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टी20 वर्ल्ड कप 2007 : युवराज के छह छक्के, ब्रेट ली की हैट्रिक और विश्व क्रिकेट के पटल पर कैप्टन कूल का आगमन

सेमीफ़ाइनल में युवराज की अविस्मरणीय पारी को भला कौन भूल सकता है

टी20 विश्व कप के ट्रॉफ़ी के साथ भारतीय टीम  Getty Images

टी20 विश्व कप का समय आ गया है। 2007 में स्थापित हुए इस टूर्नामेंट ने पिछले कुछ सालों में कई रोमांचक संस्करण क्रिकेट जगत को दिए हैं। हर साल कुछ यादगार खिलाड़ियों और टीमों ने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम लिखा हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो का यह प्रयास है कि हम ऑस्ट्रेलिया में होने वाले पुरुष क्रिकेट के पहले टी20 विश्व कप में अब तक बीते सारे संस्करणों की यादें ताज़ा करें।

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सबसे पहले तो यह बताइए अनुभवी खिलाड़ियों के होने के बावजूद भारत एक युवा टीम के साथ साउथ अफ़्रीका क्यों गया?

भारत के युवा ब्रिगेड के साथ साउथ अफ़्रीका जाने में सबसे बड़ी भूमिका टीम के तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ ने निभाई थी। विश्व कप से पहले भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर थी और उसी दौरान द्रविड़ ने सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली को विश्व कप में युवाओं को मौक़ा देने के लिए मनाया था। इस बात का खुलासा ख़ुद उस समय टीम के मैनेजर रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर लालचंद राजपूत ने किया था। युवा टीम की अगुवाई महेंद्र सिंह धोनी को सौंपी गई और इसी टूर्नामेंट के बाद विश्व क्रिकेट के पटल पर कैप्टन कूल का आगमन होने वाला था।

वो टी20 का पहला विश्व कप था न? उन यादों को ताज़ा कीजिए जिन्हें भुलाए भी भूला नहीं जा सकता?

टी20 विश्व कप के लिए जब भारतीय टीम साउथ अफ़्रीका रवाना हुई तब उसी साल की शुरुआत में हुए वनडे विश्व कप की कड़वी यादें अभी भी ताज़ा थीं। हालांकि जैसे-जैसे विश्व कप आगे बढ़ता गया, भारतीय टीम और फैंस उन कड़वी यादों से पीछा छुड़ाते चले गए।

विश्व कप की दिल के क़रीब जो सबसे अहम याद तो फ़ाइनल में जोगिंदर शर्मा की गेंद पर फ़ाइन लेग पर खड़े श्रीसंत का कैच है, जब उन्होंने मिस्बाह उल हक़ का कैच लपक कर पूरे देश को जश्न मनाने का मौक़ा दिया था। हालांकि श्रीसंत और मिस्बाह इसी विश्व कप में भारत पाकिस्तान के बीच खेले गए एक अन्य मुक़ाबले के अहम क़िरदार बने थे। इन सबके अलावा भला इंग्लैंड के विरुद्ध स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में युवराज के छह छक्कों को कौन भूल सकता है? सेमीफ़ाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 30 गेंदों पर 70 रनों की उनकी पारी अविस्मरणीय है।संयोगवश जब भारत ने 2011 में अपना दूसरा एकदिवसीय विश्व कप जीता तब भी युवराज ने ही क्वार्टर फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ही ख़िलाफ़ अहम मुक़ाबले में अपनी अर्धशतकीय पारी की बदौलत टीम इंडिया को जीत दिलाई।

युवराज ने उस मैच में छह गेंदों छह सिक्सर लगाने के अलावा 16 गेंदों में 58 रनों की पारी खेली थी  Getty Images

विश्व कप में भारत का आग़ाज़ कैसा था?

विश्व कप के लीग चरण में भारत का पहला मैच स्कॉटलैंड से था लेकिन वह बारिश के कारण धूल गया। कुल बारह टीमों को तीन तीन के समूह में चार ग्रुप में विभाजित किया गया था। स्कॉटलैंड के अलावा भारत के ग्रुप में पाकिस्तान भी था। अब भारत को सुपर 8 में प्रवेश करने के लिए हर हाल में इस मुक़ाबले को जीतना था। हालांकि यह मुक़ाबला टाई हो गया। पाकिस्तान को जीत के लिए एक गेंद में एक रन ही चाहिए था लेकिन श्रीसंत की गेंद पर ही मिस्बाह रन आउट हो गए और मिस्बाह और बदकिस्मती के साथ श्रीसंत कनेक्शन फ़ाइनल में भी हावी रहा। चूंकि मैच टाई हो गया था लिहाज़ा इसका फ़ैसला बॉल आउट के ज़रिए किया गया। सुपर 8 में भारत को पहले मैच में न्यूज़ीलैंड से हार मिली लेकिन साउथ अफ़्रीका और इंग्लैंड को हराने के बाद भारत सेमीफ़ाइनल में प्रवेश कर गया।

इस विश्व कप का में क्या कोई उलटफेर भी हुआ था? और कौन कौन से रिकॉर्ड बने थे?

इस विश्व कप का सबसे बड़ा उलटफेर हुआ था ऑस्ट्रेलिया और ज़िम्बाब्वे के मुक़ाबले में, जब ज़िम्बाब्वे ने अंतिम गेंद पर ऑस्ट्रेलिया को धूल चटा दी थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 138 रन ही बनाए थे। हालांकि एक कमज़ोर टीम के हाथों मिली शर्मनाक हार के बाद ऑस्ट्रेलिया ने वापसी की और सेमी फ़ाइनल का मुक़ाबला भी खेला। इसी सफ़र में ब्रेट ली का बांग्लादेश के विरुद्ध लिया गया हैट्रिक भी शामिल है।

युवराज के छह छक्के, ब्रेट ली की हैट्रिक के अलावा श्रीलंकाई टीम ने केन्या के विरुद्ध 260 रनों का अंबार लगा दिया था। यह उस समय टी20 की एक पारी में किसी टीम द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर था। हालांकि श्रीलंका का यह रिकॉर्ड टूटने में नौ साल लग गया लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के विरुद्ध ही एक पारी में 263 रन बनाए।

विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ कौन रहा था? सबसे ज़्यादा रन किसने बनाए थे? सबसे ज़्यादा विकेट किसने लिए थे?

सीरीज़ और ट्रॉफ़ी भारत के कब्ज़े में थी तो प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ बने थे शाहिद आफ़रीदी। ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन ने सबसे अधिक 265 रन बनाए थे। भारत की ओर से सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे गौतम गंभीर, उन्होंने 226 रन बनाए थे जबकि सबसे ज़्यादा 13 विकेट झटकने वाले गेंदबाज़ थे उमर गुल।

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नवनीत झा Espncricinfo के एडिटोरियल फ़्रीलांसर हैं।