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साई किशोर : मेरा सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाक़ी है

कई टी20 टूर्नामेंट जीतने वाला यह स्पिन गेंदबाज़ लगातार बेहतर होते रहना चाहता है

आर साई किशोर टी20 क्रिकेट में कई टूर्नामेंट जीत चुके हैं  BCCI

आर साई किशोर में आर अश्विन की झलक दिखाई देती है। बाएं हाथ के इस स्पिनर को पारी के अलग-अलग भागों में गेंदबाज़ी करना पसंद है और वह टी20 क्रिकेट में बेहतर बनने के लिए अपनी कला को विकसित करते रहते हैं।

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तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में अच्छा प्रदर्शन कर उन्होंने पावरप्ले विशेषज्ञ के रूप में तमिलनाडु टीम में प्रवेश किया। हालांकि पिछले दो सीज़नों में उन्होंने डेथ ओवरों में भी गेंदबाज़ी की है जो हमें आईपीएल 2022 के फ़ाइनल में भी देखने को मिला।

टीएनपीएल के अगले सीज़न में साई किशोर चेपॉक सुपर गिलीस के लिए पिंच ब्लॉकर या पिंच हिटर की भूमिका निभा रहे थे। अश्विन राजस्थान रॉयल्स के लिए ठीक वैसा ही कर रहे थे। साई किशोर ने तो विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल तक में यह भूमिका निभाई है।

11 अक्तूबर से शुरू हो रही सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी से पहले साई किशोर ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "मैं हमेशा ख़ुद को विकसित करना चाहता था। अगर यह काम नहीं करेगा तो मैं अगले पहलू पर जाऊंगा। भारत के लिए खेलना और आईपीएल में अच्छा करने के अलावा ख़ुद को बेहतर बनाना मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत है। एक बेहतर क्रिकेटर बनने की कोशिश में मुझे अपनी बल्लेबाज़ी पर काम करना था और टीम-मैन बनना था। अगर मैं बल्ले के साथ योगदान दे सकता हूं तो टीम एक अतिरिक्त गेंदबाज़ खिला सकती है। यह मेरी सोच है।"

उन्होंने आगे कहा, "2018 में मैंने 10वें नंबर पर बल्लेबाज़ी करना शुरू किया। धीरे-धीरे मैं 20-25 रन बनाने लगा और लोगों को विश्वास था कि मैं कुछ रन बना सकता हूं। यह स्वाभाविक नहीं है, मैंने आर प्रसन्ना (तमिलनाडु के असिस्टेंट कोच) के साथ बहुत काम किया है और मैं 100 प्रतिशत (ऑलराउंडर के) उस स्थान तक पहुंच जाऊंगा।"

साई किशोर ने अपने युवा करियर में टी20 क्रिकेट में बतौर विजेता अपनी छाप छोड़ी है। आईपीएल में पहले चेन्नई सुपर किंग्स और फिर गुजरात टाइटंस के साथ वह लगातार ख़िताब जीत चुके हैं। इसके अलावा सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी और टीएनपीएल में वह लगातार दो बार चैंपियन बन चुके हैं। उन्होंने सीमित ओवर क्रिकेट में दमदार टीम बनने का श्रेय तमिलनाडु टीम के अच्छे माहौल को दिया।

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उन्होंने कहा, "हम एक साथ आगे बढ़े हैं और कोई भी अपने स्थान या उस मैच को हल्के में नहीं लेता है। इस एकादश में किसी का स्थान निश्चित नहीं है और आपको बेहतर बनकर ही टीम में स्थान मिल सकता है। सभी खिलाड़ी यह बात जानते हैं। सभी ने अन्य खिलाड़ी के लिए और पूरी टीम के लिए गेंदबाज़ी करने की विचारधारा को अपनाया है। हर कोई टीम के लिए मुश्किल काम करने को तैयार है। जब तक हम ऐसा करते रहेंगे, मेरा मानना है कि तमिलनाडु सफ़ेद गेंद के साथ एक मज़बूत टीम बना रहेगा।"

जब टी नटराजन चोट के चलते पिछले सीज़न में अनुपलब्ध थे, साई किशोर ने डेथ गेंदबाज़ी का कठिन कार्य पूरा किया। यह अनुभव आईपीएल 2022 के फ़ाइनल में काम आया जब उन्हें 16वां और 18वां ओवर डालने की ज़िम्मेदारी दी गई। उन्होंने अश्विन और ट्रेंट बोल्ट को अपना शिकार बनाया था।

उन्होंने कहा, "सैयद मुश्ताक़ अली में डेथ में गेंदबाज़ी करने का अनुभव आईपीएल में मेरे काम आया। मैं अपना बचाव करने की कोशिश नहीं करता। गेंदबाज़ी विश्लेषण कभी कहेंगे कि मैं महंगा रहा लेकिन बतौर स्पिनर आपको डेथ में गेंदबाज़ी करने के लिए जिगर चाहिए। मुझे मार पड़ सकती है, तो क्या हुआ? अगर टीम को लगता है कि मैं उस स्थिति में सबसे सही विकल्प हूं तो मैं यह कार्य पूरा करने को तैयार हूं और इससे मुझे साहस और अनुभव मिला है।"

साई किशोर ने आगे कहा, "जब मैंने आईपीएल फ़ाइनल में डेथ में गेंदबाज़ी की, मैंने यह नहीं सोचा कि मैं क्यों यहां गेंदबाज़ी कर रहा हूं? मैं तैयार था क्योंकि मैं तमिलनाडु के लिए और टीएनपीएल में ऐसा कर चुका था। आशा करता हूं कि इन अनुभवों से मैं बेहतर होता जाऊंगा।"

पावरप्ले और डेथ में गेंदबाज़ी करने वाले इस गेंदबाज़ की टी20 करियर इकॉनमी केवल 5.68 की है। यह किसी भी भारतीय के लिए सर्वश्रेष्ठ और विश्व में (कम से कम 900 गेंद डालने वाले) किसी भी गेंदबाज़ के लिए दूसरी सबसे कम इकॉनमी है। साई किशोर के अनुसार यह आंकड़ा इसलिए कम है क्योंकि उन्होंने आईपीएल में बहुत कम क्रिकेट खेला है।

बाएं हाथ के इस स्पिनर ने कहा, "जब बल्लेबाज़ मुझे छक्के मारता है तो मैं रक्षात्मक होने का प्रयास करता हूं। कभी आप अच्छी गेंदबाज़ी करेंगे और बल्लेबाज़ आपके विरुद्ध जोख़िम नहीं उठाएगा। तब आपको निडर होकर विकेट लेने का प्रयास करना चाहिए। उस समय आपको दो छक्के खाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि विकेट मिल सकता है। मैं इन चीज़ों पर ध्यान देता हूं और इससे मेरी खेल-जागरूकता में सुधार हुआ है।"

उन्होंने आगे बताया, "मैं ख़ुद को आक्रामक या रक्षात्मक स्पिनर की तरह नहीं देखता हूं। मैं मानता हूं कि टी20 क्रिकेट में आपको स्थिति के अनुसार खेलना होता है। आंकड़े अभी (अच्छे हैं) क्योंकि मैंने अधिक अंतर्राष्ट्रीय या आईपीएल क्रिकेट नहीं खेला है। यह ज़्यादातर घरेलू क्रिकेट के आंकड़े हैं लेकिन उम्मीद यही है कि अगर मैं इसे ऊंचे स्तर पर निरंतरता के साथ दोहरा पाऊं तो यह अच्छा होगा।"

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साई किशोर का मानना है कि लेग स्पिनर - गुजरात में राशिद ख़ान और तमिलनाडु टीम में एम अश्विन - के साथ खेलना भी उनकी सफलता का एक कारण रहा है।

वह कहते हैं, "इससे मुझे मौक़ा मिलता है। अगर लेग स्पिनर चीज़ों को बांधे रखता है तो मुझे विकेट मिलेंगे और अगर मैं बांधे रखूंगा तो उसे विकेट मिलेंगे। (हंसते हुए) अगर हम दोनों को मार पड़ेगी तो टीम हार जाएगी। एमऐश और राशिद के साथ अच्छी साझेदारी रही है। वह हमेशा टीम की नीति के लिए खेलते हैं और उनके साथ गेंदबाज़ी करना आसान रहा है।"

गुजरात के लिए खेलते समय साई किशोर ने नेट्स में डेविड मिलर के विरुद्ध गेंदबाज़ी करते हुए बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध अपने आत्मविश्वास को बढ़ाया। दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध उनकी औसत 20.38 और इकॉनमी 5.86 की रही है जबकि बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध यह आंकड़े क्रमशः 14 और 6.60 रहे हैं।

उन्होंने कहा, "मिलर जैसे तगड़े व्यक्ति को गेंदबाज़ी करते समय आपको पता होगा कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। (गुजरात के प्रमुख कोच) आशीष नेहरा और हार्दिक (पंड्या) ने मुझे आईपीएल में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध गेंदबाज़ी करने का विश्वास दिया। उन्होंने मुझे चुना क्योंकि मैं सभी को गेंदबाज़ी कर सकता हूं। आशीष नेहरा ने मुझे वह आत्मविश्वास दिया और यह दूर तक जाएगा।"

वह आगे कहते हैं, "भारतीय घरेलू क्रिकेट में भी स्पिन के अच्छे खिलाड़ी हैं और चुनौती केवल बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों तक सीमित नहीं है। कई ऐसे बल्लेबाज़ मैदान के अलग-अलग क्षेत्रों में गेंद को मार सकते हैं और एक बार मार खाने के बाद अगली बार आप पिछले अनुभव से सीखकर आगे बढ़ते हैं। मैं इसे सीखने के मौक़े की तरह देखता हूं और आपको निडर होकर ख़ुद पर विश्वास जताना होता है।"

कई टी20 टूर्नामेंट जीतने के अलावा साई किशोर के पास भारतीय टीम के साथ बतौर नेट गेंदबाज़ समय बिताने का अनुभव है। हाल ही में वह दलीप ट्रॉफ़ी में 20.05 की औसत से 17 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे थे। और अब सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में वह तमिलनाडु की ख़िताबी हैट्रिक की चाह में महत्वपूर्ण कड़ी साबित होंगे।

साई किशोर ने कहा, "मुझे नहीं पता कि पिछला साल कैसे बेहतर हो सकता था। हालांकि अनुभव के साथ मैं और बेहतर बन सकता हूं और मुझे लगता है कि मेरा सर्वश्रेष्ठ अभी आना बाक़ी है।"

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देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।