DC vs CSK मैच रिपोर्ट कार्ड : इस रणनीति के बलबूते चेन्नई ने किया प्लेऑफ़ में प्रवेश
वॉर्नर ने अर्धशतकीय पारी ज़रूर खेली लेकिन उनके भीतर स्कोर को चेज़ करने के इंटेंट की कमी साफ़ तौर पर दिखाई दी

शनिवार को डबल हेडर के पहले मुक़ाबले का परिणाम आते ही प्लेऑफ़ में प्रवेश करने वाली दूसरी टीम की तस्वीर साफ़ हो गई। चेन्नई सुपर किंग्स की तुलना में दिल्ली कैपिटल्स अपने ही घर पर चारों खाने चित नज़र आई। एक नज़र विभिन्न क्षेत्रों में दोनों टीमों के प्रदर्शन पर डालते हैं और साथ ही यह टटोलने का प्रयास करते हैं कि आख़िर चेन्नई ने इस मुक़ाबले पर ऐसा क्या किया जो कि दिल्ली नहीं कर पाई?
बल्लेबाज़ी
दिल्ली (C) - दिल्ली की टीम कोटला की एक धीमी पिच पर एक विशालकाय लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी। यह लक्ष्य आसान नहीं रहने वाला था बशर्ते अगर उन्हें अच्छा स्टार्ट मिल जाता। इस सीज़न अपनी ओपनिंग से परेशान दिल्ली को पहला झटका इम्पैक्ट प्लेयर पृथ्वी शॉ के रूप में लगा और इसके बाद भी दिल्ली ने गुच्छों में विकेट गंवाना शुरू कर दिया। कप्तान डेविड वॉर्नर लंबे समय तक क्रीज़ पर डटे रहे और अर्धशतकीय पारी भी खेली लेकिन उनके भीतर मिडिल ओवर्स में लक्ष्य हासिल करने के इंटेंट की कमी साफ़ तौर पर दिखाई दी।
चेन्नई (A) - पिच के बाद में धीमा होने के अनुमान के चलते महेंद्र सिंह धोनी ने पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था। हालांकि शुरुआत में चेन्नई की सलामी जोड़ी को स्विंग और उछाल दोनों का सामना करना पड़ा लेकिन पावरप्ले में स्पिन और स्विंग दोनों पर सलामी जोड़ी ने भरपूर आक्रमण किया और चेन्नई को एक बढ़िया शुरुआत दिलाई। दोनों इस क़दर हावी हुए कि पांच ओवर के भीतर ही अर्धशतकीय साझेदारी पूरी हो गई।
हालांकि पावरप्ले के बाद तीन ओवर चेन्नई की रफ़्तार हल्की धीमी पड़ गई लेकिन 10वें ओवर में गायकवाड़ ने लगातार दो छक्के लगाकर कॉन्वे से पहले अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। 11वें ओवर में सलामी जोड़ी को दो जीवनदान भी मिले लेकिन इसके बाद गायकवाड़ पूरी तरह से हावी हो गए। दोनों की जोड़ी गायकवाड़ के विकेट रूप में 15वें ओवर में टूटी लेकिन तब तक एक बड़े स्कोर का आधार तैयार हो चुका था।
गेंदबाज़ी
दिल्ली (C) - शुरुआत में खलील अहमद को पिच से स्विंग प्राप्त हो रही थी। पहली चार गेंद तक तो उन्होंने गायकवाड़ को बांधे रखा लेकिन पहले ही ओवर की पांचवीं गेंद दिशाहीन हुई और गायकवाड़ को हाथ खोलने का मौक़ा मिला। दूसरा ओवर करने आए ललित यादव भी कुछ ख़ास नहीं कर पाए और चेन्नई के एक अच्छी शुरुआत की ओर अग्रसर हो गई। पावरप्ले में पांच गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया गया लेकिन एक भी विकेट दिल्ली को प्राप्त नहीं हुआ। छठे गेंदबाज़ के तौर पर सातवां ओवर करने आए कुलदीप पर गायकवाड़ ने धाबा बोल दिया। मध्य ओवर में दिल्ली के स्पिनर्स इतने बेबस हो गए कि वह स्टंप्स पर गेंद डालने के बजाय बल्लेबाज़ों की शरीर से दूर रखने लगे। 10वें ओवर में गायकवाड़ ने अक्षर के ख़िलाफ़ लगातार दोनों छक्के बैकफ़ुट पर लगाए। गायकवाड़ जब लय में आए तब उन्होंने 12वें ओवर में कुलदीप की गेंदों पर लगातार तीन छक्के भी लगाए। पहली सफलता दिल्ली को 15वें ओवर में साकरिया ने गायकवाड़ को डीप स्क्वेयर लेग पर लपका कर दिलवाई लेकिन तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी। डेथ में कॉन्वे और शिवम के विकेट तो मिले लेकिन चेन्नई के सामने दिल्ली के सभी प्रयास नाक़ाम हो गए।
चेन्नई (A) - चेन्नई के गेंदबाज़ों ने वह ग़लती नहीं दोहराई जो कि दिल्ली के गेंदबाज़ों ने की थी। दिल्ली की पारी के दौरान वह लगातार धीमी गति की गेंद डालते रहे और पिच का भरपूर इस्तेमाल किया। दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर अंबाती रायुडू ने शॉ का कैच लपका, वह गेंद फंसकर शॉ के पास गई थी। पांचवें ओवर की चौथी गेंद पर फ़िल सॉल्ट भी चाहर की कटर गेंद का ही शिकार बने। अगली ही गेंद पर आउट होने वाले राइली रुसो गेंद को जल्दी ही कट करने गए जिस वजह से गेंद उनके बल्ले से लगकर विकेटों पर जा टकराई। हालांकि अगला विकेट लेने के लिए चेन्नई को छह ओवर का इंतज़ार करना पड़ा और यश धुल भी गेंद के पिच पर फंस कर आने की वजह से ट्रैप हो गए। अक्षर, अमन ख़ान और यहां तक कि वॉर्नर भी धीमी गति पर ही बीट होकर पवेलियन लौटे। अंतिम ओवर से पहले मैच में महज़ औपचारिकताएं ही बची थी लेकिन इस ओवर में भी महीश थीक्ष्णा ने दो विकेट झटके और दिल्ली 77 रन दूर रह गई।
क्षेत्ररक्षण
दिल्ली (B) - फ़ील्डिंग में दिल्ली ने आसानी से चेन्नई की सलामी जोड़ी को छोर बदलने दिए। विकेट का पहला मौक़ा नौवें ओवर करने आए कुलदीप की चौथी गेंद बना लेकिन गेंद गायकवाड़ के बल्ले का किनारा लेकर कवर्स पर खड़े वॉर्नर के सिर के ऊपर से चली गई।11वें ओवर में नॉन स्ट्राइकर एंड पर एक रन आउट और एक कॉट बिहाइंड का चांस भी आया लेकिन क्रमश: एक ग़लत थ्रो और कीपर तक कैरी न करने के चलते गायकवाड़ और कॉन्वे बच गए।
चेन्नई (A) - फ़ील्डिंग के क्षेत्र में भी चेन्नई दिल्ली पर हावी रही। पांचवें ओवर की तीसरी गेंद पर कवर्स पर खड़े मोईन अली द्वारा हड़बड़ी में सिंगल चुराने गए वॉर्नर के एक मिस रन आउट चांस को छोड़ दिया जाए तो चेन्नई ने फ़ील्डिंग में भी अच्छा प्रदर्शन किया। मिड ऑफ़ पर रायुडू के कैच से लेकर लॉन्ग ऑन पर गायकवाड़ के कैच ने प्रभावित किया। मोईन को आज न तो बल्लेबाज़ी मिली और न ही गेंदबाज़ी लेकिन उन्हें दो कैच लपके और शॉर्ट थर्ड मैन और कवर्स पर फ़ील्डिंग कर रन न देने में अहम भूमिका निभाई।
रणनीति
दिल्ली (C) - कप्तान वॉर्नर ने टॉस के दौरान कहा था कि मैचअप्स का ख़्याल रखते हुए वह ललित यादव को टीम में लेकर आए हैं और दूसरे ही ओवर में वह ललित को आक्रमण पर ले आए। वॉर्नर ने पावरप्ले में पांच गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया जिसमें चार ओवर, तीन अलग-अलग तेज़ गेंदबाज़ों (खलील, नॉर्ख़िए और साकरिया) ने डाले। रणनीति इस क़दर विफल रही कि उन्हें छह ओवर समाप्त होने पर ही टाइम आउट लेना पड़ गया। मिडिल ओवर्स में दिल्ली के स्पिनर्स ने बल्लेबाज़ों को बैकफ़ुट पर खेलने के भरपूर अवसर दिए जो कि दिल्ली पर भारी पड़ी। हालांकि 15वें ओवर में उन्हें पहली सफलता प्राप्त हुई वह भी एक धीमी गेंद पर।
चेन्नई (A) - शुरुआत में कॉन्वे ने एक छोर से ताबड़तोड़ अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की तो गायकवाड़ ने दूसरा छोर संभालने की ज़िम्मेदारी उठाई। इस रणनीति का चेन्नई को लाभ भी मिला और 10 ओवर तक चेन्नई को एक भी विकेट नहीं गिरा। जल्द ही गायकवाड़ ने अपना गियर बदला और कॉन्वे से पहले अर्धशतक बना डाला। यह अटैकिंग अप्रोच चेन्नई ने अपनी पूरी पारी के दौरान अपनाए रखा। जब गेंदबाज़ी की बारी आई तब भी वह अटैकिंग अप्रोच के साथ तो गए ही लेकिन पिच के हिसाब से और फ़ील्ड के अनुरूप ही गेंदबाज़ी की। हालांकि दिल्ली पर दबाव बनाने के बाद वॉर्नर ने जाडेजा पर आक्रमण किया लेकिन धोनी लगातार उन्हें गेंद को वॉर्नर से दूर रखने की सलाह दी। हालांकि इस सलाह को अमली जामा मिडिल ओवर्स में मथीशा पथिराना और तुषार देशपांडे ने अपनाया। ऐसा लगने लगा कि वॉर्नर न सिर्फ़ उनकी वाइड यॉर्कर के लिए रखे गए डीप प्वाइंट और डीप कवर के जाल में फंस गए हैं बल्कि उन्होंने इसकी काट ढूंढने के लिए कुछ अलग करने का प्रयास भी नहीं किया।
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