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महमुदउल्लाह ने लिया अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास

39 वर्षीय क्रिकेटर पहले ही टेस्ट और T20I से संन्यास ले चुके थे और अब उन्होंने वनडे क्रिकेट से भी विदाई ले ली है

Mahmudullah ने 2021 में टेस्ट और 2024 में T20 से संन्यास ले लिया था  ICC via Getty Images

महमुदउल्लाह ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। 39 वर्षीय क्रिकेटर पहले ही 2021 में टेस्ट प्रारूप और 2024 में T20I से संन्यास ले चुके हैं, ऐसे में वनडे क्रिकेट से संन्यास ने उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के समापन पर मुहर लगा दी है।

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वनडे में महमुदउल्लाह ने बांग्लादेश के लिए चौथे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ के रूप में अपने करियर का अंत किया है। महमुदउल्लाह ने वनडे में 36.46 की औसत के साथ 5689 रन बनाए हैं, जिसमें चार शतक और 32 अर्धशतक शामिल हैं। वनडे में बांग्लादेश के लिए महमुदउल्लाह से ज़्यादा रन मुश्फ़िक़ुर रहीम, शाकिब अल हसन और तमिम इक़बाल के नाम हैं।

महमुदउल्लाह ने मुशफ़िक़ुर द्वारा वनडे से संन्यास लिए जाने के एक सप्ताह बाद अपने संन्यास का भी ऐलान कर दिया। चैंपियंस ट्रॉफ़ी में बांग्लादेश के बाहर होने का ठीकरा प्रमुख तौर पर इन्हीं दो खिलाड़ियों पर फोड़ा गया था। महमुदउल्लाह के चारों शतक ICC टूर्नामेंट में आए हैं, जिसमें तीन उन्होंने वनडे वर्ल्ड कप में लगाए जबकि एक शतक 2017 के चैंपियंस ट्रॉफ़ी में लगाया। यह ICC टूर्नामेंट में किसी बांग्लादेशी बल्लेबाज़ द्वारा लगाए गए सर्वाधिक शतक भी हैं।

महमुदउल्लाह ने अपने औपचारिक फ़ेसबुक पेज पर लिखा, "मैंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फ़ैसला कर लिया है। मैं अपनी टीम के साथियों, कोच और ख़ासतौर पर उन तमाम प्रशंसकों का आभार व्यक्त करना चाहूंगा जो हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। मैं अपने परिवार का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं और मेरे भाई इमाद उल्लाह का भी जिन्होंने बचपन से ही मेरा साथ दिया और उन्होंने मेरे कोच और मेंटॉर की भूमिका भी अदा की। इसके साथ ही मैं अपनी पत्नी और अपने बच्चों का भी शुक्रगुज़ार हूं जो सुख-दुख में मेरे साथ बने रहे। मुझे पता है कि रईद मुझे लाल और हरे रंग की जर्सी में मिस करेगा। हर चीज़ का सुखद अंत नहीं होता लेकिन आपको आगे बढ़ना होता है। मेरी टीम और बांग्लादेश क्रिकेट को मेरी ओर से शुभकामनाएं।"

महमुदउल्लाह ने 2007 में बांग्लादेश के लिए डेब्यू किया था और मुख्य तौर पर वह गेंदबाज़ ही थे। हालांकि उनके करियर में टर्निंग प्वाइंट 2011 वर्ल्ड कप के दौरान आया जब उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दो विकेट से जीत में नौवें विकेट के लिए शफ़ीउल इस्लाम के साथ 58 रन जोड़े। 2015 वर्ल्ड कप में उन्होंने नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करते हुए इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ लगातर दो शतक जड़े। चैंपियंस ट्रॉफ़ी में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ शतक जड़ते हुए उन्होंने शाकिब अल हसन के साथ 223 रनों की साझेदारी की थी।

2023 के वनडे वर्ल्ड कप से पहले महमुदउल्लाह को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था लेकिन वर्ल्ड कप में उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ मिली हार वाले मैच में शतक जड़ा। 2024 में भी वह बांग्लादेश के लिए नियमित तौर पर अर्धशतक लगाते रहे। बतौर ऑफ़ स्पिनर महमुदउल्लाह के नाम 82 विकेट हैं। महमुदउल्लाह ने वनडे में बांग्लादेश का कभी नेतृत्व नहीं किया लेकिन टेस्ट में और T20I में उन्हें बांग्लादेश की अगुवाई करने का मौक़ा मिला।

महमुदउल्लाह का संन्यास 2006 से 2025 के बीच बांग्लादेश के लिए खेलने वाले सफल क्रिकेटरों के युग की समाप्ति भी है। इसी साल मुश्फ़िक़ुर और तमिम ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। शाकिब ने पिछले साल टेस्ट और T20I क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करते हुए कहा था कि चैंपियंस ट्रॉफ़ी उनका अंतिम टूर्नामेंट होगा। विभिन्न कारणों से चैंपियंस ट्रॉफ़ी नहीं खेलने के बाद उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट भी समाप्त हो चुका है जबकि कप्तानी छोड़ने के बाद मशरफ़े मोर्तज़ा ने बांग्लादेश के लिए अंतिम वनडे 2020 में खेला था।

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