रमीज़ राजा को पीसीबी चैयरमैन से हटाने की तैयारी
इंग्लैंड से करारी हार ने रमीज़ को हटाने के क़दम को गति प्रदान की है

रमीज़ राजा को पाकिस्तान क्रिेकट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन पद से हटाने की तैयारी की जा रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि पूर्व प्रमुख नजम सेठी उनकी जगह ले सकते हैं। नजम ने 2018 में इमरान ख़ान के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था।
हालांकि ऐसा करने की प्रक्रिया कानूनी रूप से जटिल है,हालांकि एक तरीका यह संभव है कि पीसीबी के संविधान को वापस लाया जाए जैसा कि 2014 में था। इसमें मौजूदा घरेलू क्रिकेट ढांचे को बदलना भी शामिल होगा, जिससे घरेलू क्रिकेट परिदृश्य में पीआईए (पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस) और अन्य बैंकों जैसे विभागों की वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा। उन विभागों को इमरान सरकार ने सेटअप से हटा दिया गया था।
हालांकि तत्काल बड़ा परिवर्तन रमीज़ के कार्यकाल का अंत होगा। बतौर चैयरमैन उनका कार्यकाल सितंबर 2021 में इस आधार पर शुरू हुआ था कि देश में क्रिकेट के मामलों को संभालने के लिए एक पूर्व क्रिकेटर को सबसे अच्छी पॉज़िशन दी जाए, लेकिन इमरान और उनकी सरकार को अप्रैल 2022 में देश की संसद में अविश्वास प्रस्ताव के बाद विभाजनकारी परिस्थितियों में बेदखल किए जाने के बाद से उनका भविष्य लगभग अनिश्चित है। यह परिवर्तन अभी भी देश के राजनीतिक परिदृश्य में चल रहा है, लेकिन असामान्य रूप से पीसीबी पर इसका प्रभाव नहीं था। आम तौर पर सरकार के परिवर्तन के साथ बोर्ड के अध्यक्ष पद के प्रशासन में परिवर्तन निश्चित और तत्काल माना जाता है। लेकिन कई राजनीतिकि दलों के विशाल गठबंधन वाली नई सरकार ने देश में सबसे अधिक दबाव वाली प्राथमिकताओं के माध्यम से अपना काम किया और रमीज़ रडार के नीचे रहे और पॉज़िशन पर बने रहे।
तब से अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें बदलाव होने वाला है, हालांकि सिर्फ़ इस बार सरकार के स्तर पर हचलच हुई है। घर में इंग्लैंड के हाथों 0-3 से पाकिस्तान की ऐतिहासिक हार के बाद इसे गति मिली है।
रमीज़ ने अपने कार्यकाल के दौरान क्रिकेट के मामलों में कहीं अधिक व्यावहारिक भूमिका निभाई है और इसके परिणामस्वरूप, उदाहरण के तौर पर अपने पूर्ववर्ती एहसान मणि की तुलना में टीम के परिणामों के साथ अधिक निकटता से जुड़े रहे हैं। इसके विपरीत उन्होंने एक दशक से अधिक समय में पाकिस्तान की दो सबसे हाई प्रोफ़ाइल दौरों की देखरेख की है - ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड द्वारा और उन्हीं के प्रभार में पाकिस्तान ने पुरुष टी20 विश्व कप के लगातार दो संस्करणों के सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल में जगह बनाई है, साथ ही इस साल एशिया कप के फ़ाइनल में भी पाकिस्तान पहुंचा था।
लेकिन रमीज़ को कैसे हटाया जाए, इसमें अड़चनें आ रही हैं। अंतर-प्रांतीय समन्वय (आईपीसी) मंत्रालय ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से पुष्टि की कि वे प्रधान मंत्री और बोर्ड के संरक्षक शहबाज़ शरीफ़ के निर्देश पर खेल के विभागों को बहाल करने और 2014 के बोर्ड संविधान को वापस लाने के निर्देश पर काम कर रहे हैं। यह भी माना जाता है कि प्रधान मंत्री के दिमाग़ में सेठी सहित कुछ नाम हैं, जिसे वह सीधे पीसीबी बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स नियुक्त कर सकते हैं, चूंकि यह उनका विशेषाधिकार है। संवैधानिक रूप से उन नियुक्तियों में से एक को आमतौर पर बोर्ड चेयरमैन के रूप में चुना जाता है। चेयरमैन बनने के लिए चुनाव होता है, लेकिन व्यवहारिक रूप में यह एक औपचारिकता बस है: प्रधान मंत्री अनिवार्य रूप से चेयरमैन की नियुक्ति करते हैं।
चीज़ें जैसी अभी हैं, वर्तमान पीसीबी संविधान में कोई प्रावधान नहीं है जो पीएम / संरक्षक को मौजूदा चेयरमैन को हटाने की अनुमति देता है। चैयरमैन को हटाने का एक ही रास्ता है, वह गवर्निंग बोर्ड द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से, जिसके लिए तीन-चौथाई बहुमत की आवश्यकता होती है। आम तौर पर यदि संरक्षक चाहता है कि चेयरमैन बदल जाए, तो पदस्थ व्यक्ति के लिए बने रहना असामान्य है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि रमीज़ इस्तीफ़ा देने के मूड में हैं या नहीं। 2018 में जब इमरान को प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया, नज़म ने इस्तीफ़ा दे दिया, जिससे इमरान को मणि को ला पाए। इसी तरह मणि ने तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद पिछले साल इसे बढ़ाने से इनकार कर दिया, जिससे इमरान के लिए रमीज़ को नामित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। अगर रमीज़ ने पद छोड़ने से इंकार कर दिया और उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया, तो उन्हें हटाने के लिए संविधान में स्पष्ट प्रक्रिया की रूपरेखा नहीं दिखाई देती है।
कुर्सी के अलावा सरकार को प्रमुख जनादेश विभागों को वापस लाना है, जो सैद्धांतिक रूप से सैकड़ों खिलाड़ियों को इन विभागों में नौकरियों के माध्यम से प्रथम श्रेणी के पूल में लौटने की अनुमति देगा। घरेलू ढांचे में उस बदलाव पर ख़ुद इमरान ने ज़ोर दिया था, जो लंबे समय से पाकिस्तान के घरेलू ढांचे को ऑस्ट्रेलियाई प्रांतीय मॉडल की नकल करना चाहते थे, जिसमें सभी टूर्नामेंटों में पाकिस्तान के प्रांतों से बनी छह टीमें खेलती हैं।
लेकिन इमरान के बाहर निकलने के बाद पूर्व बोर्ड सदस्यों के एक समूह ने सरकार से पिछले घरेलू ढांचे में वापस जाने का आग्रह करना शुरू कर दिया है जिसमें डब्लूएपीडीए, एसएनजीपीएल और पीआईए जैसी विभागीय टीमें प्रथम श्रेणी सर्किट का हिस्सा थीं। विभागीय क्रिकेट को ख़त्म करने के क़दम के लिए पीसीबी की विभिन्न अंतरालों में आलोचना की गई है, इस क़दम से एक झटके में सैकड़ों क्रिकेटर बेरोजगार हो गए। लेकिन यह ध्यान देने योग्य है कि कई विभागों ने इमरान के प्रभार से पहले ही अपने खेल संचालन को बंद कर दिया था और मौजूदा आर्थिक हालात में हो सकता है कि बैंकों में क्रिकेटरों के दल को नियुक्त करने की अधिक इच्छा न हो।
उमर फ़ारूक़ ESPNcricinfo में पाकिस्तान के संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।
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