मैच को अपनी टीम की तरफ़ मोड़ने में अहम भूमिका निभाएंगे। एक बात जो इन दोनों लेग स्पिनरों को ख़ास बनाती है वह यह कि वे तेज़ गति से गेंद को घुमाने की क्षमता रखते है। इसी तेज़ गति के कारण बल्लेबाज़ों को स्पिन को पढ़ने में देरी होती है और वे इनके जाल में फंस जाते हैं। इसके अलावा दोनों गेंदबाज़ अपनी गुगली पर अधिक विश्वास जताते हैं। जहां बिश्नोई की 63.21 प्रतिशत गेंदें गुगली रही है वहीं राशिद भी लगभग 50 प्रतिशत गेंदों को दूसरी तरफ़ घुमाते हैं। अब गुगली डालने वाले महारथियों की इस जंग में विजेता कोई भी हो, दर्शकों को आनंद मिलने की पूरी गारंटी है।
वानखेड़े और राहुल : एक अनोखी प्रेम कथा
लखनऊ के कप्तान राहुल को वानखेड़े स्टेडियम बहुत पसंद आता है। इस मैदान पर वह क़रीब 88 की औसत से रन बनाते हैं और पिछली छह टी20 पारियों में उनके बल्ले से चार अर्धशतक और एक शतक निकला है। वह वानखेड़े के साथ अपनी प्रेम कहानी में एक और अध्याय जोड़ने से नहीं कतराएंगे। हालांकि उसके लिए उन्हें राशिद का सामना करना होगा, जो राहुल को अपने जाल में फंसाना जानते हैं।
अफ़्ज़ल जिवानी (@ jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।
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