जानिए कोहली कैसे बने RCB के स्थायी खिलाड़ी', दिल्ली फ़्रैंचाइज़ी से हुई थी IPL इतिहास की सबसे बड़ी चूक
2008 में दिल्ली फ़्रैचाइंज़ी को 'दिल्ली के कोहली' को अपना बनाने का पूरा मौक़ा था, लेकिन उन्होंने कोहली नहीं सांगवान को चुना
कुंबले: DC और RCB के लिए अहम मैच जहां माहौल काफ़ी गर्म रहेगा
IPL 2025 के 46वें मुक़ाबले DC vs RCB का प्रीव्यू अनिल कुंबले के साथरविवार को IPL 2025 के दिल्ली कैपिटल्स (DC) बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) मैच के दौरान जब विराट कोहली अपने नाम से बने पवेलियन के ड्रेसिंग रूम से उतरेंगे, तो दिल्ली की जनता के दिमाग़ में एक सवाल यह भी कौंधेगा कि कोहली तो दिल्ली का लड़का है, वह DC की तरफ़ से कभी क्यों नहीं खेलें?
चलिए, इस सवाल का जवाब इतिहास के पन्नों में ढूंढ़ते हैं। उससे पहले एक दिलचस्प तथ्य- कोहली IPL इतिहास के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने सभी 18 साल इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है, लेकिन कभी भी अपने गृहराज्य/गृहनगर की फ़्रैंचाइज़ी से नहीं खेले। रोहित शर्मा शुरुआती सालों में डेकक्न चार्जर्स (हैदराबाद) का हिस्सा थे, वहां ख़िताब भी जीता लेकिन बाद में वह भी अपने गृहनगर फ़्रैंचाइज़ी मुंबई इंडियंस (MI) का हिस्सा और टूर्नामेंट के सबसे सफल कप्तानों में से एक बने।
लेकिन अब कोहली पर आते हैं। बात फ़रवरी 2008 की है। दो महीने बाद ही IPL का पहला संस्करण शुरू होने वाला था और टीमें गठित हो रही थीं। उस समय दिल्ली डेयरडेविल्स (DC का तत्कालीन नाम) के क्रिकेट ऑपरेशंस प्रमुख रहे टीए शेखर बताते हैं, "हमने अंडर-22 कैटगरी से विराट कोहली, प्रदीप सांगवान और तन्मय श्रीवास्तव का नाम चिन्हित किया था।"
उस समय कोहली इंडिया अंडर-19 के कप्तान थे, दिल्ली में पैदा और पले-बढ़े हुए थे और दिल्ली का रणजी ट्रॉफ़ी और सीमित ओवर क्रिकेट में प्रतिनिधित्व भी किया था। इस तरह से वह दिल्ली फ़्रैंचाइज़ी में शामिल होने के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार थे।
उस समय के IPL नियमों के अनुसार, फ़्रैंचाइज़ी को अपने आइकन खिलाड़ी के अलावा चार अंडर-22 खिलाड़ी और टीम क्षेत्र से चार खिलाड़ियों को चुनना था। कोहली इन दोनों पैमानों पर ख़रे उतरते थे क्योंकि वह दिल्ली के ही थे और अभी अंडर-19 टीम में थे।
उस समय RCB के मालिक विजय माल्या द्वारा टीम के CEO बनाए गए चारू शर्मा ESPNcricinfo को बताते हैं, "हमारी फ़्रैंचाइज़ी ने इस पैमाने के लिए सबसे पहले कर्नाटक के बल्लेबाज़ मनीष पांडे से संपर्क किया था, जो कि अंडर-19 विश्व कप में कोहली के साथ ही थे। वह बेंगलुरू के स्थानीय थे, उभरते हुए बल्लेबाज़ थे और इस पैमाने पर बिल्कुल फ़िट बैठते थे। लेकिन उनके एजेंट के हस्तक्षेप के कारण उनसे बात नहीं बन पाई और इसके कुछ दिनों बाद BCCI ने एक कड़ा निर्देश जारी करते हुए कहा कि कोई भी फ़्रैंचाइज़ी विश्व कप के दौरान अंडर-19 खिलाड़ियों को अप्रोच नहीं करेगा। उस समय मलेशिया में अंडर-19 विश्व कप चल ही रहा था।"
इसके बाद BCCI का एक नया निर्देश आया, जिसमें बताया गया कि मार्च के मध्य में एक ड्राफ़्ट द्वारा अंडर-19 विश्व कप में चयनित हुए 16 भारतीय खिलाड़ियों की IPL चयन प्रक्रिया होगी, जिसमें हर फ़्रैंचाइज़ी दो-दो अंडर-19 खिलाड़ियों को अपनी टीम में ले सकेगी। उस समय IPL में सिर्फ़ आठ टीमें होती थीं।
ड्राफ़्ट में पहली बार जिस टीम का नाम आएगा, उसको अपने दूसरे खिलाड़ी के चयन के लिए 16वें नंबर का इंतज़ार करना था। अंडर-19 खिलाड़ियों की क़ीमत 30 हज़ार अमेरिकी डॉलर तय की गई थी। चूंकि कोहली रणजी ट्रॉफ़ी भी खेल चुके थे, इसलिए उनका मूल्य 50 हज़ार अमेरिकी डॉलर था।
शर्मा बताते हैं, "ड्रॉफ़्ट बैग से पहला नाम दिल्ली डेयरडेविल्स का निकला और सबको लगा कि कोहली तो अब दिल्ली की टीम में जा चुके हैं। हालांकि ऐसा नहीं था। वहां मौज़ूद दिल्ली डेयरडेविल्स के प्रतिनिधियों ने एक गोला (हडल) बनाया, आपस में कुछ देरी तक बात की और कहा कि वे बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ प्रदीप सांगवान को अपनी टीम में लेंगे।"
यह एक सामूहिक निर्णय था, जिसमें टीम के आइकन और कप्तान वीरेंद्र सहवाग का सबसे बड़ा हाथ था। चूंकि यह IPL का पहला संस्करण था और आइकन खिलाड़ियों को चुनने के बाद दो नीलामी होनी थी। पहली नीलामी में ही डेयरडेविल्स ने गौतम गंभीर, सहवाग, एबी डी विलियर्स, दिनेश कार्तिक, तिलकरत्ने दिलशान और मनोज तिवारी के अलावा स्थानीय खिलाड़ियों के रूप में शिखर धवन और मिथुन मन्हास जैसे बल्लेबाज़ों को चयनित कर लिया था, इसलिए उनको अब प्रमुख रूप से गेंदबाज़ों की ज़रूरत थी।
उस समय इंडिया अंडर-19 टीम के सदस्य रहे अभिनव मुकुंद बताते हैं, "बाएं हाथ के दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ प्रदीप सांगवान को उस समय भारत का अगला बड़ा सितारा माना जा रहा था। उस समय भारत के पास आशीष नेहरा, ज़हीर ख़ान और इरफ़ान पठान जैसे बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ थे और भारतीय क्रिकेट बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों के आब्शेसन से गुज़र रहा था। सांगवान ने पूरे विश्व कप में बेहतरीन गेंदबाज़ी की थी और उनके पास तेज़ी भी थी।"
सहवाग ने ही सबसे अधिक सांगवान के चयन की वक़ालत की थी। ये दोनों खिलाड़ी ही नज़फ़गढ़ से आते थे और सांगवान के 2007 में दिल्ली राज्य टीम में चयनित होने में सहवाग की भूमिका थी। इसके अलावा फ़्रैंचाइज़ी के क्रिकेट ऑपरेशंस प्रमुख शेखर ने भी सांगवान के साथ MRF पेस एकेडमी, चेन्नई में काम किया था।
डेयरडेविल्स के बाद जब RCB की बारी आई तो उन्होंने कोहली को लेने में कोई संकोच नहीं किया। शर्मा बताते हैं कि उनकी टीम ने इसके लिए एक सेकंड का चौथा हिस्सा भी नहीं लिया। "तब हमें नहीं पता था कि कोहली इतने बड़े ग्लोबल सुपरस्टार बनेंगे, लेकिन वह उस समय भारत के सर्वश्रेष्ठ अंडर-19 खिलाड़ी तो थे हीं।"
एक बार कोहली RCB के हुए, तो RCB के ही होकर रह गए। शुरूआती तीन सीज़न में कोहली का औसत सिर्फ़ 21.75 का था, जिसमें सिर्फ़ दो अर्धशतक थे। तब कोहली नंबर पांच य़ा छह पर बल्लेबाज़ी करते थे। लेकिन इसके बाद जब IPL 2011 की नीलामी हुई तो फ़्रैंचाइज़ी ने कोहली के रूप में एकमात्र रिटेंशन किया। यह टीम का कोहली के प्रति प्रेम और विश्वास दर्शाता है।
2022 में RCB पॉडकास्ट को दिए एक इंटरव्यू में कोहली बताते हैं, "मुझे नीलामी में उतरने के लिए कई बार अप्रोच किया गया, लेकिन इस फ़्रैंचाइज़ी ने जिस तरह से पहले तीन सालों में मुझे मौक़े दिए, मुझ पर विश्वास जताया, वह बहुत स्पेशल था।"
कोहली को फ़्रैंचाइज़ी ने लगातार 17 सीज़न तक रिटेन किया और 2021 में जब उन्होंने कप्तानी छोड़ी तो उन्होंने कहा कि वह संन्यास लेने तक 'RCB खिलाड़ी' ही रहेंगे।
इस साल की शुरुआत में जब कोहली लगभग 13 साल बाद कोई रणजी मैच खेलने उतरे थे, तो दिल्ली की जनता स्टेडियम में उमड़कर आ गई थी। शनिवार को उनका दिल्ली में 2023 के बाद पहला कोई IPL मैच होगा, जिसमें एक बार फिर से स्टेडियम के जैम-पैक होने की संभावना है।
हालांकि एक मामले में सांगवान हमेशा कोहली से आगे रहेंगे। सांगवान के नाम दो IPL ख़िताब (कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 2012 और गुजरात टाइटंस के साथ 2022 में) हैं, जबकि कोहली और RCB को अभी भी पहले IPL ख़िताब का इंतज़ार है।
मैट रोलर ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं. @mroller98
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