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मोर्ने मॉर्कल: इंपैक्ट प्लेयर ने बदला टी20 क्रिकेट, गेंदबाज़ों से उम्मीद भी बदलनी चाहिए

एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ के साथ टीमें 260-270 भी चेज़ कर ले रही हैं- मॉर्कल

मौजूदा IPL सीज़न में गेंदबाज़ों का काम बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है  BCCI

IPL का वर्तमान सीज़न पिछले सभी सीज़नों से काफ़ी अलग चल रहा है। इस सीज़न बहुत बड़े-बड़े स्कोर बन रहे हैं और फिर दूसरी पारी में भी टीमें उनके क़रीब पहुंच रही हैं या सफलतापूर्वक लक्ष्य को हासिल कर रही हैं। पंजाब किंग्स (PBKS) ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के ख़िलाफ़ 262 रनों का लक्ष्य आठ गेंद शेष रहते हासिल कर लिया था। यह टी20 क्रिकेट में हासिल किया गया सबसे बड़ा लक्ष्य था। वर्तमान सीज़न में 200 रन तो ऐसे बन रहे हैं जैसे कि ये अब टी20 क्रिकेट का नया 150 हो चुका है।

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IPL में इंपैक्ट प्लेयर का भी एक नियम है जिसकी मदद से टीमों के पास 12 खिलाड़ी इस्तेमाल करने का मौक़ा रहता है। अधिकतर मौक़ों पर टीमें एक विशेषज्ञ गेंदबाज़ को गेंदबाज़ी के बाद हटा देते हैं और उसकी जगह विशेषज्ञ बल्लेबाज़ को बुला लेते हैं। रिकी पोंटिंग और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज भी इंपैक्ट प्लेयर नियम से अधिक खुश नहीं हैं और वे इसके विरोध में अपनी आवाज उठा चुके हैं। इसके अलावा इस सीज़न हो रही पिटाई से गेंदबाज़ भी काफ़ी परेशान हैं और वे गेंद तथा बल्ले में बराबरी की लड़ाई चाह रहे हैं।

लखनऊ सुपर जॉयंट्स के गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मॉर्कल भी इंपैक्ट प्लेयर नियम को गेंदबाज़ों के लिए कठिनाई मान रहे हैं। मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ होने वाले मैच से पहले हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मॉर्कल ने साफ़ तौर पर कहा कि इंपैक्ट प्लेयर होने के कारण अब टीमें 260 या 270 रनों का स्कोर चेज़ करने के लिए भी जा रही हैं और स्कोर चेज़ हो भी रहे हैं।

ईमानदारी से कहूं तो शायद खेल बदल गया है तो अब गेंदबाज़ से उम्मीद भी बदलनी चाहिए। चार ओवर में अगर कोई 44 रन भी दे रहा है तो उसे भी अच्छा परिणाम माना जाना चाहिए।मोर्ने मॉर्कल

मॉर्कल ने कहा, "मेरे हिसाब से इंपैक्ट प्लेयर होने पर और ख़ास तौर पर एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ होने पर टीमें 260-270 का स्कोर भी चेज़ कर ले रही हैं। ऐसी परिस्थिति में जिसके हाथ में गेंद है उसे एक मानसिक लड़ाई भी लड़नी पड़ रही है। बल्लेबाज़ बहुत अच्छे शॉट्स लगा रहे हैं और ऐसे में आपके पास अपने प्लान पर टिके रह पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। गेंदबाज़ के लिए उसकी सभी 24 गेंद दबाव वाली हो रही हैं। जिस तरह से बल्लेबाज़ी हो रही है उसमें विकेट लेने का भी मौक़ा बनता है।"

इस सीज़न जिस तरह से खेल बदला है उसे लोग अब धीरे-धीरे साधारण मानने लगे हैं और अब ये बात हो रही है टी20 का खेल और तेज़ हो गया है। कई लोगों का मानना है कि अब टीमें टी20 क्रिकेट में ऐसा ही खेलेंगी जिसमें उन्हें विकेट गंवाने का डर नहीं होगा और वे पहली से लेकर अंतिम गेंद तक आक्रमण जारी रखेंगे।

इस बारे में मॉर्कल ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो शायद खेल बदल गया है तो अब गेंदबाज़ से उम्मीद भी बदलनी चाहिए। चार ओवर में अगर कोई 44 रन भी दे रहा है तो उसे भी अच्छा परिणाम माना जाना चाहिए। हालांकि आप हाथ में गेंद लेकर मैच को कैसे अंत तक ले जाएंगे और हर गेंद पर फाइट करेंगे। मेरे हिसाब से यह माइंडसेट वाली बात है। आप ये बात कर सकते हैं कि ये बल्लेबाज़ अच्छी स्किल वाले हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाज़ों की पिटाई हो रही है। आप अपनी वापसी को कैसे प्लान करेंगे? "

Morne MorkelIndian Premier League