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बिश्नोई के विरुद्ध जंग में हावी रहे तेवतिया

शारजाह 2020 के बाद मुंबई में उन्होंने फिर से अपना जलवा बिखेरा

रवि शास्त्री की नज़र में लखनऊ की हार की बड़ी वजह रही केएल राहुल का ये फ़ैसला

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'हार्दिक पंड्या को पांच में पांच अंक मिलने चाहिए'

टी20 क्रिकेट में राहुल तेवतिया अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हैं। बावजूद इसके हर बार जब कोई बल्लेबाज़ लक्ष्य का पीछा करते हुए एक धीमी शुरुआत करता है तो सभी के मन में एक ही सवाल पैदा होता है - क्या वह एक 'तेवतिया स्पेशल' दिखा पाएगा? दो साल पहले शारजाह में जो तेवतिया ने किया था वह आज भी लोगों की यादों में दर्ज है।

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ऐसी पारियां रोज़-रोज़ देखने को नहीं मिलती जहां आप 19 गेंदों पर 8 रन बनाकर अपनी टीम को हार की तरफ़ लेकर जा रहे हो। कॉमेंट्री बॉक्स में बाते हो रही थी कि तेवतिया को 'रिटायर आउट' हो जाना चाहिए। इन सभी बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए आप ऐसी धाकड़ बल्लेबाज़ी करते हो जहां आपकी टीम हार के मुंह से मैच को छीनकर दो अंक ले जाती है और अंत में 31 गेंदों पर 53 रन बनाकर आप मैच के हीरो बन जाते हैं।

वानखेड़े स्टेडियम में अपनी नई टीम के लिए तेवतिया ऐसी ही एक मुश्किल स्थिति में थे। 10 गेंदों के बाद उनके बल्ले से केवल छह रन निकले थे। पांच ओवरों में जीत के लिए 68 रनों की दरक़ार थी और तेवतिया के सामने उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी रवि बिश्नोई थे जिन्होंने दो साल पहले शारजाह में उन्हें तंग किया था।

बिश्नोई गुगली गेंदों पर अतिरिक्त निर्भर करते हैं और उनकी गेंदें बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को छोड़कर बाहर निकल जाती हैं। तेवतिया को उस रात भी यह बात पता थी और वह लॉन्ग ऑफ़ और वाइड लॉन्ग ऑफ़ की तरफ़ शॉट लगाने का प्रयास कर रहे थे। तेज़ गति से बीट होने के बाद उन्होंने स्वीप और स्लॉग स्वीप लगाने की असफल कोशिश की। उनकी रिवर्स स्वीप भी काम नहीं कर रही थी। अंततः वह आगे निकलकर बिश्नोई को एक छक्का लगाने में सफल रहे। वह फिर एक बार बिश्नोई को हावी होने नहीं दे सकते थे।

बिश्नोई को आड़े हाथों लेने से पहले बारी थी दीपक हुड्डा की। उन्होंने लेग साइड की छोटी बाउंड्री को अपना निशाना बनाया और हुड्डा के ओवर में 22 रन बटोरे। बिश्नोई के ख़िलाफ़ पहली दो गुगली गेंदों पर वह ऑफ़ स्टंप के बाहर से शॉट लगाने में विफल हुए। लेकिन इस बार पलड़ा तेवतिया का भारी था क्योंकि बिश्नोई के हाथों में गीली गेंद थी और वह अपने करियर में केवल चौथी बार डेथ ओवर डाल रहे थे।

शारजाह की उस ऐतिहासिक रात के बाद तेवतिया पहली बार बिश्नोई का सामना कर रहे थे। वह बिश्नोई को इस जंग में जीतने नहीं दे सकते थे। उन्होंने 17वें ओवर की पहली गेंद को रिवर्स स्वीप के सहारे सीमा रेखा के बाहर दे मारा। यह उनका पसंदीदा शॉट नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि तेवतिया ने 2020 के आईपीएल में सात और पिछले सीज़न में केवल चार बार इस शॉट का इस्तेमाल किया हैं। बावजूद इसके, उन्होंने पूरी टाइमिंग के साथ इस शॉट को खेला और अपनी टीम को जीत की तरफ़ आगे बढ़ाया।

मैच के बाद स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए तेवतिया ने कहा, "बिश्नोई अपनी ताक़त पर गेंदबाज़ी कर रहा था लेकिन उस रिवर्स स्वीप के बाद मैंने उसे सोचने पर मजबूर कर दिया। उसने लेग साइड की बड़ी बाउंड्री का लाभ उठाने की कोशिश की लेकिन मैंने अपने शॉट लगाए।"

उस एक छक्के और लेग साइड की बड़ी बाउंड्री ने बिश्नोई को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया। इसके प्रयास में उन्होंने एक वाइड गेंद भी डाली। यह कोई साधारण पारी नहीं थी, इसे आप तेवतिया जैसी असाधारण पारी नहीं कह सकते। उन्होंने बड़ी चतुराई से ख़राब गेंदों पर प्रहार किया और अपनी टीम को पहले ही मैच में जीत दिलाई। तेवतिया चाहेंगे कि अब तेवतिया स्पेशल का नाम केवल उनकी पारियों के लिए बचाकर रखा जाए।

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सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।