विग्नेश की कुलदीप जैसा बनने की चाहत उनको बड़े मंच तक ले आई
अपने पहले ही मैच में पुथुर IPL इतिहास में डेब्यू पर तीन विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने

चेपॉक के स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए पहली बार खेल रहे बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर नूर अहमद ने मात्र 18 रन देकर चार विकेट लेकर अपनी चपलता का उदाहरण दिया, लेकिन कहानी अभी बाक़ी थी, जहां पर एक मुंबई इंडियंस के लिए एक नए चेहरे विग्नेश पुथुर को अपनी कहानी जोड़नी बाक़ी थी।
बाएं हाथ के विग्नेश ने CSK की जीत की ओर बढ़ती पारी पर एक स्पीड ब्रेकर लगाया। पहले उन्होंने कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ को अपनी लूप लेती गेंद में फंसाया। इसके बाद उन्होंने शिवम दुबे और दीपक हुड्डा को भी अपनी फ़िरकी में फंसा दिया। उन्होंने चार ओवर में 32 रन देकर तीन विकेट लिए थे। लेकिन लगातार धीमे हो रहे चेपॉक के विकेट पर अभी क्लाइमैक्स बाक़ी था।
लेकिन आखिर विग्नेश हैं कौन, जिन्होंने अभी तक अपने राज्य के लिए सीनियर स्तर पर भी कोई मैच नहीं खेला और अपने पहले ही मैच में उन्होंने भारतीय क्रिकेट के सुपर स्टार रोहित शर्मा को इम्पैक्ट सब के तौर पर आकर डग आउट में बैठा दिया।
23 साल के विग्नेशन ने केरल के मल्लपुरम से आते हैं। उन्होंने केरल के लिए अभी तक कोई भी सीनियर स्तर पर क्रिकेट नहीं खेला था। पुथुर को सबसे पहले केरल क्रिकेट लीग में अलप्पी रिपल्स के लिए खेलते हुए सुर्खियां मिली। वह दो मैचों में केवल तीन विकेट ही ले पाए लेकिन मुंबई इंडियंस के स्काउट्स ने उनकी गेंदबाज़ी में कंट्रोल और विविधता को परख लिया।
यही वजह रही कि उनको MI के तीन ट्रायल का हिस्सा बनने का मौक़ा मिला और यहां पर इस टीम की पूरी पावर कैंप में थी, जहां पर उनकी गेंदबाज़ी पर पूरा फ़ोकस किया गया।
ऑटोरिक्शा ड्राइवर के बेटे पुथुर के पास IPL नीलामी में कोई अपेक्षा नहीं थी। उनके पास ना तो सीनियर घरेलू स्तर का अनुभव था और उनके इस बड़ी लीग में करार की संभावना भी कम थी। उन्होंने तो अपना नंबर आने से पहले टीवी भी बंद कर दिया था, लेकिन मुंबई इंडियंस ने उनको 30 लाख के बेस प्राइज़ में ख़रीद लिया।
पुथुर का क्रिकेट सफ़र 11 साल की उम्र में बतौर बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर के तौर पर शुरू हुआ।
वह मल्लपपुरम जिला क्रिकेट एकेडमी में गए और केरल के लिए अंडर-14 और 19 स्तर तक खेले लेकिन सीनियर टीम तक नहीं जा पाए।
हालांकि उन्होंने पेरिनथलमन्न में जॉली रॉवर्स के लिए क्लब क्रिकेट खेलना जारी रखा। बतौर बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर के तौर पर उनके प्रेरणास्त्रोत कुलदीप यादव थे लेकिन उन्होंने अपने गेंदबाज़ी एक्शन में अलग ही अपनी पहचान बनाने का प्रयास किया।
उनके लिए सबसे बड़ा लम्हा तब आया जब उनको नेट्स में हार्दिक पंड्या और सूर्यकुमार यादव को गेंदबाज़ी करने का मौक़ा मिला। रविवार को उनकी मेहनत कारगर साबित हुई और वह IPL डेब्यू में 32 रन देकर तीन विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बनकर उभरे।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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