सरफ़राज़: पापा ने कहा, 'हमारा काम है रन बनाना'
भारतीय टेस्ट टीम से अनदेखी किए जाने से मायूस सरफ़राज़ को उनके पिता ने हौसला दिया, जिसके बाद मुंबई के इस बल्लेबाज़ ने एक और रणजी शतक जड़ डाला

पिछले दो रणजी सीज़न से अपने बल्ले से धूम मचा रहे सरफ़राज़ ख़ान ने इस रणजी सीज़न में भी रनों का अंबार लगाना जारी रखा है। फ़िरोज़शाह कोटला में दिल्ली के ख़िलाफ़ मैच के पहले दिन उन्होंने इस सीज़न का अपना तीसरा शतक (125) जड़ा और एक बार फिर मुंबई को मुश्किल से निकाला। अपने छोटे भाई मुशीर ख़ान के आउट होने के बाद सरफ़राज़ जब बल्लेबाज़ी करने आए तो 62 रन पर तीन विकेट गंवाकर मुंबई संघर्ष कर रही थी। इसके चार रन बाद ही मुंबई ने अपने कप्तान अजिंक्य रहाणे को भी गंवा दिया। यहां से सरफ़राज़ ने निचले क्रम के बल्लेबाज़ प्रसाद पवार के साथ 44 और शम्स मुलानी के साथ छठे विकेट के लिए 144 रनों की बहुमूल्य साझेदारी कर मुंबई को सम्मानजन स्कोर तक पहुंचाने में मदद की।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सर डॉन ब्रैडमैन (95.14) के बाद सबसे बेहतर औसत रखने वाले सरफ़राज़ (80.47) ने इस शतक के साथ अपने औसत को और सुधारा। उन्होंने ख़ुशी व्यक़्त की कि उनका नाम इतने महान बल्लेबाज़ के साथ लिया जाता है। दिन के खेल के बाद मीडियकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "ख़ुशी होती है कि मैं पिछले तीन साल से उनके रिकॉर्ड के आज़ू-बाज़ू चल रहा हूं। हर समय तो वैसा रहेगा नहीं, ख़ुशी है कि मैं अभी उनके आसपास हूं।"
"हमारा काम है रन बनाना। हम यहां बनाएं या इंडिया के लिए। पूरे जीवन रन बनाओ।"सरफ़राज़ से उनके पिता नौशाद ख़ान
पिछले दो रणजी सीज़न (2020-21 सीज़न कोरोना महामारी के कारण रद्द कर दिया गया था) में सरफ़ारज़ की औसत क्रमश: 122.75 और 154.66 की रही है। इस सीज़न भी वह 111.20 की औसत से रन कूट रहे हैं। इतने असाधारण रिकॉर्ड के बावजूद वह भारतीय टीम के बुलावे से दूर रहे हैं। 13 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के के ख़िलाफ़ पहले दो टेस्ट के लिए घोषित 17 सदस्यीय भारतीय दल में अपना नाम न देख सरफ़राज़ को काफ़ी मायूसी हुई थी। इस मैच के लिए मानसिक रूप से तैयार होने का श्रेय उन्होंने अपने कोच और पिता नौशाद ख़ान को दिया।
उन्होंने कहा, "दो दिन पहले मुंबई से डैडी आए थे। यहां से 14 किलोमीटर दूर ग़ाज़ियाबाद में मैंने उनके साथ कल और परसों प्रैक्टिस किया। उनको पता था कि मैं उदास हूं। उन्होंने बस यही कहा, 'हमारा काम है रन बनाना। हम यहां बनाएं या इंडिया के लिए। पूरे जीवन रन बनाओ।' बचपन से कई बार मैं जब ऐसे झुंझला जाता हूं या मेरे जीवन में कुछ अच्छा नहीं चल रहा होता है तो वह मुझे हौसला देते हैं और मानसिक रूप से तैयार करते हैं।"
सरफ़राज़ का भारतीय टेस्ट जर्सी से दूर रहने का एक बड़ा कारण उनके फ़िटनेस को माना जाता रहा है। साथ ही लाल गेंद के क्रिकेट में भारतीय घरेलू सर्किट में सरफ़राज़ का तो ज़बरदस्त रिकॉर्ड है, लेकिन इंडिया-ए के लिए उनका प्रदर्शन उतना बढ़िया नहीं रहा है। सरफ़राज़ ने इंडिया-ए के लिए छह अनाधिकृत टेस्ट मैचों में 34.16 की औसत से दो अर्धशतक सहित 205 रन बनाए हैं।
इस पर उन्होंने कहा, "इंसान हर जगह तो सफल नहीं हो सकता। भारत-ए के साथ जब मैंने पहला दौरा किया था तो डेब्यू मैच में ही 71 (नाबाद) बनाया था और सामने से खिलाड़ी आउट हो गए थे, नहीं तो वहां भी शतक हो सकता था। और एकआध मैच में जल्दी आउट हुआ हूं। उसके बाद न्यूज़ीलैंड-ए के ख़िलाफ़ भी मैं एक मैच में जल्दी आउट हुआ था और अगले मैच में 60 (63) बनाया था। कई बार ऐसा हुआ है कि मेरे सामने से निचले क्रम के बल्लेबाज़ आउट हो गए। आने वाले मैचों में कोशिश करूंगा कि वहां पर भी शतक लगाऊं।"
फ़िटनेस पर सरफ़राज ने कहा, "दिल्ली कैपिटल्स ने पिछले दिसंबर में 14 दिनों का फ़िटनेस कैंप लगाया था, ताकि आईपीएल सीज़न से पहले खिलाड़ी तैयार रहें। उसी पर अभी काम चल रहा है कि अपने फ़िटनेस को और ऊपर लेकर चलें। आगामी आईपीएल को लेकर पूरी दिल्ली कैपिटल्स टीम और ख़ासकर मेरे ऊपर काम चालू है।"
कुणाल किशोर ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर हैं। @ImKunalKishore
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