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आंकड़े झूठ नहीं बोलते: चेन्नई की जीत में मुकेश है हीरा

मुंबई बनाम चेन्नई मैच से जुड़े अहम आंकड़ें

इस सीजन चेन्‍नई के लिए शानदार रहे हैं मुकेश चौधरी  BCCI

मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच होने वाले मैचों में सबकी नज़र रहती है। मुंबई और चेन्नई के इस सीज़न के आंकड़ें उनके आईपी​एल​ इतिहास की गवाही नहीं दे रहे हैं। मुंबई ने अपने 11 मैचों में से केवल दो ही जीते हैं और इस दौरान उन्होंने नौ मैच हारे हैं। उनका इस बार जीत का प्रतिशत 8.1% ही रहा है जो एक सीज़न में सबसे कम है। वहीं चेन्नई 11 में से चार ही मैच अब तक जीत पाई है।

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सीएसके की जान है मुकेश

मुकेश चौधरी के लिए यह सीज़न शानदार रहा है। चेन्नई की जीत में उन्होंने 10 विकेट लिए हैं, जो इस सीज़न चेन्नई के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन है। मुकेश का प्रदर्शन पावरप्ले में अच्छा रहा है और जब भी उन्हें मौक़ा मिला है उन्होंने अच्छा किया है।

जब भी मुकेश ने एक पारी में दो या उससे ज़्यादा विकेट लिए हैं, चेन्नई की जीत का प्रतिशत 100 रहा है। वहीं जब उन्हें विकेट नहीं मिलते तो, चेन्नई 20% ही मैच जीत पाती है। मुकेश के 13 में से आठ विकेट पावरप्ले में आए हैं। उन्होंने मध्य ओवरों में तो अच्छी गेंदबाज़ी की है लेकिन डेथ ओवरों में वह सामान्य रहे हैं।

पोलार्ड की यह है कमजोरी

कायरन पोलार्ड के लिए यह सीज़न बहुत मुश्किल रहा है। वह इस बार 20 रन या उससे कम में आठ बार आउट हुए हैं। वहीं 30 बार के स्कोर को तो वह एक बार भी पार नहीं कर पाए हैं। इस सीज़न 11 में से आठ पारियों में उनका स्ट्राइक रेट 100 तक भी नहीं पहुंचा है। पोलार्ड 24 से ज़्यादा गेंद इस आईपीएल में खेल ही नहीं पाए हैं।

स्पिन से कॉन्वे को रखो दूर

कॉन्वे इस सीज़न में चेन्नई के लिए अर्धशतक लगाने वाले अकेले विदेशी बल्लेबाज़ हैं। उन्होंने पिछले तीन मैच में लगातार तीन अर्धशतक लगाए हैं। यह यह काम इससे पहले सिर्फ़ फ़ाफ़ डुप्लेसी ने ही किया है। इस सीज़न देखा जाए तो कॉन्वे ने स्पिन के ख़िलाफ़ 197 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जो बतता है कि वह स्पिन के ख़िलाफ़ कितना बेहतर रहे हैं।

सात से 15 ओवरों के बीच जब स्पिनर आते हैं तो उनका बल्लेबाज़ी औसत तीन पारियों में 144 का हो गया था। वहीं 30 से ज़्यादा गेंद एक बार खेलने के बाद उनका स्ट्राइक रेट 186 का हो जाता है। कॉन्वे ने चार मैच में ही चेन्नई के लिए ओपनिंग करते हुए तीन अर्धशतक लगा दिए, जो गायकवाड़ और उथप्पा से ज़्यादा हैं।

बुमराह की वापसी

इस सीज़न बुमराह दायें हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ जरूर सफल नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने बायें हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ अच्छा किया है। उन्होंने बायें हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ 16.4 के औसत और 14.6 के स्ट्राइक रेट से गेंदबाज़ी की है और केवल 6.7 रन प्रति ओवर से रन दिए हैं। अगर चेन्नई दिल्ली के ख़िलाफ़ खेली गई प्लेइंग इलेवन के साथ जाती है तो यह बुमराह और मुंबई के पक्ष में जा सकता है क्योंकि चेन्नई में शीर्ष सात में से तीन बल्लेबाज़ बायें हाथ के हैं।

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निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26