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दिग्वेश राठी: आम ऑफ़ स्पिनर से ख़ास मिस्ट्री स्पिनर बनने की अनोखी यात्रा

दिल्ली के दो कोचों ने बताया कैसे कारपोरेट लीग्स खेलते हुए IPL तक पहुंच गए दिग्वेश

Digvesh Rathi ने अपने प्रदर्शन से खींचा है सबका ध्यान  Associated Press

"कहा जाता है कि कड़ी मेहनत प्रतिभा को मात देती है, और दिग्वेश राठी इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।" यह कहना है सचिन शुक्ला का, जो दिल्ली स्थित द्रोणाचार्य क्रिकेट अकादमी में राठी के कोच हैं।

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लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के मिस्ट्री स्पिनर राठी ने IPL 2025 में अपनी किफ़ायती गेंदबाज़ी और अनोखे जश्न से सबका ध्यान खींचा है। पहले पांच मैचों में उन्होंने सात विकेट झटके हैं और उनका इकॉनमी रेट 7.75 रहा है। अपनी "नोटबुक" सेलिब्रेशन के लिए उन्हें दो बार सज़ा भी मिल चुकी है। उनके लंबे बाल और सुनील नारायण से प्रेरित रन-अप उनके व्यक्तित्व में और भी आकर्षण जोड़ते हैं।

राठी को शुक्ला उस वक्त से जानते हैं जब न तो उनके सेलिब्रेशन ख़ास हुआ करते थे, न लंबे बाल थे, और न ही उनकी स्पिन में कोई "मिस्ट्री" थी।

शुक्ला ने ESPNcricinfo से कहा, "जब दिग्वेश 2017 के आसपास पहली बार हमारी अकादमी में आया, तब वो एक आम ऑफ़स्पिन एक्शन से ऑफ़स्पिन गेंदबाज़ी करता था। वो तब 17 साल का था और अपने पहले ही साल में हमारे क्लब दिल्ली ब्लूज़ के लिए 14 मैचों में करीब 40 विकेट ले गया।"

"अब वो एक बिलकुल अलग तरह का गेंदबाज़ बन चुका है। रन-अप के दौरान वो गेंद को अपनी पीठ के पीछे छुपाता है और तेज़ गति से गेंदबाज़ी करता है। उसकी कैरम बॉल को पढ़ पाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि वो गूगली के लिए भी लगभग वही ग्रिप इस्तेमाल करता है। मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ मैच में उसने नमन धीर को ऐसे ही आउट किया था।"

हालांकि राठी ने पहले कभी भी किसी आयु-वर्ग क्रिकेट में हिस्सा नहीं लिया था, फिर भी वो दिल्ली की अंडर-19 टीम की शॉर्टलिस्ट में शामिल थे। लेकिन उस ग्रुप में कई और प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे, और अंततः राठी चयनित नहीं हो सके।

शुक्ला को आज भी वो दिन याद है जब टीम की घोषणा हुई थी। "वो दोपहर के करीब मेरे पास आया, साफ़ तौर पर उदास और भावुक था। मैंने पूछा क्या हुआ? उसने कहा, 'भैया, नहीं हुआ।' जब एक मिडिल क्लास परिवार का लड़का इस फील्ड को चुनता है, तो वो सब कुछ दांव पर लगा देता है। क्योंकि कई बार पूरा परिवार उसी पर निर्भर होता है और जब पूरी मेहनत के बावजूद चयन नहीं होता, तो दर्द सिर्फ वही जानता है जिसने वो सब झेला हो।"

Digvesh Rathi पहले दिल्ली कैपिटल्स के नेट गेंदबाज़ रह चुके हैं  Digvesh Rathi

इसके बाद एक और झटका लगा। एक मैच में फ़ील्डिंग करते समय राठी की दायीं कॉलरबोन (कंधे की हड्डी) फ्रैक्चर हो गई। लेकिन राठी ने हार नहीं मानी, बल्कि और मेहनत करना शुरू कर दिया। साथ ही उसे यह भी एहसास हुआ कि एक आम ऑफ़स्पिनर के तौर पर ख़ुद को अलग साबित करना आसान नहीं है। इसलिए 2020 के आसपास उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में "मिस्ट्री" जोड़ने का फैसला किया।

राठी शुरू से ही सुनील नारायण के फैन रहे हैं। वो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर नारायण की फोटो को अपनी प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर इस्तेमाल करते थे। अब उन्होंने नारायण की गेंदबाज़ी की स्टाइल को भी अपनाना शुरू कर दिया। जब कोविड-19 के दौरान क्रिकेट पूरी तरह रुक गया था, तब राठी ने अपनी फ़िटनेस पर काम करना शुरू किया।

शुक्ला कहते हैं, "कोविड के दौरान बहुत लोगों के पास बहाने थे, लेकिन राठी के पास नहीं। उसने अपनी छत पर एक छोटा सा जिम बना लिया। वो पहले से ही फ़िट था पर और भी फ़िट हो गया। जैसे ही क्रिकेट दोबारा शुरू हुआ, वो नेट्स में घंटों गेंदबाज़ी करता था।"

लखनऊ में मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ मैच के बाद, LSG के हेड कोच जस्टिन लैंगर ने राठी की गेंदबाज़ी के प्रति दीवानगी को लेकर कहा, "अगर उसे दिन में 16 घंटे गेंदबाज़ी करने को मिले, तो वो 16 घंटे गेंदबाज़ी करेगा।"

शुक्ला ने यह सब सबसे पहले देखा था। वो कहते हैं, "मैंने कई जुनूनी खिलाड़ी देखे हैं, लेकिन मिस्ट्री स्पिनर बनने के लिए दिग्वेश ने जो मेहनत की, वो बिल्कुल अलग स्तर की थी। वो छह-सात घंटे लगातार एक स्टंप पर गेंदबाज़ी करता था। कई बार विकेटकीपर कह देता था कि थक गया है, लेकिन दिग्वेश कभी थकता नहीं था। आज भी वही हाल है।"

नेट्स में बिताए गए उन लंबे घंटों ने राठी को उसकी कैरम बॉल, गूगली और सीम-अप डिलीवरी विकसित करने में मदद की। इसके साथ-साथ उसकी सटीकता भी बेहतर हुई, जो उनकी गेंदबाज़ी की नींव है।

इस मेहनत का फल भी समय पर मिला। IPL 2022 और 2023 में दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने उन्हें नेट गेंदबाज़ के रूप में चुना। पिछले साल वो कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ भी इसी भूमिका में थे। यहां उन्हें अपने आदर्श नारायण से सीखने का मौक़ा मिला। इसी बीच जब BCCI ने CK नायडू ट्रॉफ़ी को अंडर-23 की जगह अंडर-25 कर दिया तब उन्हें दिल्ली के लिए खेलने का मौक़ा भी मिला। इस दौरान उन्होंने वानिंदु हसरंगा और केसरिक विलियम्स की सिग्नेचर सेलिब्रेशन स्टाइल्स भी अपना लीं।

अब राठी एक बड़े मंच का इंतज़ार कर रहे थे जहां वो अपनी प्रतिभा दिखा सके। यह मौक़ा उन्हें 2024 की दिल्ली प्रीमियर लीग में मिला, जहां साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ ने उन्हें चुना था। लेकिन इस मंच के साथ कुछ नई चुनौतियां भी आईं।

साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ के टीम डायरेक्टर और भारत के पूर्व ऑफ़स्पिनर सरनदीप सिंह ने बताया, "उसने पहले कभी कूकाबुरा गेंद से गेंदबाज़ी नहीं की थी। इसके अलावा वो बहुत तेज़ गेंदबाज़ी कर रहा था। हमने उसे सलाह दी कि थोड़ा धीरे डाले, ख़ासकर नए बल्लेबाज़ के सामने ताकि गेंद को टर्न करने का ज़्यादा मौका मिले।"

"हमने उससे कहा, 'तू विकेट लेने वाला गेंदबाज़ है। अगर एक ओवर में दो छक्के भी लग जाएं, तब भी विकेट लेने की कोशिश करता रह। हम तुझसे किफ़ायती ओवरों की उम्मीद नहीं करते।'"

Digvesh Rathi को नोटबुक सेलिब्रेशन के कारण झेलना पड़ा है जुर्माना  BCCI

राठी ने जल्दी ही सुधार किया और दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) में 10 मैचों में 14 विकेट लेकर चौथे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में उभरे। उनका इकॉनमी रेट 7.82 रहा। टूर्नामेंट के बाद सरनदीप जो दिल्ली की घरेलू टीम के कोच भी हैं, ने राठी से कहा, "जैसे अब तक प्रैक्टिस कर रहा है, वैसे ही करता रह।"

दो महीने बाद राठी को सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में दिल्ली की सीनियर टीम के लिए चुन लिया गया। वो सुयश शर्मा के बैकअप के रूप में टीम में थे और सिर्फ दो मैचों में खेलने का मौक़ा मिला जो मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के ख़िलाफ़। इन दो मैचों में उनका कुल प्रदर्शन रहा: 7 ओवर, 2 मेडन, 19 रन देकर 3 विकेट।

लेकिन इससे भी पहले LSG ने राठी को IPL 2025 की मेगा नीलामी में खरीद लिया था। अब वह टीम के भरोसेमंद स्पिनर बन चुके हैं और भारत के लेगस्पिनर रवि बिश्नोई से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। पहले पांच मैचों में राठी ने जो 120 गेंदें डाली हैं, उनमें से 44 डॉट बॉल्स रही हैं। स्पिनर्स में सिर्फ वरुण चक्रवर्ती जो राठी के एक और आदर्श हैं ने इस सीज़न में इससे ज़्यादा डॉट बॉल्स डाली हैं (49 गेंदें 114 में से)। राठी के ख़िलाफ़ अब तक केवल तीन छक्के लगे हैं वो भी उन सभी गेंदबाज़ों में सबसे कम जिन्होंने कम से कम 15 ओवर डाले हैं।

सरनदीप कहते हैं, "मैंने हाल ही में राठी से बात की और उससे कहा कि उसे यहां तक उसकी मेहनत लेकर आई है, और उसे इसी तरह मेहनत करते रहना होगा। क्योंकि अभी ज़्यादा लोग उसकी वैरिएशन को नहीं पहचानते। जब सब समझने लगेंगे कि वो क्या कर रहा है, तब असली परीक्षा शुरू होगी।"

"वो उन खिलाड़ियों में से नहीं है जो अंडर-19, अंडर-23 या रणजी ट्रॉफ़ी के रास्ते आए हों। पिछले साल तक तो वो कॉरपोरेट लीग्स में खेल रहा था। फिर अचानक DPL हुआ, फिर दिल्ली से डेब्यू और अब IPL खेल रहा है। तो जितना ज़्यादा वो गेंदबाज़ी करेगा, उतना ही अपनी गेंदबाज़ी को और बेहतर समझेगा।"

"मुझे लगता है वो बिलकुल सही रास्ते पर है। बहुत अनुशासित है, अकेले रहना पसंद करता है, अच्छी ट्रेनिंग करता है, और दिल खोलकर गेंदबाज़ी करता है। कोई हवाई बातें नहीं करता। आज के दौर में, खासकर दिल्ली जैसे माहौल में, ऐसे लड़के बहुत कम मिलते हैं।"

राठी का शांत और थोड़ा शर्मीला स्वभाव LSG द्वारा शेयर किए गए उस वीडियो में भी साफ़ झलकता है, जिसमें वह सुनील नारायण से मिल रहे हैं। लेकिन फिर वो जश्न जो उन्हें जुर्माना और तीन डिमेरिट पॉइंट्स दिला चुके हैं उसका क्या? पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ एक मैच में तो उन्होंने बल्लेबाज़ प्रियांश आर्य को आउट करने के बाद शारीरिक संपर्क भी किया।

शुक्ला ने बताया, "प्रियांश और दिग्वेश दरअसल बहुत अच्छे दोस्त हैं। दोनों ने दिल्ली प्रीमियर लीग में एक ही टीम के लिए खेला था, और वो सेलिब्रेशन बस मज़ाक में हुआ था।" "दिग्वेश ये सेलिब्रेशन काफी समय से करता आ रहा है। मैं तो अकसर उससे कहता हूं कि कोई अपना अलग सेलिब्रेशन बना ले। लेकिन वो कहता है, 'भैया, अभी चलने दो।'"

जिस तरह राठी प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे देखकर कोई भी नहीं चाहेगा कि वो कुछ भी बदले।

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हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं