रोहित शर्मा : तीनों फ़ॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना काफ़ी कठिन है
रोहित को मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर से यह कहते हुए सुना गया कि उनकी टीम के साथियों ने परिवार के साथ यात्रा प्रतिबंध सहित कुछ अन्य दिशानिर्देशों पर चिंता व्यक्त की है
Rohit: Hardly any time for India regulars to play domestic cricket
Rohit Sharma and Ajit Agarkar on BCCI's ten-point guidelines for playersभारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि किसी भी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी के लिए आराम करना और तरोताज़ा रहना काफ़ी आवश्यक है। हालांकि रोहित BCCI के दिशानिर्देश से भी संतुष्ट दिखे, जहां भारतीय खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेने के लिए कहा गया है। इस सप्ताह BCCI ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए दिशानिर्देश जारी किया था, जिसमें कुल 10 बिंदू थे। उसमें से एक बिंदू घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेने से संबंधित था। ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय टीम के हालिया प्रदर्शन के आधार पर ऐसा फ़ैसला लिया गया था। प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान रोहित को मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर से यह कहते हुए सुना गया कि उनकी टीम के साथियों ने परिवार के साथ यात्रा प्रतिबंध सहित कुछ अन्य दिशानिर्देशों पर चिंता व्यक्त की है।
रोहित आज अजीत आगरकर के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मौजूद थे, जहां चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए भारतीय टीम की घोषणा की गई। इसी दौरान उन्होंने BCCI के नए दिशानिर्देश के बारे में भी बात की ।
Rohit: We have all bases covered in the spin attack
The India captain also explains the inclusion of Arshdeep Singhरोहित ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि हालांकि वह BCCI के नए दिशानिर्देश को समझते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से भारत के खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने का ज़्यादा मौक़ा नहीं मिला है और उनमें से कोई भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं समझ रहा है। रोहित ने कहा, "पिछले छह-सात वर्षों में यदि आप पीछे जाएं और हमारा कैलेंडर देखें, तो ऐसा कोई समय नहीं है जब हम 45 दिनों तक घर पर बैठे हों। आपको वह समय तब मिलता है जब आप IPL खत्म करते हैं और अगर उसके कुछ दिन बाद तक हम घर पर होते हैं। लेकिन अगर आप हमारा घरेलू सीज़न देखें, तो यह अक्तूबर में शुरू होता है या शायद सितंबर में - और यह फ़रवरी-मार्च तक ख़त्म हो जाता है। और यही वह समय है भारत बहुत अधिक [अंतर्राष्ट्रीय] क्रिकेट भी खेलता है। इसलिए जो खिलाड़ी तीनों प्रारूप में हैं और यदि उनके पास समय है तो वे घरेलू क्रिकेट खेलेंगे।
"लेकिन पिछले छह-सात वर्षों मेरे साथ क्या हुआ, यह मैं बता सकता हूं। जब (2019) से मैंने नियमित रूप से टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया है। तब से मुझे काफ़ी कम समय मिलता है। जब आप इतने सारे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं तो आपको तरोताज़ा होने के लिए, अपने दिमाग़ को सही करने के लिए और आगामी सीज़न के लिए तैयार होने के लिए कुछ समय की छुट्टी की आवश्यकता होती है।"
रोहित ने अपना आख़िरी घरेलू मुक़ाबला 2016 में खेला था। हालांकि जम्मू और कश्मीर के ख़िलाफ़ मुंबई के मुक़ाबले में रोहित हिस्सा लेंगे। इसके अलावा शुभमन गिल, रवींद्र जाडेजा और ऋषभ पंत भी रणजी ट्रॉफ़ी के अगले राउंड में खेलते हुए दिखेंगे।
आगरकर ने माना कि उन खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट में भाग लेना मुश्किल होता है जो सभी फ़ॉर्मेट खेलते हैं, लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस तरह के दिशा-निर्देश भारतीय घरेलू क्रिकेट को मज़बूत करने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने कहा, "अगर हम इस पर बात करते रहे, तो यह कभी ख़त्म नहीं होगी, लेकिन मुझे लगता है कि हर किसी को घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए, जब वे उपलब्ध हों। "कभी-कभी खिलाड़ियों के साथ न्याय करने के लिए, यह कहना पड़ेगा कि अगर आप तीनों फ़ॉर्मेट खेलते हैं तो समय निकालना मुश्किल होता है। हालांकि आप देखेंगे कि इस बार ज़्यादातर खिलाड़ी रणजी ट्रॉफ़ी का यह राउंड खेल रहे हैं।"
"लेकिन पिछले छह-सात वर्षों मेरे साथ क्या हुआ, यह मैं बता सकता हूं। जब (2019) से मैंने नियमित रूप से टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया है। तब से मुझे काफ़ी कम समय मिलता है। जब आप इतने सारे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं तो आपको तरोताज़ा होने के लिए, अपने दिमाग़ को सही करने के लिए और आगामी सीज़न के लिए तैयार होने के लिए कुछ समय की छुट्टी की आवश्यकता होती है।."रोहित शर्मा
आगरकर ने कहा कि जो खिलाड़ी उपलब्ध और फ़िट हैं, उनसे घरेलू क्रिकेट खेलने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह कोई सख़्त फ़रमान है। यह उन चीज़ों में से एक है, जिसे BCCI ने स्पष्ट रूप से आगे रखा है। बतौर चयनकर्ता हम उम्मीद करते हैं कि जब खिलाड़ी उपलब्ध हों, तो वे खेलें, क्योंकि इससे हमारी घरेलू संरचना ही मज़बूत होगी।"
BCCI ने अपने दिशानिर्देश में यह दोहराया था कि घरेलू क्रिकेट में अनुपलब्ध रहना खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय करियर पर असर डाल सकता है और उनके केंद्रीय अनुबंध को भी प्रभावित कर सकता है। इसमें यह भी जोड़ा गया कि ऐसे मामलों में खिलाड़ियों को IPL से बाहर किए जाने जैसी सज़ा भी दी जा सकती है।
आगरकर ने यह भी कहा कि यह कोई "स्कूल" नहीं है, लेकिन कुछ नियमों का पालन ज़रूरी है। उन्होंने कहा, "जब समय अनुमति दे, तो हम उम्मीद करते हैं कि हर कोई खेले। पिछले कुछ महीनों में आपने विभिन्न चीज़ें देखी हैं, जहां आप एक टीम के रूप में सुधार कर सकते हैं यह कोई स्कूल नहीं है। यह कोई सज़ा नहीं है।
"आपके पास कुछ नियम होते हैं और जब आप राष्ट्रीय टीम के लिए खेल रहे होते हैं, तो आपको वे नियम पालन करने होते हैं। ये खिलाड़ी परिपक्व हैं। ये अंतर्राष्ट्रीय खेल के सुपरस्टार हैं। लेकिन दिन के अंत में आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जिन्हें हर टीम में स्वाभाविक रूप से अपनाया जाता है।
"इनमें से कई नियम पहले से लागू थे। हो सकता है कि हमने अब उनके बारे में बात की हो और उन्हें औपचारिक रूप से पेश किया हो, लेकिन ये पहले से मौजूद थे। समय के साथ आप इन्हें परिष्कृत करते रहते हैं। अंततः जो टीम के लिए उपयुक्त हो, वही करने की कोशिश करते हैं।"
हालांकि रोहित ने घरेलू क्रिकेट में अनिवार्य भागीदारी के दिशा-निर्देशों के बारे में बात की, लेकिन जब उनसे खिलाड़ियों के लिए "नई नीति" पर उनकी राय पूछी गई तो उन्होंने जवाब दिया, "आपसे किसने कहा? क्या यह आधिकारिक रूप से आया है?"
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