शार्दुल ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे की उम्मीद नहीं छोड़ी है
चोट से वापसी कर रहे ठाकुर ने कहा कि भारतीय टीम प्रबंधन या चयनकर्ताओं से उनके साथ अभी तक कोई संवाद नहीं हुआ है

पिछले तीन सालों में SENA देशों में भारतीय टेस्ट टीम के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर रहे शार्दुल ठाकुर ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में खेलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है।
सर्विसेज़ के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी मैच में सात विकेट लेने के बाद ठाकुर ने कहा, "मैंने 100% फ़िटनेस प्राप्त कर लिया है और मैं बेहतर भी महसूस कर रहा हूं। ऑस्ट्रेलिया दौरा बहुत लंबा है, तो कभी भी मौक़ा बन सकता है। मैं उसके लिए तैयार हूं।"
IPL 2024 के तुरंत बाद जून में ठाकुर के पैरों की सर्जरी हुई थी और वह चार महीनों तक क्रिकेट के मैदान से बाहर थे। अक्तूबर में ईरानी कप से उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर वापसी की और तब से मुंबई के लिए सभी पांच रणजी मैच खेलते हुए उन्होंने 14 विकेट लिए हैं। सर्विसेज़ के ख़िलाफ़ हालिया मैच मे उन्होंने पहली पारी में चार, जबकि दूसरी पारी में तीन विकेट लिए।
तीसरे दिन के खेल के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ठाकुर ने कहा, "सर्जरी के तुरंत बाद पहले एक-दो मैचो में लय पाने में थोड़ी दिक्कत तो हो रही थी, लेकिन जैसे-जैसे मैं मैच खेलता गया, मेरा आत्मविश्वास बढ़ता रहा। मुझे लगता है कि मैंने अपना 100% फ़िटनेस प्राप्त कर लिया है और मेरी गेंदबाज़ी में भी अब वह दिख रहा है। मेरी गेंदबाज़ी पर कुछ कैच ड्रॉप हुए हैं, नहीं तो मेरे विकेटों की संख्या 20 से अधिक होती, हालांकि यह तो खेल का हिस्सा है। लेकिन मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं और गेंदबाज़ी में भी पूरा दम लग रहा हूं। चोट के बाद वापसी करते हुए यह एक अच्छी फ़ीलिंग होती है।"
भारतीय टीम ने जब पिछली बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो ठाकुर भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत के एक हीरो बनकर उभरे थे। उन्होंने गाबा में आख़िरी टेस्ट में सात विकेट लेने के साथ-साथ पहली पारी में 67 रन की एक मैच बचाऊ पारी खेली थी। ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर के बीच सातवें विकेट के लिए हुई शतकीय साझेदारी की ही मदद से भारत मैच में वापस आ पाया था और भारतीय टीम गाबा के क़िले को फ़तह करने में सफल हुई थी। दूसरी पारी में ठाकुर ने महत्वपूर्ण चार विकेट भी लिए थे।
इसके बाद से साउथ अफ़्रीका और इंग्लैंड में हुए टेस्ट सीरीज़ में भी ठाकुर ने अपने गेंद और बल्ले से कई बार उपयोगी भूमिका निभाई थी। उन्होंने पिछले साल भारत में हुए वनडे विश्व कप में भी हिस्सा लिया था।
हालांकि अब भारतीय टीम उनसे आगे बढ़ती हुई दिख रही है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रवाना होने से पहले भारत के प्रमुख कोच गौतम गंभीर से जब युवा ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी को प्राथमिकता देने बारे में पूछा गया तो उन्होंने बिना ठाकुर का नाम लेते हुए कहा था कि यह आगे बढ़ने का समय है।
हालांकि ठाकुर इन सभी बातों पर ध्यान ना देते हुए अपनी फ़िटनेस और मैच पर्फ़ॉर्मेंस पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि चोट से वापसी के बाद भारतीय टीम प्रबंधन या चयनकर्ताओं से उनका कोई संवाद नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, "मेरी अभी कोई कम्यूनिकेशन तो नहीं हुई है। लेकिन मैं अभी सर्जरी से वापस आ रहा हूं तो ज़ाहिर सी बात है कि मैं उस वजह से फ़िलहाल टीम में नहीं हूं। हालांकि फ़िलहाल मेरी फ़िटनेस अच्छी हुई है और मैं मौक़े के इंतज़ार में हूं। ऑस्ट्रेलिया दौरा बहुत लंबा है और उसके बाद इंग्लैंड की टीम सीमित ओवर सीरीज़ के लिए भारत आने वाली है। फिर चैंपियंस ट्रॉफ़ी है और फिर भारत टेस्ट सीरीज़ खेलने इंग्लैंड जाएगा। तो आगे काफ़ी क्रिकेट है तो मुझे विश्वास है कि कहीं ना कहीं मुझे मौक़ा ज़रूर मिलेगा। मेरा बस एक ही चीज़ पर ध्यान है कि मुझे अपनी फ़िटनेस को बेहतर करके गेंदबाज़ी में और ज़ोर लगाना है और टीम के लिए अपना 100% देना है।"
ठाकुर अपने आपको 100% फ़िट तो बोल रहे हैं तो क्या उनकी फ़ॉर्म भी वापस आ गई है? इस सवाल के जवाब में ठाकुर ने दार्शनिक अंदाज़ में कहा, "कहावत तो ऐसी है कि फ़ॉर्म इज़ टेंपरेरी, क्लास इज़ परमानेंट। हर किसी खिलाड़ी का ख़राब दौर आता है, फिर चाहे आप घरेलू क्रिकेट खेल रहे हो या अंतर्राष्ट्रीय। अगर आपका समय ख़राब है तो ख़राब ही रहेगा, फिर चाहे आप कुछ भी कर लो। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि आप गेम को कैसे रीड करते हो, परिस्थितियों को कितना जल्दी समझ पाते हैं और उस हिसाब से कैसी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी करते हैं। मैदान पर हम आपके आपको कैसे एक्स्प्रेस करते हैं, मेरे ख़्याल से वह चीज़ें अधिक मायने रखती हैं।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95
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