पीसीबी के चेयरमैन बने रमीज़ राजा
टी20 विश्व कप से पहले कोचिंग स्टाफ़ का चयन प्राथमिकताओं में से एक

निर्विरोध चुनाव जीतने के बाद पूर्व पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज़ और मशहूर कॉमेंटेटर रमीज़ राजा औपचारिक रूप से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन बन गए हैं। वह तीन साल के लिए इस कुर्सी पर रहेंगे। 27 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पीसीबी के संरक्षक इमरान ख़ान ने रमीज़ को नामित किया था।
रमीज़, एहसान मनी की जगह लेंगे। वह इजाज़ बट्ट, जावेद बुर्की और अब्दुल हफ़ीज़ कारदार के बाद पीसीबी के चेयरमैन बनने वाले सिर्फ़ चौथे टेस्ट क्रिकेटर हैं। इमरान द्वारा नामित होने के बाद रमीज़ काफ़ी सक्रिय रूप से पीसीबी अधिकारियों और खिलाड़ियों से मिल रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि टी20 विश्व कप के लिए पाकिस्तानी टीम के चयन में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही है।
पाकिस्तानी टीम की घोषणा होने के तुरंत बाद प्रमुख कोच मिस्बाह-उल-हक और गेंदबाज़ी कोच वक़ार यूनुस ने इस्तीफ़ा दे दिया था। इसलिए विश्व कप से पहले राष्ट्रीय पुरूष टीम के लिए कोचिंग स्टाफ़ का चयन रमीज़ की प्राथमिकताओं में से एक है। इसके अलावा पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के ब्रॉडकास्टिंग और कामर्सियल अधिकार भी बेचे जाने हैं, जो कि उनके प्रमुख कार्यों के केंद्र में होगा।
पिछले तीन साल में पीसीबी ने घरेलू टीमों की संख्या 16 से छह कर दी है। रमीज़ चाहते हैं कि ये छह एसोसिएशन अपने अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों का चुनाव एक स्वायत्त इकाई के रूप में स्वयं करें, ना कि इनके बोर्ड सदस्यों को नामित किया जाए। रमीज़ आज संभवतः प्रेस कॉन्फ़्रेंस भी कर सकते हैं।
यह पीसीबी में रमीज़ का दूसरा कार्यकाल होगा। इससे पहले वह 2003-04 में पीसीबी के मुख्य कार्यकारी (चीफ़ एग्ज़क्यूटिव) रह चुके हैं। उन्हीं के कार्यकाल में भारत ने 2004 में पाकिस्तान का ऐतिहासिक दौरा किया था। तब उन्होंने घरेलू क्रिकेट में कई बड़े बदलाव किए थे। पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए केंद्रीय अनुबंध लाने में भी उनकी अहम भूमिका थी।
2004 के वनडे और टेस्ट सीरीज़ में भारत से हार के बाद बॉब वूल्मर को कोच बनाने में रमीज़ की अहम भूमिका थी। इसके अलावा उनके ही कार्यकाल में नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) भी संचालित हुआ। हालांकि कॉमेंटेटर के रूप में उन्होंने अपना कार्य जारी रखा था, इसलिए कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इंट्रेस्ट के कारण उन्हें अगस्त, 2004 में यह पद छोड़ना पड़ा था।
तब से वह लगातार पाकिस्तान के सबसे प्रमुख कॉमेंटेटर हैं, जो कि लगभग हर घरेलू और विदेशी सीरीज़ में टीवी पर दिखाई देते हैं। हालांकि इस बार प्रशासक बनने के बाद उन्होंने पूरी तरह से कॉमेंट्री छोड़ने का फ़ैसला किया है।
उमर फ़ारूक़ ESPNcricinfo के पाकिस्तान संवाददाता हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है
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