आंकड़े झूठ नहीं बोलते : कछुए विलियमसन को जल्द से जल्द खरगोश बनना होगा
कोलकाता के बाबू मोशाय को शॉर्ट गेंदें से खासा लगाव नहीं है

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 में इस समय सनराइज़र्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइडर्स अंक तालिका के निचले हिस्से में विराजमान है। हालांकि दोनों टीमों के पास मौक़ा है कि वह प्लेऑफ़ में जगह बना सकते हैं। ऐसे में यह मैच और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आप अपने विरोधी का काम बिगाड़ सकते हैं। आइए हम और आप मिलकर नज़र डालते हैं इस मैच से जुड़े मज़ेदार आंकड़ों पर।
विलियमसन ने चली कछुए की चाल
निराशाजनक शुरुआत के बावजूद सनराइज़र्स हैदराबाद ने भले ही कई मैच जीते हैं, कप्तान केन विलियमसन की फ़ॉर्म चिंता का सबब बनी हुई है। इस सीज़न में उनके बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला है और वह पांच बार 10 से कम के स्कोर पर आउट हुए हैं। ख़राब दौर से तो कोई भी खिलाड़ी गुज़र सकता है लेकिन विलियमसन की बल्लेबाज़ी में स्ट्राइक रेट उनका शत्रु बनता जा रहा है। इस सीज़न में अपनी 60 प्रतिशत पारियों में विलियमसन का स्ट्राइक रेट 100 से भी कम का रहा है। परेशानी की बात यह है कि वह नौ बार तेज़ गेंदबाज़ी का शिकार हुए हैं और पावरप्ले में उन्हें ज़्यादातर ओवर स्पिन के नहीं मिलेंगे। ऐसे में जल्द से जल्द कप्तान को खरगोश बनना होगा वरना उनकी टीम टॉप चार की दौड़ से बाहर हो जाएगी।
कोलकाता के बाबू मोशाय को शॉर्ट गेंदें नहीं भाती
मुंबई इंडियंस के विरुद्ध अपने पिछले मैच में कोलकाता की बल्लेबाज़ी छोटी और पटकी हुई गेंदों पर ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। इस पूरे सीज़न की यही कहानी रही है और कोलकाता के बल्लेबाज़ सर्वाधिक 28 बार शॉर्ट पिच गेंदों पर चलते बने हैं। यह आंकड़ा और चिंताजनक हो जाता है जब आप बात की तह तक जाते हैं। कोलकाता को दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ श्रेयस अय्यर और आंद्रे रसल चार-चार बार छोटी गेंदों का सामना करने में विफल हुए हैं। सनराइज़र्स हैदराबाद इस बात को जानती है और वह कार्तिक त्यागी और उमरान मलिक को इनके लिए तरो-ताज़ा रखना चाहेगी।
हैदराबाद की गेंदबाज़ी का हुआ बुरा हाल?
सनराइज़र्स हैदराबाद को सिलसिला बरक़रार रखना पसंद है, फिर चाहे वह लगातार पांच मैच जीतने का हो या फिर लगातार चार मैच हारने का। पिछले चार मैच हारने वाली इस टीम ने इन प्रत्येक मैचों में 190 रन ख़र्च किए हैं। गौर करने लायक बात यह कि इससे पहले अपने शुरुआती सात मैचों में उन्होंने केवल एक बार 190 रन लुटाए थे। भुवनेश्वर कुमार के अलावा सभी गेंदबाज़ों की इकॉनमी 10 से ऊपर की है। रफ़्तार के सौदागर कहे जा रहे उमरान की गेंदबाज़ी में पैनापन नज़र नहीं आ रहा है। साथ ही वॉशिंगटन सुंदर और टी नटराजन की चोट ने टीम को असमंजस में डालकर रखा है। जब टीम का सबसे मज़बूत पक्ष उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता, तब आप दो अंक की बस कल्पना ही कर सकते हैं।
अफ़्ज़ल जिवानी (@jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।
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