सलमान आग़ा : 'अगर आप किसी तेज़ गेंदबाज़ की आक्रामकता छीन लेते हैं, तो फिर क्या बचता है?'
पाकिस्तानी कप्तान का कहना है कि उन्हें अपने तेज़ गेंदबाज़ों से कोई समस्या नहीं है जो खेल और विरोधी टीम पर अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं
दनयाल रसूल
27-Sep-2025 • 3 hrs ago
सलाम आग़ा ने कहा कि वह गेंदबाज़ों को आक्रमकता से नहीं रोकेंगे • AFP/Getty Images
इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ पिछले हफ़्ते भारत के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में दिखाई गई आक्रामकता पर लगाम लगाएंगे। कप्तान सलमान अली आग़ा ने कहा कि वह मैदान पर अपने तेज़ गेंदबाज़ों के आक्रामक रवैये का पूरा समर्थन करते हैं और उनका इरादा उनके व्यक्तित्व को धूमिल करने का नहीं है।
फ़ाइनल से एक दिन पहले प्रेस वार्ता में आग़ा ने कहा, "अगर कोई मैदान पर आक्रामक होना चाहता है, तो क्यों न हो? अगर आप किसी तेज़ गेंदबाज़ की आक्रामकता छीन लेते हैं, तो फिर बचता ही क्या है? हर खिलाड़ी अपनी भावनाओं से निपटना जानता है। मैं खिलाड़ियों को मैदान पर अपनी मर्ज़ी से खेलने की आज़ादी देता हूं। जब तक वे किसी का अनादर नहीं करते और अपनी सीमा में रहते हैं, मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है।"
इससे दोनों टीमों के बीच एक और संभावित रूप से तनावपूर्ण मुक़ाबले की तैयारी हो गई है, तीन ही हफ़्तों में यह उनका तीसरा मुक़ाबला है, जब वे कल एशिया कप फ़ाइनल में आमने-सामने होंगे। पिछले मैच में पाकिस्तान के हारिस रउफ़ और साहिबज़ादा फ़रहान को ICC की आचार संहिता के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया था, जबकि भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव को भी दोनों टीमों के बीच ग्रुप मैच के बाद की गई टिप्पणियों के लिए दंडित किया गया था।
उस दिन, भारत ने मैच से पहले या बाद में अपनी विरोधी टीम से हाथ मिलाने से भी इनकार कर दिया। आग़ा ने कहा कि उन्होंने क्रिकेट मैच में ऐसा "पहले कभी" नहीं देखा था।
"मैं 2007 से पेशेवर रूप से क्रिकेट खेल रहा हूं। मैंने कभी भी दो टीमों के बीच हाथ मिलाते नहीं देखा। मेरे पिताजी क्रिकेट के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और मुझे इसके इतिहास के बारे में बताते थे। उन्होंने मुझे कभी किसी ऐसे मैच के बारे में नहीं बताया जिसमें हाथ न मिला हो। मैंने सुना है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।"
"जब भारत-पाकिस्तान के बीच मैच और भी तनावपूर्ण परिस्थितियों में होते थे, तो हाथ मिलाना हमेशा होता था। हाथ न मिलाना क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है। अगर कोई आक्रामक होना चाहता है, चाहे वह मेरी टीम का हो या उनकी टीम का, मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मैच के अंत में हाथ मिलाना चाहिए।"
जैसे हालात हैं, यह लगभग तय है कि फ़ाइनल से पहले या बाद में कोई हाथ मिलाना नहीं होगा। हालांकि भारत ने पिछले एक पखवाड़े में खुद को इस विचार से दूर रखने की कोशिश की है कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच किसी भी अन्य मैच से ज़्यादा महत्वपूर्ण है, लेकिन आग़ा का नज़रिया अलग था।
उन्होंने कहा, "यह कहना ग़लत होगा कि पाकिस्तान-भारत मैच में ज़्यादा दबाव नहीं होता। यह फ़ाइनल है। दोनों तरफ़ बराबर का दबाव होगा। फ़ाइनल का दबाव बेशक अलग होता है।"
"मैदान के बाहर जो कुछ भी हुआ, उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। हमारा एक सिद्धांत यह है कि हम उस चीज़ की चिंता न करें जिसे हम नियंत्रित नहीं कर सकते। हम इस बात पर ध्यान केंद्रित नहीं करते कि बाहर लोग क्या कह रहे हैं। हम यहां एशिया कप जीतने आए हैं और यही हमारा एकमात्र ध्यान है।"
आग़ा का बल्ले से इस टूर्नामेंट पर लगभग ख़राब प्रभाव रहा है। प्रतियोगिता में 31 बल्लेबाज़ों ने उनसे ज़्यादा रन बनाए हैं और सभी ने एक गेंद पर एक रन से ज़्यादा की दर से रन बनाए हैं। वहीं, आग़ा का स्ट्राइक रेट 78.04 है।
आग़ा ने स्वीकार किया कि यह टूर्नामेंट उनके लिए व्यक्तिगत रूप से संघर्षपूर्ण रहा है, हालांकि उन्होंने अपनी टीम को 11 सालों में सिर्फ़ दूसरी बार एशिया कप के फ़ाइनल तक पहुंचाया। उन्होंने कहा, "मेरा प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा जैसा होना चाहिए था और मैं इस पर काम कर रहा हूं। टी20 क्रिकेट में स्ट्राइक रेट महत्वपूर्ण होता है, लेकिन अंत में आपको यह देखना होता है कि परिस्थिति और टीम की क्या ज़रूरत है। अगर पिच या परिस्थिति की मांग न हो, तो 150 के स्ट्राइक रेट से खेलना ज़रूरी नहीं है। आपको परिस्थिति के अनुसार खेलना चाहिए।"
पिछले तीन मैचों में पाकिस्तान ने एक ही टीम उतारी है, ऐसा नहीं है कि प्लेइंग इलेवन को लेकर कोई समस्या नहीं है। सैम अयूब बल्ले से अपनी फ़ॉर्म में वापसी की कोशिश कर रहे हैं, इस टूर्नामेंट में अब तक चार बार शून्य पर आउट हो चुके हैं, पिछले रविवार को भारत के ख़िलाफ़ 21 रन की पारी उन दो मैचों में से एक थी जिसमें उन्होंने अच्छी शुरुआत की थी। पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी को आमतौर पर गेंदबाज़ों ने मुश्किल में डाला है, ख़ासकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए, जैसा कि उन्होंने इस टूर्नामेंट में एक मैच को छोड़कर बाक़ी सभी में किया है। लगभग हर मैच में उन्होंने औसत से कम स्कोर बनाया, इस संस्करण में बचाए गए दो सबसे कम स्कोर दोनों ही पाकिस्तानी रहे हैं।
शायद आग़ा भी अब किस्मत पर यकीन करने लगे हैं। उन्होंने हंसते हुए कहा, "सब जानते हैं कि हमने इस टूर्नामेंट में अपनी पूरी क्षमता से बल्लेबाज़ी नहीं की है, लेकिन शायद हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन फ़ाइनल के लिए बचाकर रख रहे हैं।"
दनयाल रसूल ESPNcricinfo में पाकिस्तान के संवाददाता हैं।