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नए दौर में प्रवेश कर रही भारतीय टीम को देना होगा इन चार सवालों के जवाब

श्रीलंका दौरे पर भारत चैंपियंस ट्रॉफ़ी की तैयारी की शुरुआत के साथ, T20I टीम संयोजन से जुड़े मुश्किल सवालों के जवाब तलाशेगा

T20I में भारत को गेंदबाज़ी और मध्यक्रम में कई मुश्किल सवालों का जवाब देना है  PTI

भारत के श्रीलंका दौरे को लेकर माहौल काफ़ी गर्म है। हालिया समय में हुए कुछ घटनाओं ने इस सीरीज़ को बड़ा बना दिया है। भारत T20 विश्व कप के विजयी अभियान के बाद पूरे आत्मविश्वास से भरा हुआ है लेकिन उनके तीन प्रमुख खिलाड़ी T20 क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। साथ ही गौतम गंभीर के लिए एक कोच के तौर पर यह पहली सीरीज़ है। कुल मिला कर भारत के T20 टीम के पास अब टीम संयोजन से जुड़े कुछ मुश्किल सवाल होंगे। साथ ही वनडे टीम का अब पूरा फ़ोकस चैंपियंस ट्रॉफ़ी की तरफ़ होगा।

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आइए उन सवालों पर एक नज़र डालते हैं जिनका जवाब तलाशना भारतीय टीम के लिए ज़रूरी हो गया है।

कप्तानी की चुनौती से कैसे निपटेंगे सूर्यकुमार?

2015 में सूर्यकुमार यादव की कप्तानी का पहला अनुभव विवादों से भरा हुआ था। तब उनकी टीम के साथियों ने मैदान और ड्रेसिंग रूम में गाली-गलौज करने की शिक़ायत की थी। इसके बाद मुंबई क्रिकेट संघ द्वारा फटकारे जाने पर उन्होंने अपनी घरेलू टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। लगभग एक दशक बाद सूर्यकुमार एक बहुत ही शांत स्वभाव वाले और बेहद विकसित क्रिकेटर बन गए हैं, जो T20 प्रारूप के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। फ़िलहाल के लिए ऐसा प्रतीत होता है कि भारत की T20I कप्तानी के लिए उनका चुनाव सही समय पर हुआ है।

अब तक सूर्यकुमार ने सात बार अंतरिम कप्तान के रूप में भारत की कप्तानी की है। पिछले साल के अंत में जब रोहित शर्मा आराम पर थे और हार्दिक पंड्या चोटिल थे, तब उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले नवंबर में वनडे विश्व कप के तुरंत बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4-1 से सीरीज़ जीतने में सूर्यकुमार भारत के दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। इसके बाद उन्होंने साउथ अफ़्रीका में T20I टीम का नेतृत्व किया, जहां सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर रही और उन्होंने दो पारियों में 56 और 100 रनों की पारी खेली।

सूर्यकुमार के शांत स्वभाव और परिपक्वता ने हालिया समय में कई प्रशंसक दिलाए हैं, जिसमें अजीत आगरकर के नेतृत्व वाली भारतीय चयन समिति भी शामिल है। कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए जब सूर्यकुमार खेलते थे, तब बाद के वर्षों में उन्हें उप-कप्तान बनाया गया था, तब गंभीर भी उनके प्रदर्शन से काफ़ी प्रभावित थे फ़िलहाल के लिए सैंपल साइज़ छोटा है, लेकिन संकेत अच्छे हैं। हालांकि सूर्यकुमार को अपनी नियुक्ति से उत्पन्न होने वाली संभावित अंतर्धाराओं से निपटने की ज़रूरत पड़ सकती है, क्योंकि उन्हें हार्दिक का नेतृत्व करना होगा, जो मुंबई इंडियंस में उनकी कप्तानी करते हैं और कुछ समय पहले तक भारत के T20I कप्तान के दावेदार के रूप में देखे जाते थे।

T20 फ़िनिशर कौन होगा?

शुभमन गिल के दोनों सफ़ेद गेंद की टीमों के उप-कप्तान होने के कारण, यह लगभग तय है कि वह और यशस्वी जायसवाल T20 में पारी की शुरुआत करेंगे। मध्यक्रम में ऋषभ पंत, सूर्यकुमार और हार्दिक पक्के हैं।

इससे संजू सैमसन, रियान पराग, रिंकू सिंह और शिवम दुबे एक स्थान के लिए संघर्ष कर सकते हैं। अतीत में गंभीर ने T20 सेटअप में ऑलराउंडरों को काफ़ी मौक़ा दिया है। जब उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स में टीम बनाई थी, तो दीपक हुड्डा, मार्कस स्टोयनिस और क्रुणाल पंड्या को लगातार मौक़ा दिया जाता था। दुबे और पराग गेंद से योगदान दे सकते हैं, जो उनके पक्ष में काम कर सकता है, लेकिन रिंकू का स्वभाव और उनके छोटे करियर में किए गए प्रदर्शन को नजरअंदाज़ करना मुश्किल होगा।

राहुल, अय्यर और पंत में से किन दो खिलाड़ियों को मिलेगा मौक़ा ?

पिछले साल के विश्व कप के बाद ऐसा शायद ही किसी को लगा होगा कि श्रेयस अय्यर और के एल राहुल को 2025 चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले वनडे टीम के मध्यक्रम में शामिल होने के लिए संघर्ष करना होगा। हालांकि अगर चयनकर्ता पंत को पहली पसंद के विकेटकीपर मानते हैं, तो फिर मामला बदल जाएगा। जब पंत दिसंबर 2022 में कार दुर्घटना में लगी चोटों से उबर रहे थे, तब राहुल विकेटकीपर थे।

रोहित, गिल और कोहली शीर्ष क्रम में बल्लेबाज़ी करेंगे। हार्दिक श्रीलंका में वनडे सीरीज़ नहीं खेलेंगे लेकिन अगर वह फ़िट रहे तो मध्यक्रम में उनका स्थान पक्का है। मध्यक्रम में पंत, अय्यर और राहुल में से केवल दो खिलाड़ियों के लिए जगह है, जिसका मतलब है कि वे श्रीलंका में वनडे के दौरान इन दो स्थानों के लिए अपना ऑडिशन दे सकते हैं। यह भी संभव है कि इस सीरीज़ में केवल इन तीनों खिलाड़ियों में से कोई दो ही खिलाड़ी खेले। अगर भारत दुबे या पराग को टीम में जगह दिया जाता है तो शायद राहुल, पंत और श्रेयस में से किसी दो खिलाड़ी का चयन करना होगा।

अक्षर पटेल के पास इस सीरीज़ में यह मौक़ा है कि वह ख़ुद को रवींद्र जाडेजा के विकल्प के रूप में उभरें। साथ ही रवि बिश्नोई और वॉशिंगटन सुंदर के पास ज़िम्बाब्वे दौरे पर किए गए अच्छे प्रदर्शन को दोहराने का बिल्कुल सही मौक़ा है।

तेज गेंदबाज़ी बेंच का प्रदर्शन कैसा होगा?

जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज सभी फ़ॉर्मैट में भारत के शीर्ष तीन तेज गेंदबाज़ हैं। लेकिन इस दौरे के बाद ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर शिफ़्ट हो जाएगा। भारत सितंबर से जनवरी तक पांच घरेलू टेस्ट और पांच टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में खेलेगा। गंभीर खिलाड़ियों के कार्यभार को सावधानीपूर्वक प्रबंधित करना चाहते हैं। इसी कारण से बुमराह को श्रीलंका दौरे के लिए आराम दिया गया है, जबकि शमी लंबे समय तक चोट से उबरने के बाद पूरी तरह से फ़िट होने के काफ़ी क़रीब हैं।

श्रीलंका में दोनों फ़ॉर्मैट में सिराज तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण की अगुआई कर सकते हैं। अर्शदीप सिंह ने T20 में खु़द को पहली पसंद के रूप में स्थापित किया है, उन्हें 50 ओवरों के फ़ॉर्मैट में भी अपना दावा पेश करने का मौक़ा मिलेगा। खलील अहमद और हर्षित राणा पर भी क़रीबी नज़र रखी जाएगी।

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