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निडर मानसिकता से PBKS में सभी के चहेते बने प्रियांश आर्य

PBKS के ओपनर बल्‍लेबाज़ कोच पोटिंग और श्रेयस से लगातार सीख रहे हैं

Priyansh Arya ने कहा कि कप्तान और कोच दोनों ने उनका काफ़ी समर्थन किया है  BCCI

एक आक्रामक बल्‍लेबाज़ जल्‍दी एक आक्रामक शॉट खेलकर आउट हो जाता है तो वह बल्‍लेबाज़ सभी को बुरा ही लगता है लेकिन जब वही ऐसे शॉट खेलकर बड़ी पारी खेलता है तो सभी उसकी वाहवाही करते हैं। यह बात गुरुवार को एक ऑनलाइन प्रेस मीट में पंजाब किंग्‍स (PBKS) के युवा ओपनर बल्‍लेबाज़ प्रियांश आर्य ने कही।

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आर्य ने कहा कि यह सारा खेल मानसिकता का ही है। जब आप अच्‍छा करते हो तो तारीफ़ होती है और जब जल्‍दी आउट हो जाते हो तो आलोचना लेकिन एक आक्रामक बल्‍लेबाज़ अपने खेलने का तरीक़ा छोड़ता नहीं है।

आर्य ने कहा, "पहले कुछ मैचों में जब मेरे से रन नहीं बने थे तो तब भी कोच रिकी पोंटिंग और कप्‍तान श्रेयस अय्यर ने मुझ पर भरोसा बनाए रखा। जब मैं जोफ़्रा आर्चर की पहली ही गेंद पर बोल्‍ड हो गया था तो अगले मैच से पहले प्रैक्टिस सेशन में श्रेयस मेरे पास आए और मेरे से बात की। उन्‍होंने मुझसे ऐसे ही खुलकर खेलने की मांग की और भरोसा दिलाया कि मैं टीम के लिए सभी मैचों का हिस्‍सा होने वाला हूं।"

आर्य 2008 में IPL के पहले सीज़न के पहले मैच में ब्रैंडन मक्‍कलम के शतक से बहुत प्रभावित हुए थे और अब वह भी इस टूर्नामेंट में शतक बनाने वाले बल्‍लेबाज़ों में से एक हैं। आर्य इस सूची में अपना नाम पाकर खु़श दिखाई दिए।

आर्य ने कहा, "यह शतक मेरे लिए बहुत ख़ास है। मेरे पर दबाव भी था, मैं पिछले मैच में शून्‍य पर आउट हुआ था और पीछे माही भाई पूरे समय खड़े थे। हां यह बात सही है कि मैं मक्‍कलम की उस पारी से काफ़ी प्रभावित हुआ था और सोचा था कि एक दिन मैं भी यहां आकर ऐसा करूंगा। मैं खु़श हूं कि इन दिग्‍गज खिलाड़‍ियों के साथ मेरा नाम जुड़ सका।"

आर्य ने टूर्नामेंट से पहले भोपाल में कोच संजय भारद्वाज की एकेडमी में एक महीना ट्रेनिंग की थी, जहां पर उनको निश्चित समय के लिए मोबाइल चलाने दिया जाता था और स‍िर्फ़ क्रिकेट पर ही ध्‍यान रहता था।

आर्य से जब कोच संजय भारद्वाज के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, "संजय सर ने मेरी बहुत मदद की है। उन्‍होंने सबसे अधिक मेरी मानसिकता पर काम किया है। मैं बचपन से ही ऐसा आक्रामक क्रिकेट नहीं खेलता था। लेकिन जब खेला तो उन्‍होंने मेरे खेल का समर्थन किया। संजय सर हर मैच के बाद या पहले मेरे से बात करते हैं और हम फ‍िर पिछली या अगली पारी पर बात करते हैं। वह हमेशा कहते हैं कि आज नहीं चला तो कोई नहीं अगले मैच में निकलेगा और जब निकलेगा तो बड़ा निकलेगा।"

एक नियम की वजह से आर्य 2020 अंडर-19 विश्‍व कप खेलते-खेलते रह गए और अब नाम कमाने को उनको चार साल से अधिक का समय लग गया। इस बीच दिल्‍ली के लिए भी उन्‍हें मौक़े नहीं मिले। लेकिन दिल्‍ली प्रीमियर लीग (DPL) ने सब बदलकर रख दिया जहां पर उन्‍होंने 10 पारियों में 600 से अधिक रन बनाए और छह गेंद पर छह छक्‍के लगाकर सुर्खियां बटोर ले गए।

बाएं हाथ के ओपनर आर्य ने कहा, "वह समय बीत चुका है। जब दिल्‍ली प्रीमियर लीग में मुझे मौक़ा मिला तो मैंने बस एक बात सोची कि यह मेरे लिए बड़ा मौक़ा है और मैं इसको हाथ से नहीं जाने दूंगा। मैं जैसा खेलता हूं वैसा ही इस लीग में खेला और टूर्नामेंट के स्काउट्स की नज़र में आया।"

PBKS में बल्‍लेबाज़ी में सीखने को लेकर भी आर्य खु़श दिखे, जहां उनको पोटिंग और श्रेयस से काफ़ी कुछ सीखने को मिल रहा है।

आर्य ने कहा, "देखिए सभी जानते हैं कि रिकी सर कितना बेहतरीन पुल लगाते थे। मैं भी पुल लगाता हूं, मैं उनसे यही सीखने की कोशिश कर रहा हूं कि इसे और बेहतर कैसे कर सकूं। वहीं जहां तक श्रेयस भाई की बात है तो जब राजस्‍थान रॉयल्‍स के ख़‍िलाफ़ मैं पहली ही गेंद पर आउट हुआ तो उन्‍होंने अगली ही गेंद पर चौका लगाया। यह दिखाता है कि पीछे क्‍या हुआ उसको भूलकर आगे का देखना होता है और मैं भी यही प्रयास कर रहा हूं।

Priyansh AryaPunjab KingsPBKS vs SRHIndian Premier League

निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26