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रणजी ट्रॉफ़ी राउंड 7 : छह सीज़न बाद नॉक आउट में तमिलनाडु, शार्दुल ने मुंबई की ओर से लिए 10 विकेट

रणजी ट्रॉफ़ी के अंतिम राउंड का लेखा जोखा

दुबे ने इस सीज़न का दूसरा शतक लगाया  PTI

छह सीज़न बाद नॉक आउट में पहुंचा तमिलनाडु

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तमिलनाडु की शुरुआत तो अच्छी नहीं रही थी। उन्हें पहले मैच में ही गुजरात के हाथों शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी। हालांकि ग्रुप में उन्होंने अंतिम पांच में से चार मैच जीते और वह अब छह सीज़न बाद नॉक आउट में प्रवेश कर चुके हैं। तमिलनाडु ने पिछली बार 2016-17 में नॉक आउट खेला था, जिसमें सेमीफ़ाइनल में उन्हें मुंबई के हाथों हार मिली थी।

इन खिलाड़ियों ने लिया संन्यास

इस सीज़न बंगाल की कप्तानी कर रहे मनोज तिवारी ने संन्यास ले लिया। वह बंगाल को नॉक आउट स्टेज तक तो नहीं पहुंचा पाए लेकिन अंतिम लीग मैच में बंगाल ने बिहार को 204 रनों की शिकस्त ज़रूर दी। इस मैच में मुकेश कुमार ने छह विकेट हासिल किए। जबकि मनोज ने 30 रन बनाए। मनोज ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में 30 शतक और 47.86 की औसत के साथ कुल 10,195 बनाए। उन्हें रविवार को बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा सम्मानित भी किया गया।

विदर्भ के पूर्व कप्तान फ़ैज़ फ़ज़ल ने भी नागपुर में अपना अंतिम मैच प्रथम श्रेणी मैच खेला। वह अपनी अंतिम पारी में शून्य पर आउट हो गए लेकिन उनकी टीम ने हरियाणा को 115 रनों से हरा दिया।

वहीं झारखंड के सौरभ तिवारी भी आगे प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते दिखाई नहीं देंगे जबकि वरुण ऐरन ने भी रेड बॉल क्रिकेट से संन्यास लेने का फ़ैसला किया है।

शार्दुल ने दिलाई मुंबई को जीत

शार्दुल ठाकुर ने असम के ख़िलाफ़ खेलते हुए 10 विकेट हॉल लिया। शार्दुल के इस प्रदर्शन की बदौलत मुंबई ने इस सीज़न की अपनी पांचवीं जीत दर्ज कर ली। असम की टीम दोनों पारियों में मिलकर 65.1 ओवर ही खेल पाई। ठाकुर के अलावा शिवम दुबे ने भी अपनी बल्लेबाज़ी से बेहतरीन प्रदर्शन किया। दुबे ने नाबाद 121 रनों की पारी खेलकर इस सीज़न का अपना दूसरा शतक लगाया।

दिल्ली ने अच्छे नोट पर किया सीज़न को समाप्त

इस सीज़न की शुरुआत से ही दिल्ली की टीम काफ़ी चर्चा में रही थी। यश ढुल को कप्तानी से हटा दिया गया था। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली के प्रदर्शन पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा। लेकिन सीज़न के अंतिम चरण के अंतिम चार मैच में से दिल्ली ने तीन मैच में जीत दर्ज कर ली।

अपने पूल में दिल्ली ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। ढुल ने ओडिशा के ख़िलाफ़ शतकीय पारी भी खेली जो कि उनके प्रथम श्रेणी करियर का पांचवां शतक भी था।

रेलवेज़ का रिकॉर्ड चेज़

रेलवेज़ ने रणजी इतिहास में सबसे बड़ा चेज़ किया। यह जीत इसलिए भी ख़ास थी क्योंकि रेलवेज़ की टीम ने पहली पारी में विपक्षी टीम को बढ़त दे दिया था। त्रिपुरा के 149 रन के जवाब में रेलवेज़ की टीम 105 रन पर ही सिमट गई थी। रेलवेज़ ने मोहम्मद सैफ़ और प्रथम सिंह की शतकीय पारियों और कप्तान उपेंद्र यादव की उपयोगी पारी की बदौलत 375 का लक्ष्य हासिल कर लिया। इससे पहले सौराष्ट्र ने 2919-20 में उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ 372 रन चेज़ किए थे।

हालांकि रेलवेज़ की यह जीत उन्हें नॉक आउट में जगह नहीं दिला सकी क्योंकि रेलवेज़ के पूल में कर्नाटका, तमिलनाडु और गुजरात जैसी टीमों ने उससे बेहतर प्रदर्शन किया था।

Manoj TiwaryFaiz FazalRanji Trophy

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं