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BCCI ने जारी किए कठोर नियम, पालन ना करने पर हो सकता है IPL बैन

'अनुशासन और एकता' को बढ़ावा देने के लिए BCCI ने जारी किया 10 बिंदुओं का गाइडलाइन डॉक्यूमेंट

Rohit Sharma and Jasprit Bumrah chat with Gautam Gambhir, Sydney, January 2, 2025

घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना 'अनिवार्य' होगा  •  Getty Images

टीम में 'अनुशासन, एकता और सकारात्मक माहौल' को बढ़ावा देने के लिए BCCI ने एक अभूतपूर्व क़दम उठाते हुए 10 बिंदुओं का एक गाइडलाइन डॉक्यूमेंट जारी किया है। इसका पालन ना करने पर BCCI ना सिर्फ़ अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकता है, बल्कि उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म करते हुए उन पर IPL और घरेलू क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध भी लगा सकता है।
'Policy Document for Team India' नामक यह डॉक्यूमेंट गुरूवार को खिलाड़ियों को भेजा गया, जिसमें पिछले सप्ताह हुई रिव्यू मीटिंग के सलाह शामिल हैं। यह मीटिंग न्यूज़ीलैंड सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में मिली करारी हार के बाद बुलाया गया था, जिसमें टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर, टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर सहित BCCI के नए सचिव बने देवजीत सैकिया ने भी हिस्सा लिया था।

दौरे, मैच और अभ्यास के लिए खिलाड़ी अलग से यात्रा नहीं कर सकेंगे

मीटिंग में कहा गया कि कुछ खिलाड़ी मैच या अभ्यास के लिए टीम बस की जगह अपनी अलग से यात्रा करते हैं, जिससे टीम का अनुशासन भंग होता है। इसके अलावा यह भी कहा गया कि कुछ खिलाड़ी अभ्यास सत्रों में ग्रुप के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, जिससे टीम का माहौल ख़राब होता है।
BCCI ने कहा है कि अगर किसी खिलाड़ी को किन्हीं विशेष परिस्थितियों में मैच या ट्रेनिंग के लिए अलग से यात्रा करनी है तो उन्हें मुख्य कोच या मुख्य चयनकर्ता से पहले से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा उन्हें किसी अभ्यास सत्र में पूरे समय तक रहना होगा, भले ही उनकी ट्रेनिंग पहले समाप्त हो गई हो।
दौरों पर भी खिलाड़ियों को परिवार के साथ अलग से यात्रा करने की बजाय टीम के साथ ही यात्रा करने का सुझाव दिया गया है, ताकि टीम में अनुशासन व संगठन को बल मिले।
यह भी कहा गया है कि अगर कोई सीरीज़ या दौरा तय समय से पहले ख़त्म हो जाता है तब भी खिलाड़ी अपने मन से अलग से यात्रा ना करें, इससे टीम की एकता प्रभावित होती है।

लंबे दौरे पर परिवार के लिए सिर्फ़ दो हफ़्ते

कोरोना के बाद लंबे दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों की उपस्थिति बहुत सामान्य बात हो गई है, लेकिन BCCI ने इसे फ़ोकस प्रभावित होने का एक 'संभावित कारण' माना है। नए गाइडलाइन के अनुसार, अगर कोई दौरा 45 दिनों का है तो खिलाड़ियों के पार्टनर और बच्चे (18 साल से कम उम्र के) 14 दिन से अधिक नहीं रुक सकते।
परिवार लंबे दौरे पर सिर्फ़ एक बार ही आ सकता है, जिनके ख़र्चों का ख़्याल खिलाड़ी को ही रखना होगा। दौरों पर परिवार को ले जाने के लिए भी खिलाड़ी को कोच, कप्तान और BCCI के जनरल मैनेजर ऑपरेशंस से अनुमति लेनी होगी।
डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि BCCI सिर्फ़ शेयर्ड एकमोडेशन की व्यवस्था करेगा, बाक़ी ख़र्चे खिलाड़ी को ही देने होंगे। इसके अलावा अगर कोई परिवार तय समय से अधिक रुकता है तो वह ख़र्चा भी खिलाड़ी ही देगा।

पर्सनल स्टाफ़

BCCI ने यह भी कहा है कि खिलाड़ियों को अपने व्यक्तिगत स्टाफ़ सीमित करने होंगे। इसमें मैनेजर, शेफ़, सहायक, सोशल मीडिया टीम और सुरक्षा गॉर्ड शामिल हैं। डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि इससे 'लॉजिस्टिकल चुनौतियां' कम होंगी। BCCI ने यह भी सलाह दी है कि किसी सीरीज़ या दौरे के दौरान खिलाड़ी कोई व्यक्तिगत शूट ना करें और फ़ोकस सिर्फ़ क्रिकेट व टीम की ज़िम्मेदारियों पर बनी रहे।

घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना 'अनिवार्य'

BCCI ने फिर से दोहराया है कि खिलाड़ी ख़ुद को घरेलू क्रिकेट के लिए उपलब्ध रखें। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में चयन और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे। BCCI का मानना है कि इससे घरेलू क्रिकेट और आने वाली प्रतिभाओं को भी फ़ायदा होगा।
BCCI ने कहा है कि 'अपरिहार्य परिस्थितियों' और चयन समिति की अनुमति के बाद ही किसी खिलाड़ी को इसमें छूट मिल सकती है।
BCCI ने कहा है कि खिलाड़ियों को इन सभी नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इसमें IPL बैन, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट समाप्त और फ़ीस कट शामिल है। BCCI ने कहा है कि इससे जवाबदेहिता और भारतीय क्रिकेट की प्राथमिकता बढ़ेगी।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं