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पंत की मैच फ़ीस में कटौती, प्रवीण आमरे पर लगा एक मैच का प्रतिबंध

प्रवीण आमरे अंपायर से बहस करने के लिए मैदान के भीतर चले गए थे

हां या ना : आख़िरी ओवर की तीसरी गेंद नो बॉल देनी चाहिए थी

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दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच शुक्रवार रात को खेले गए मुक़ाबले के दौरान हुए नो बॉल प्रकरण पर आईपीएल प्रबंधन ने कार्रवाई की है। आईपीएल प्रबंधन ने दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत की मैच फ़ीस में 100 फ़ीसदी की कटौती कर दी है। जबकि बीच मैदान में अंपायर से उलझना दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच प्रवीण आमरे को भारी पड़ गया है।

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इस बर्ताव के लिए प्रवीण आमरे पर एक मैच का बैन लगा दिया गया है। मैदान में आमरे के प्रवेश पर एक मैच की रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही उनकी मैच फ़ीस में भी कटौती की गई है। आमरे की मैच फ़ीस में 100 फ़ीसदी की कटौती की गई है। कप्तान पंत और सहायक कोच आमरे के अलावा शार्दुल ठाकुर की मैच फ़ीस में भी 50 फ़ीसदी की कटौती की गई है।

पंत ने आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.7 के तहत स्तर 2 के अपराध को स्वीकार किया और मंजूरी को स्वीकार कर लिया, जबकि ठाकुर ने अनुच्छेद 2.8 के तहत स्तर 2 के अपराध को स्वीकार किया। आमरे ने अनुच्छेद 2.2 के तहत स्तर 2 के अपराध को स्वीकार किया।

शुक्रवार को दिल्ली कैपिटल्स की पारी के अंतिम ओवर की तीसरी गेंद डाले जाने के बाद मैच की समाप्ति विवादास्पद ढंग से हुई। ओबेद मकॉए की हाई फ़ुल टॉस को रोवमन पॉवेल ने छक्के के लिए पुल कर दिया था। अंपायर ने छक्के का इशारा तो किया, लेकिन दिल्ली कैपिटल्स इस आस में थे कि इस गेंद को नो बॉल भी करार दिया जाएगा। नो बॉल करार नहीं दिया गया और इसके बाद बल्लेबाज़ी कर रहे रोवमन पॉवेल और कुलदीप यादव दोनों ही ऑन फ़ील्ड अंपायर नितिन मेनन और निखिल पटवर्धन से उलझ पड़े।

नियमों के मुताबिक़ थर्ड अंपायर इस फ़ैसले पर तभी दखल दे सकते थे, जब इस गेंद पर विकेट गिरने की गुंजाइश रहती। मैदान के भीतर दोनों बल्लेबाज़ ऑन फ़ील्ड अंपायर्स के साथ बहस करते रहे। इसी बीच कप्तान पंत ने टीम के सहायक कोच प्रवीण आमरे को मैदान में भेज दिया। जबकि दूसरी तरफ़ शेन वॉटसन पंत को शांत करने के लिए गए। वहीं राजस्थान रॉयल्स को अपनी शतकीय पारी से बड़े स्कोर तक पहुंचाने वाले जॉस बटलर भी पंत के पास गए। बटलर पंत के बर्ताव से काफ़ी नाराज़ लग रहे थे। हालांकि राजस्थान रॉयल्स ने इस मुक़ाबले को 15 रनों से जीत लिया।

वहीं पूर्व इंग्लैंड कप्तान केविन पीटरसन ने पंत और आमरे के बर्ताव पर नाराज़गी जताई। वानखेड़े स्टेडियम में स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने दोनों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि अगर रिकी पोंटिंग मैदान पर रहते तो हमें यह व्यवहार दिखता। जॉस बटलर के पास पूरा अधिकार था कि वह आकर पंत से पूछते कि यह क्या चल रहा था? आपके किसी कोच को मैदान के बीच भेजना और अंपायर की बात को टालने की कोशिश करना इस गेम की खेल भावना के ख़िलाफ़ है। कितनी बार ऐसा हुआ है कि आपने गेंद से बल्ले को नहीं छुआ लेकिन आपको अंपायर ने ग़लती से पवेलियन भेज दिया।"

वॉटसन की बातों से सहमति रखते हुए पीटरसन ने आमरे की भूमिका पर भी निंदा जताते हुए कहा, "पिछले आधे घंटे के दृश्य क्रिकेट के लिए अच्छे नहीं हैं। यह एक बड़ी ग़लती थी और सबसे बड़ी भूल तब हुई जब कोच ख़ुद मैदान पर उतर गए। आप कोच हैं और उस ड्रेसिंग रूम में एक वरिष्ठ व्यक्ति हैं। ऋषभ पंत अपने खिलाड़ियों को वापस बुला रहे थे और यह अस्वीकार्य है। मैं आशा करता हूं ऐसा कभी फिर से नहीं होगा क्योंकि आप इस तरीक़े से क्रिकेट नहीं खेल सकते।"

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