एक टप्पे पर निरंतरता के साथ गेंदबाज़ी : कैसे सिराज ने बदली सफ़ेद गेंद क्रिकेट के प्रति अपनी सोच
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ का मानना है कि वह सफ़ेद गेंद क्रिकेट में भी निरंतर अच्छा कर सकते हैं
Siraj: My plan was to hit one length consistently
The India quick talks about adapting to white-ball cricket and working with stand-in coach VVS Laxmanज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ दूसरे वनडे में मोहम्मद सिराज ने आठ ओवर गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 16 रन दिए और नई गेंद के साथ ओपनर ताकुडवनाशे काइटानो को आउट किया। इससे पहले उन्होंने पहले मैच में भी नई गेंद से ज़िम्बाब्वे के सबसे अनुभवी बल्लेबाज़ शॉन विलियम्स का विकेट लिया था। ये दोनों सॉफ़्ट डिसमिसल थे और दोनों बल्लेबाज़ विकेट के पीछे आउट हुए। सबसे ख़ास बात यह रही कि इन दोनों मैचों में सिराज ने दो-दो ओवर मेडन किए और विपक्षी बल्लेबाज़ों को बांधे रखा। इसका फ़ायदा दूसरे गेंदबाज़ों को भी हुआ।
दूसरे मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिराज ने कहा, "मुझे यह हमेशा से विश्वास था कि मैं लाल और सफ़ेद दोनों गेंद की क्रिकेट में अच्छा कर सकता हूं। हर किसी के करियर में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और मेरे करियर में भी आए लेकिन मैंने ख़ुद के ऊपर विश्वास बनाए रखा। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि मैं सफ़ेद गेंद से निरंतरता के साथ गेंदबाज़ी करूं, विकेट ना मिले तो भी एक टप्पे पर गेंदबाज़ी करूं और सामने वाली टीम को दबाव में लाऊं। मैं अभी यही कर रहा हूं और उसके नतीजे मुझे मिल रहे हैं।"
सिराज ने अपने करियर के 10 में से नौ वनडे मैच साल 2022 में खेले हैं। जब उन्होंने जनवरी, 2019 में ऐडिलेड की तेज़ गेंदबाज़ी की मददगार पिच पर अपना वनडे डेब्यू किया था तो उन्होंने 10 ओवरों में 76 रन दिए थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था। इस मैच में भारत के दो अन्य तेज़ गेंदबाज़ों भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी ने क्रमशः चार और तीन विकेट लिए थे। इसके बाद सिराज को तीन साल तक वनडे खेलने का मौक़ा नहीं मिला।
उन्हें सिर्फ़ लाल गेंद का गेंदबाज़ मान लिया गया, जो अपनी लाइन-लेंथ की निरंतरता के साथ बल्लेबाज़ को परेशान कर कभी भी विकेट निकाल लेने में सक्षम होता है। सिराज की यह छवि इसलिए भी बनी क्योंकि इस दौरान अगर उन्हें सफ़ेद गेंद के साथ टी20 भी खेलने का मौक़ा मिला तो उन्होंने ख़ूब रन लुटाए। टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 10.45 और आईपीएल में 8.78 की इकॉनमी इसका जीता-जागता सबूत है।
हालांकि अब सिराज ने इस साल अपनी इस छवि को बदलने की कोशिश की है। इस साल खेले गए नौ वनडे मैचों में उन्होंने सिर्फ़ 4.43 की इकॉनमी से रन देते हुए 25.23 की औसत से 13 विकेट लिए हैं। इस साल डाले गए 74 ओवरों में उनके 10 ओवर मेडन रहे हैं। मोहम्मद सिराज की इस गेंदबाज़ी का राज़ उनकी अपनी बदली हुई सोच है।
सिराज कहते हैं, "अब सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में मेरी रणनीति अलग होती है। शुरू में मैं नई गेंद के साथ मैं एक या दो विकेट के लिए जाता हूं क्योंकि नई गेंद स्विंग होती है। और जब स्विंग ख़त्म हो जाता है तो मैं एक टप्पा पकड़ लेता हूं और वहां पर निरंतरता के साथ गेंदबाज़ी करता हूं ताकि डॉट गेंदें या मेडेन ओवर डालकर विपक्षी टीम को दबाव में ला सकूं। मेरा प्लान हमेशा से सिंपल रहता है कि एक ही लेंथ पर लगातार गेंदबाज़ी करूं फिर चाहे मुझे विकेट मिले या ना मिले। मैंने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ में भी ऐसा किया था और अब ज़िम्बाब्वे में भी वही लय बरक़रार रखने की कोशिश कर रहा हूं।"
हालांकि अभी भी सिराज भारतीय टी20 टीम से बहुत दूर हैं लेकिन अगर वह अपने इसी फ़ॉर्म को बरक़रार रखते हैं तो निःसंदेह वह टेस्ट के बाद वनडे क्रिकेट में भी जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के बाद भारत के नंबर तीन तेज़ गेंदबाज़ बन सकते हैं।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं @dayasagar95
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