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झूलन: विश्व कप नहीं जीतना सबसे अफ़सोसजनक

भविष्य को लेकर बोलीं झूलन, "महिला आईपीएल की आधिकारिक रूप से घोषणा होने दीजिए, फिर मैं फ़ैसला करूंगी"

झूलन गोस्वामी ने दो दशक तक भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी का भार अपने कंधों पर उठाए  AFP/Getty Images

यह भारतीय महिला क्रिकेट में काफ़ी अलग प्रेस कॉफ़्रेंस था। शनिवार को अपना आख़िरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने जा रहीं झूलन गोस्वामी से मिलने के लिए सामान्य से अधिक पत्रकार आए हुए थे, बेशक़ वह वर्चुअली ही आए थे। सवाल, झूलन की पसंदीदा यादों से लेकर उनको किस बात का खेद है, तक पूछे गए। और झूलन ने एक तेज़ गेंदबाज़ का धैर्य दिखाया, जिससे उन्होंने निपटते हुए 20 साल तक कड़ी मेहनत की है।

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झूलन ने कहा, "पिछले दो सालों से मैं सोच रहा थी कि हर सीरीज़ मेरी आख़िरी सीरीज़ हो सकती है, ख़ासकर जब कोविड -19 के कारण क्रिकेट को 2021 तक स्थगित करना पड़ा। मैं काफ़ी चोटिल हो रही थी। विश्व कप के बाद मैंने सोचा कि शायद श्रीलंका का दौरा मेरा आख़िरी होगा। लेकिन विश्व कप के दौरान मैं चोटिल हो गई और श्रीलंका दौरे के लिए पर्याप्त फ़िट नहीं थी। टी20 विश्व कप (फरवरी 2023) से पहले यह आख़िरी वनडे सीरीज़ है और इसलिए मैंने सोचा कि मैं एनसीए [राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी, बेंगलुरु] जाऊंगी, ख़ूब रिहैब करूंगी और अपनी आख़िरी सीरीज़ के लिए इंग्लैंड आऊंगी।"

झूलन 2005 और 2017 दो वनडे विश्व कप फ़ाइनल का हिस्सा रहीं। 2017 विश्व कप के ख़िताबी मुक़ाबले में भारत सिर्फ़ नौ रनों से मैच हारा। अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ ने कहा कि विश्व कप नहीं जीतना ख़ेदजनक है, लेकिन उम्मीद है कि मौजूदा खिलाड़ी लंबी दूरी तय करेंगे।

उन्होंने कहा, "अगर हम उनमें से [दो विश्व कप फाइनल] एक जीत जाते तो यह टीम इंडिया और महिला क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा होता। यह हर एथलीट के लिए आख़िरी लक्ष्य है। जब आप इतनी मेहनत करते हैं, आप चार साल तक तैयारी करते हैं और अगर आप ट्रॉफ़ी जीतते हैं तो यह सपने सच होने जैसा है। दुर्भाग्य से हमने टी20 [2020 टी20 विश्व कप] सहित तीन फ़ाइनल खेले, लेकिन फ़ाइनल नहीं जीत पाए। इसने भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और यही एक खेद है।

भारतीय महिला क्रिकेट के बदलते परिदृश्य के बावजूद झूलन निरंतर टीम में रहीं और लॉर्ड्स में अपने दो दशक लंबे करियर का आख़िरी मैच खेलेंगी। वह अभी तक महिला आईपीएल खेलने को लेकर निश्चित नहीं है, जिसका मार्च 2023 में होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, "महिला आईपीएल की आधिकारिक रूप से घोषणा होने दीजिए, फिर मैं फ़ैसला करूंगी। इस समय मैं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से अपना करियर ख़त्म कर रही हूं।

"जब मैंने शुरुआत की थी, इतने लंबे समय तक खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था। उन दिनों हम डब्ल्यूसीएआई (भारतीय महिला क्रिकेट संघ) का प्रतिनिधित्व करते थे और 2006 के बाद हम बीसीसीआई की छत्रछाया में आए। मैं चाकदहा से ढाई घंटे (एक तरफ़ से) की ट्रेन यात्रा करती थी, अभ्यास करती और घर वापस जाती थी और फिर अगले दिन अभ्यास के लिए वापस आती थी। [लेकिन] सबसे अच्छी याद, जब मैंने भारत का प्रतिनिधित्व किया, अपनी कप्तान [अंजुम चोपड़ा] से इंडिया कैप प्राप्त करना और अपने करियर का पहला ओवर गेंदबाज़ी करना, वह मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था।

"19 वर्षीय झूलन जब 2002 में चेन्नई में डेब्यू कर रही थी, बिल्कुल अपरिपक्व थी। वह सिर्फ़ तेज़ गेंदबाज़ी करना चाहती थी और एक विकेट लेना चाहती थी क्योंकि उन्‍हें नहीं पता था कि वह आगे खेल पाएगी या नहीं। उसका उद्देश्य सिर्फ़ भारत का प्रतिनिधित्व करना और तेज़ गेंदबाज़ी करना था। तेज़ गेंदबाज़ी करने की इच्छा मेरे अंदर हमेशा बनी रही।"

एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।