हेडन : ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं को कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे
मेज़बान टीम सेमीफ़ाइनल से पहले ही टी20 विश्व कप से बाहर हो गई

पूर्व सलामी बल्लेबाज़ मैथ्यू हेडन ने ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं से भविष्य की ओर आगे बढ़ते हुए कुछ कठोर निर्णय लेने को कहा है। घरेलू धरती पर ऑस्ट्रेलियाई टीम सेमीफ़ाइनल से पहले ही बाहर हो गई।
2024 में वेस्टइंडीज़ और अमेरिका में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए खिलाड़ियों में ख़ासा बदलाव होने की उम्मीद है। हालांकि उससे पहले भारत में अगले साल अक्तूबर में वनडे विश्व कप होना है। चयनकर्ताओं ने इस महीने के अंत में इंग्लैंड का सामना करने के लिए एक सशक्त टीम का नाम देकर उस टूर्नामेंट की दिशा में पहला क़दम उठाया है। इस टीम में ऐरन फ़िंच के रिप्लेसमेंट के तौर पर ट्रैविस हेड को अपना स्थान मज़बूत करने का मौक़ा दिया गया है।
पिछले साल टी20 विश्व कप जीतने वाले दल की तुलना में इस साल केवल एक बदलाव किया गया था। टिम डेविड ने मिचेल स्वेप्सन की और फिर कैमरन ग्रीन ने चोटिल जॉश इंग्लस की जगह ली थी। फ़िंच ने कहा है कि वह फ़िलहाल अपने भविष्य पर कोई फ़ैसला नहीं लेंगे लेकिन 2024 संस्करण में उनके और मैथ्यू वेड के खेलने की संभावना कम है। स्टीवन स्मिथ के स्थान पर भी सवाल उठेंगे और तेज़ गेंदबाज़ी समूह में बदलाव की बात की जाएगी।
पाकिस्तान टीम के मेंटॉर हेडन ने पुराने दिनों के साथ तुलना की जब चयनकर्ता भविष्य के विश्व कपों को ध्यान में रखते हुए टीम को बदलने के कठोर फ़ैसले लेते थे। हेडन ने कहा, "ऑस्ट्रेलियाई टीम को सोच विचार करना होगा। मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की एक बड़ी ताक़त यह पहचानने की क्षमता रही है कि कब उसे अपने दल में बदलाव करना है। मुझे लगता है कि इस टूर्नामेंट को खेलने वाले खिलाड़ियों को पूरा श्रेय और सम्मान मिलना चाहिए, [वे] निश्चित रूप से वहां रहने के लायक हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "12 महीने पहले हम यहां टी20 विश्व विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया की बात कर रहे थे। टूर्नामेंट एक के बाद एक आ रहे हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दृष्टिकोण से आगामी विश्व कपों के लिए तैयारी की जानी चाहिए। यह बड़े टूर्नामेंट हैं और विश्वभर में हर कोई इसकी तैयारी करता है। दुर्भाग्यवश ऑस्ट्रेलिया इस बार सही तरीक़े से यह नहीं कर पाया।"
हेडन ने अफ़ग़ानिस्तान मैच के लिए मिचेल स्टार्क को बाहर करने के फ़ैसले को "काफ़ी महत्वपूर्ण" करार दिया। उसी समय, राष्ट्रीय चयनकर्ता जॉर्ज बेली ने इस क़दम को और स्पष्ट करने का प्रयास करते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि घायल फ़िंच की जगह लेने वाले कैमरन ग्रीन, ने ऑस्ट्रेलिया को एक और मध्य ओवर का विकल्प दिया और वे डेथ गेंदबाज़ी को मज़बूत करना चाहते थे।
बेली ने कहा, "हर बार जब ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बड़े टूर्नामेंट या सीरीज़ में जाती है, उम्मीदें काफ़ी ज़्यादा होती है। हम यहां से सेमीफ़ाइनल में नहीं जाने से निराश हैं। स्टार्क को लेकर वह एक रणनीतिक और मैच-अप से जुड़ा फ़ैसला था। लोग इस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं और वह दे रहे हैं।"
हालांकि बेली ने स्वीकार किया कि न्यूज़ीलैंड से पहले मैच में मिली 89 रनों की हार ने टीम को काफ़ी पीछे कर दिया था। सहायक कोच डेनियल वेटोरी ने कहा था कि बेहतर होता अगर बल्लेबाज़ हार के अंतर को कम करने पर ध्यान देते।
इस पर पूर्व कप्तान बेली ने कहा, "नेट रन रेट से पीछे रहने का मतलब था कि बहुत सी चीज़ें शायद हमारे नियंत्रण से बाहर थीं। इसके बाद हर मैच में आप रन-रेट को बेहतर करने का प्रयास करते हैं लेकिन यहां अन्य टीमों को श्रेय दिया जाना चाहिए। यहीं पर ग़लती हो गई, वह पहला मैच हम इस तरह हार गए। आप सोचना चाहते हैं कि अगर बल्लेबाज़ी क्रम किसी तरह 140-150 तक पहुंच जाता तो बात कुछ और होती।"
ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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