आपको जीवनदान मिलने की ख़ुशी होनी चाहिए: कोहली
"मैं ऐसी कई पारियां बता सकता हूं, जो जीवनदान से शुरू होकर सर्वश्रेष्ठ पारियां बनीं"
कोहली की विराट पारी ने पंजाब और हैदराबाद का भी किया दरवाज़ा बंद
बेंगलुरु का प्लेऑफ़ में पहुंचने का फ़ैसला अब मुंबई के हाथ, दिल्ली जीती तो चैलेंजर्स बाहरविराट कोहली के आईपीएल में 570 चौके थे। 571वां चौका हार्दिक पंड्या की गेंद पर अंदरूनी किनारा लेकर विकेट के पीछे से आया। भाग्य के सहारे मिले इस चौके का भी जश्न कोहली मना रहे थे। इससे पहले वह शमी पर भी दो चौका लगा चुके थे। पहला चौका शमी के सिर के ऊपर से गया तो दूसरा कवर की दिशा में खेला गया एक दर्शनीय ड्राइव था।
कोहली को इसके बाद 572वां चौका भी भाग्य के सहारे मिला जब डीप स्क्वेयर लेग पर खड़े राशिद ख़ान हवा में उठी गेंद को पकड़ने के लिए बहुत आगे निकल आए। गेंद कैच होने की बजाय अब बाउंड्री पार थी। यह चौका भी कोहली को क़िस्मत से ही मिला था, लेकिन कोहली ने अपने अंदाज़ में इसका भी जश्न मनाया और 'गो बैक' जैसा कुछ कहा।
क्रिकेट में कई बार आपको कड़ी मेहनत का उपयुक्त परिणाम नहीं मिलता है। फिर आप और मेहनत करते हैं लेकिन तब भी परिणाम नहीं मिलता है। कोहली कहते हैं, "आपको हमेशा अपना नज़रिया सही करने की ज़रूरत होती है। आपने जो अब तक किया है उसकी वजह से आपसे उम्मीदें भी होती हैं और कई बार आप उन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए उस प्रक्रिया को भुला देते हैं, जिससे आप वह खिलाड़ी बने होते हैं। उस समय आपको बस यही सोचना होता है कि आपको क्रीज़ पर जाकर गेंद को बल्ले के बीच से मारना है।"
"मैंने इस मैच के लिए भी बहुत मेहनत की थी और नेट में क़रीब 90 मिनट अभ्यास किया था। मैं हर गेंद पर ख़ुद को शाबाशी दे रहा था। मैं इस मैच में बिना किसी बोझ के आया था। मैंने जब मोहम्मद शमी की गुड लेंथ गेंद को गेंदबाज़ के ऊपर से मारा तब ही मुझे लग गया था कि यह मेरी रात है और मैं किसी भी गेंद को बाउंड्री पार भेज सकता हूं।"
हां या ना : कोहली की ये विराट पारी पहले आ जाती तो बेंगलुरु के हाथ अभी प्लेऑफ़ का टिकट रहता
गुजरात के ख़िलाफ़ बेंगलुरु की जीत से जुड़े कुछ अहम सवालों पर आकाश चोपड़ा का फ़ैसलाउम्मीदों का बोझ लेकर उतरना कई बार आपके लिए थकाऊ भी हो सकता है। यह आपको मैच में उतरने से पहले ही थका सकता है। लेकिन मैच के आधे घंटे बाद भी लग नहीं रहा था कि कोहली को कोई थकान है।
शायद कोहली को इसी पारी की ज़रूरत थी, जिससे वह आगे बढ़ सकें। जैसा कि उन्होंने भी कहा, "मैं ऐसा करना जारी रखूंगा, कोई दिक्कत नहीं!"
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं
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