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मिचेल मार्श : वापसी के शहंशाह

हर बार उन्हें हल्के में लिया जाता है और वह वापसी करते हुए सभी का मुंह बंद कर देते हैं

मार्श और वॉर्नर का वार पड़ा राजस्थान के रजवाड़ों को महंगा, दिल्ली की गाड़ी ने एक पड़ाव किया पार

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दिल्ली की राजस्थान पर शानदार जीत का सटीक विश्लेषण पीयूष चावला के साथ

"ऑस्ट्रेलिया में ज़्यादातर लोग मुझसे नफ़रत करते हैं। इस बात में कोई दो राह नहीं है कि मुझे काफ़ी मौक़े मिले और मैंने उन्हें भुनाया नहीं। हालांकि मुझे उम्मीद है कि इस बात की इज़्ज़त करेंगे कि मैं हर बार वापस आया। एक दिन मैं उनका दिल जीत लूंगा।"

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साल 2019 में पहली बार टेस्ट मैच की एक पारी में पांच विकेट लेने के बाद मिचेल मार्श ने यह बात कही थी। वह ख़ुशी का पल होना चाहिए था लेकिन एक दशक तक अपनी प्रतिभा पर नहीं खरे उतरने की बात ने उसे दबाकर रख दिया। तब 18 वर्षीय मार्श ने 2010 के पहले अंडर-19 विश्व कप में और फिर आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स के लिए खेलते हुए सभी को प्रभावित किया था। उस समय गत चैंपियन टीम के कप्तान ऐडम गिलक्रिस्ट ने मार्श की प्रशंसा की थी और उन्हें एक "परफ़ेक्ट पैकेज" कहा था।

गिलक्रिस्ट को कहां पता था कि पर्थ का यह प्रतिभाशाली युवा 12 वर्षों में केवल 27 आईपीएल मैच खेलेगा। और तो और अक्तूबर 2011 में अपने डेब्यू के बाद से उसने केवल 36 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले होंगे, लेकिन वह वापसी करता रहा, फ़िनिशर ना सही लेकिन एक नंबर तीन के बल्लेबाज़ के रूप में जिसने ऑस्ट्रेलिया को अपना पहला टी20 विश्व कप ख़िताब दिलाया।

विश्व कप के फ़ाइनल में खेली मैच जिताऊ पारी के लगभग छह महीनों बाद मार्श ने फिर एक बार अपनी क्लास दिखाई। उस पारी की तरह बुधवार को भी वह शुरुआत में संघर्ष कर रहे थे और किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि अंत में नतीजा यह होगा। विश्व कप में वह ख़राब फ़ॉर्म के चलते ड्रॉप किए गए थे तो यहां आईपीएल में कोरोना और चोट ने उनका काम बिगाड़ा था।

मार्श पर हमेशा चोटिल होने का ख़तरा बना रहता है। और जब ऐसा होता है तक आप प्रत्येक मैच को अपना आख़िरी मानकर चलते हैं। आईपीएल 2020 के पहले मैच में उन्हें टखने में चोट लगी थी और वह पूरे सीज़न से बाहर हो गए थे।

63 गेंदों पर 89 रन बनाकर मार्श दिल्ली को राजस्थान के ख़िलाफ़ जीत की दहलीज़ पर लेकर गए  BCCI

राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध मैच फ़ाइनल ना सही लेकिन फ़ाइनल से कम भी नहीं था। प्लेऑफ़ की उम्मीदों को बरक़रार रखने के लिए दिल्ली कैपिटल्स को एक कठिन पिच पर 161 रनों के लक्ष्य का पीछा करना था। साढ़े छह करोड़ रुपयों में ख़रीदे गए मार्श पहले ही ओवर में क्रीज़ पर आ गए जब टीम ने अपना खाता भी नहीं खोला था। अगले दो ओवरों में विपक्षी गेंदबाज़ों ने उन्हें अपनी सटीक लाइन, लेंथ और स्विंग से तंग किया। मार्श जानते थे कि उनका और उनकी टीम का सीज़न इन 20 ओवरों पर निर्भर करने वाला था। इसलिए जब प्रसिद्ध कृष्णा उन्हें तंग कर रहे थे, उन्होंने संयम खोए बिना मेडन ओवर खेला।

तीसरे ओवर में मार्श को भाग्य का पूरा का पूरा सहारा मिल गया जब ट्रेंट बोल्ट की इन स्विंग यॉर्कर गेंद स्टंप्स के सामने उनके जूते पर जा लगी। राजस्थान ने अपील की जिसे अंपायर ने खारिज कर दिया। सभी को लगा कि मार्श के बल्ले का अंदरूनी किनारा लगा था लेकिन ऐसा कतई नहीं था। मार्थ नौ गेंदों पर एक रन बनाकर खेल रहे थे। जैसे ही उन्होंने स्क्रीन पर रिप्ले देखा, उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी।

मैच के बाद मार्श ने कहा, "दोनों पारियों में पावरप्ले के दौरान गेंद हरकत कर रही थी। यह मेरे टी20 करियर के सबसे मुश्किल पावरप्ले में से एक था। हमें बस वहां से सुरक्षित बाहर निकलना था। अगर आप दो या तीन विकेट गंवा देते तो काम कठिन हो जाता। हमने आकलन किया कि हमें रनों के बारे में नहीं सोचकर पावरप्ले में विकेट बचाने का काम करना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "राजस्थान को पूरा श्रेय जाना चाहिए, उन्होंने पावरप्ले में घातक गेंदबाज़ी की और हमें मुश्किल में डाला। 160 का पीछा करते हुए आपको एक बड़ी साझेदारी चाहिए होती है और हमारा ध्यान उसी पर था। पिछले 18 महीनों में मुझे डेवी (वॉर्नर) के साथ बल्लेबाज़ी करने में मज़ा आया है। हमने कुछ अच्छी साझेदारियां निभाई हैं और आज दिल्ली कैपिटल्स के लिए एक यादगार साझेदारी थी।"

हालांकि यह इतना आसान नहीं था। बोल्ट की इन स्विंग गेंदों से बचने के लिए मार्श ने लेग स्टंप के बाहर का गार्ड लिया। वह जानते थे कि लेंथ गेंदों पर दोहरा उछाल मिल रहा था, इसलिए उन्होंने फ़ुल गेंदों पर प्रहार किया। वह गेंदबाज़ को छकाने से ज़्यादा अपनी ताक़त पर भरोसा कर रहे थे। उन्होंने चीज़ों को सरल रखा और लेंथ पढ़ते हुए गेंदों को आड़े हाथों लिया। वॉर्नर दुबई में खेले गए फ़ाइनल में भी सिंगल देकर दूसरे छोर पर जा रहे थे और बुधवार को भी उन्होंने ऐसा ही किया।

मार्श ने सेट होने के बाद सभी गेंदबाज़ों को अपना शिकार बनाया। फिर चाहे वह स्विंग के सरताज बोल्ट थे, मेडन डालने वाले प्रसिद्ध यह फिर पर्पल कैप धारी युज़वेंद्र चहल। मार्श टीम को जीत तक नहीं ले जा पाए और 18वें ओवर में उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। हालांकि 63 गेंदों में 89 रन बनाकर वह दिल्ली को जीत की दहलीज़ तक लेकर गए। जब वह मैदान से बाहर जा रहे थे, उन्होंने सभी को फिर एक बार याद दिलाया कि मार्श अभी ख़त्म नहीं हुए हैं और उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता, कम से कम अगले कुछ सालों के लिए।

Mitchell MarshAustraliaDelhi CapitalsRR vs DCIndian Premier League

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।