कर्ण शर्मा : एक ज़िद्दी, जुझारू और मेहनती लेग स्पिनर
IPL इतिहास में 17 साल का अनुभव रखने वाले कर्ण जैसे बेहद कम ही खिलाड़ी हैं
Karn: The ball change was beneficial for us
The legspinner talks about his three-for, playing again for Mumbai Indians, and moreमहाभारत के युद्ध में कर्ण की क्या भूमिका थी, यह सभी जानते हैं। कुछ ऐसी ही भूमिका अभी तक कर्ण शर्मा IPL में विभिन्न टीमों के ख़िलाफ़ निभाते आए हैं, जिनको पता है कि कर्ण क्या कर सकते हैं।
सनराइज़र्स हैदराबाद (SRH) में 2016 के सफल सीज़न के बाद से शायद कर्ण को IPL में मैच खेलने के इतने मौक़े ना मिले हों, लेकिन नीलामी में जब भी उनका नाम आया तो शायद ही कभी वह अनसोल्ड गए हों। इसके पीछे की वजह है उनका लक, क्योंकि वह अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन टीमों के साथ IPL ख़िताब को जीता है। मुंबई इंडियंस (MI) के लिए वह लंबे समय बाद कोई IPL मैच खेले और देखिए तीन विकेट लेकर प्लेयर ऑफ़ द मैच भी बन गए।
कर्ण के बारे में कहा जा सकता है कि उनकी क़िस्मत ऐसी है जो बहुत ही कम क्रिकेटरों को मिल पाती है। शायद बहुत ही कम लोग जानते हैं कि कर्ण ने अपने करियर की शुरुआत बतौर बल्लेबाज़ की थी। जितना पुराना IPL है उतने ही पुराने कर्ण भी हैं। 2009 में पहली बार उनको रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने अपने दल में शामिल किया था।
कर्ण की क़िस्मत तब बदली जब वह 2013 में नई टीम SRH से जुड़े। 2014 की नीलामी में वह IPL इतिहास के सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी बने, जिनको SRH ने ही 3.75 करोड़ रूपये में वापस ख़रीदा, जहां उन्होंने टीम के लिए उस सीज़न 15 विकेट लिए। 2015 में कर्ण टीम के प्रमुख लेग स्पिनर बन गए थे और 2016 में आख़िरकार सनराइज़र्स हैदराबाद को IPL ख़िताब जिताने में क़ामयाब रहे। इस बीच उनको 2014 में एडिलेड टेस्ट में विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट डेब्यू करने का भी मौक़ा मिल गया।
यह सब केवल इत्तिफ़ाक़ नहीं था। इसके पीछे कर्ण की मेहनत थी। मौक़ा मिले या ना मिले लेकिन वह लगातार मेहनत करते रहे हैं। यही वजह है कि 2017 में उन्होंने MI के साथ ख़िताब जीता और 2021 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के साथ ख़िताब जीतने के बाद वह तीन टीमों के साथ IPL ख़िताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने।
मेरठ से ताल्लुक रखने वाले कर्ण को जो लोग नज़दीक से जानते हैं उन्हें कर्ण की मेहनत और लगन दोंनों के बारे में पता है। कर्ण कभी ऑफ़ सीज़न में भी मैदान और मैचों से दूर नहीं रहे। 2015 में ज़िम्बाब्वे का दौरा था, जहां कर्ण शर्मा और भुवनेश्वर कुमार दोनों को चुना गया था। यह कर्ण का शीर्ष दौर था। तब कर्ण, भुवनेश्वर के साथ मिलकर मेरठ में एक लोकल टूर्नामेंट खेल रहे थे, जहां वह अपनी उंगली चोटिल कर बैठे। इसके बाद वह दौरे से बाहर हो गए और फिर कभी उनको भारतीय टीम की नीली जर्सी नसीब नहीं हुई।
कर्ण फिर भी अड़े रहे, डटे रहे, रेलवे की अपनी टीम के लिए वह लगातार अच्छा करते रहे। आज कर्ण का IPL अनुभव 17 साल का हो गया है। IPL में इतना अनुभव रखने वाले बहुत गिने-चुने खिलाड़ी हैं। कर्ण को आज जो मोटीवेशन दे रहा है वह उनकी बेटी है। उनकी बेटी चाहती है कि वह अपने पिता को लगातार खेलते हुए और विकेट लेते हुए देखे, क्योंकि इससे उनके चेहरे पर मुस्कान आती है।
कर्ण ने MI को दिल्ली कैपिटल्स (DC) के ख़िलाफ़ मैच जिताने के बाद IPL के ऑफ़िशियल इंस्ट्राग्राम हैंडल पर वीडियो में कहा भी, "मेरा मोटीवेशन तो बस मेरी बेटी है। वह चाहती है कि मैं उसको खेलता हुआ दिखूं। मुझे बस और कुछ नहीं चाहिए।"
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IPL 2025 के 29वें मुक़ाबले DC vs MI का सटीक विश्लेषण वसीम जाफ़र और पीयूष चावला के साथलेकिन इतने समय बाद मौक़ा मिलने पर कर्ण कैसे अहम खिलाड़ी साबित हुए और प्लेयर ऑफ़ द मैच बन गए। उसके पीछे उनकी मेहनत, लगन और शेड्यूल है। मेरठ के भामाशाह पार्क में भरी सर्दियों में भी उनको सुबह-शाम रोजाना रूटीन से अभ्यास करते हुए देखा गया। वह उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों प्रियम गर्ग, प्रशांत चौधरी, विनीत पंवार और कभी-कभी भुवनेश्वर कुमार के साथ अभ्यास करते हुए देखे गए।
रेलवे टीम के कोच और उनके क़रीबी दोस्त यज़ुवेंद्र आत्रे ने कहा, "मैंने कभी कर्ण को हारते हुए नहीं देखा। उसने पूरी लगन से मेहनत की और जब भी मौक़ा मिला तो परिणाम देते हुए देखा। पिछले सीज़न उसको सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में बॉलिंग हैंड पर चोट लग गई थी, लेकिन वह कितना वापसी के लिए आतुर था यह मैं जानता हूं। जब आप इतने समय से क्रिकेट खेल रहे होते हैं तो आपके पास अनुभव होता है और यही उसकी ख़ासियत हो गई है कि उसके पास अनुभव तो है ही लेकिन उसने जो मेहनत की है वह उसको हमेशा तैयार रखती है।"
कर्ण ने उस वीडियो में कहा भी, "मैं हमेशा मेहनत पर ध्यान फ़ोकस करता हूं, लगातार तैयारी करता रहता हूं। मुझे पता है कि अगर फिर मुझे कभी भी मौक़ा मिलता है तो मैं हमेशा तैयार रहता हूं और अपनी टीम के लिए अच्छा कर पाता हूं।"
कर्ण के पिता विनोद शर्मा बताते हैं, "कर्ण चाहे पेशेवर क्रिकेट हो या फिर कोई भी मैच वह हमेशा खु़द को क्रिकेट से जुड़ा देखना चाहता है। ऑफ़ सीज़न में भी वह मेहनत करता है। सर्दी हो या गर्मी उसका यह रूटीन कभी नहीं बदला है। उसने जो कुछ हासिल किया है वह उसकी लगन के कारण ही है।"
शायद ऐसा है भी क्योंकि कर्ण शर्मा नाम जब भी नीलामी में आता है तो कोई भी टीम धीमी मुस्कान के साथ उन्हें ख़रीदकर उनकी मेहनत का फल दे ही देती है। 2021 में चेन्नई सुपर किंग्स ने ऐसा किया तो 2022 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने और अब 2025 में मुंबई इंडियंस ने। उम्मीद है कर्ण के इस अद्भुत सफ़र में अभी कई पड़ाव बाक़ी हैं।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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