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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : फ़ाइनल में क्या 180 का लक्ष्य सुरक्षित है?

न्यूज़ीलैंड को ज़ैम्पा तो ऑस्ट्रेलिया को सोढ़ी-सैंटनर से बचकर रहने की ज़रूरत

ऑस्ट्रेलिया पिछले 40 साल से न्यूज़ीलैंड से नॉकआउट मैच नहीं हारा है  Getty Images

क्या आपको पता है कि किसी भी टूर्नामेंट के नॉक आउट मैच में न्यूज़ीलैंड ने 1981 में अंतिम बार ऑस्ट्रेलिया को हराया था। उसके बाद दोनों टीमों के बीच 16 नॉकआउट मुक़ाबले हुए हैं और उन सभी मैचों में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली है।

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रविवार को जब विलियमसन की टोली, फ़िंच की सेना के सामने खड़ी होगी तो उन्हें ना सिर्फ़ महज एक मैच जीतना है, बल्कि पिछले 40 सालों से खींची जा रही एक लकीर को आगे बढ़ने से रोकना है। टूर्नामेंट में अब तक दोनों टीमों ने 12 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया है और दोनों टीमों को एक-एक मैच में हार मिली है। ESPNcricinfo हिंदी इस बात पर ध्यान देने का प्रयास कर रहा है कि वह कौन से तथ्य और आंकड़े हैं, जो दोनों टीमों को ख़िताब के पास लेकर जाएगी या फिर ख़िताब से दूर लेकर जाएगी।

180 एक जादूई आंकड़ा है

एक बड़े फ़ाइनल में बोर्ड पर रन बनाना और विपक्षी टीम पर दबाव बनाना, क्रिकेट की दुनिया में अब यह तकनीक काफ़ी पुरानी हो गई है। पिछले चार टी20 और वनडे विश्व कप फ़ाइनल में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें विजयी हुई हैं। इस विश्व कप में भी लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों ने एक ओवर शेष रहते दोनों सेमीफ़ाइनल जीते हैं।

शाम के समय खेलीं गई, दुबई में पिछले 17 के टी20 मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने 16 मौक़ों पर जीत हासिल की है। पहली बार बल्लेबाज़ी करने वाली टीम आईपीएल 2021 के फ़ाइनल में ही जीती थी, जब चेन्नई सुपर किंग्स ने कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ 192 रनों का बचाव किया था।

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तो रविवार को पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को क्या करने की ज़रूरत है? उन्हें 180 की जादुई संख्या तक पहुंचने की आवश्यकता है। 2018 के बाद से, दुबई में 20 उदाहरण हैं जब पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीमों ने सभी टी 20 में 180 या उससे अधिक स्कोर किए हैं - उन्होंने उनमें से 19 बार जीते। इसलिए पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को कम से कम 180 का लक्ष्य बनाना चाहिए।

न्यूजीलैंड के स्पिनरों के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया की जंग

2020 की शुरुआत के बाद से, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने टी20 मैचों में लेग स्पिनरों के ख़िलाफ़ 122.08 के स्ट्राइक रेट से रन बनाया है लेकिन उनका औसत 14 का रहा है। सेमीफ़ाइनल में शादाब ख़ान के चार विकेटों ने ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप से लगभग बाहर कर दिया था। इस साल की शुरुआत में जब वे वेस्टइंडीज़ में थे तब हेडन वॉल्श जूनियर ने उन्हें परेशान किया था। फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को ईश सोढ़ी से सावधान रहने की ज़रूरत है। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ नौ मैचों में उन्होंने 16 विकेट लिए हैं।

सोढ़ी ने ऐरन फ़िंच और मार्कस स्टॉयनिस को क्रमश: 37 और 23 गेंदों में तीन-तीन बार आउट किया है। डेविड वॉर्नर का प्रदर्शन और भी खराब रहा: सिर्फ आठ गेंदों में दो आउट। यदि टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट को शुरुआती सफलता नहीं मिलती है, तो सोढ़ी का उपयोग किया जा सकता है।

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दूसरी ओर मिचेल सैंटनर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ काफ़ी किफ़ायती रहे हैं, उन्होंने 93 गेंदों पर केवल 95 रन दिए और पांच विकेट लिए। केवल मिचेल मार्श ने सैंटनर के ख़िलाफ़ 120 से ऊपर का स्ट्राइक रेट रखने में कामयाब रहे हैं। अगर ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाज़ी करता है, तो उसे सैंटनर के ख़िलाफ़ अधिक स्वतंत्र रूप से स्कोर करने का तरीका खोजने की जरूरत है।

ज़ैम्पा को कौन टारगेट करेगा?

ऐडम ज़ैम्पा के लिए यह एक ड्रीम टूर्नामेंट रहा है। वह सुपर 12 में सिर्फ 5.69 की इकॉनमी से 12 विकेट लेकर अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। उन्होंने बड़ी चतुराई से अपनी लाइन, लंबाई और गति में बदलाव किया है जिससे बल्लेबाज़ों के लिए उन पर आक्रमण करना मुश्किल हो गया है।

ज़ैम्पा का केन विलियमसन के ख़िलाफ़ एक अच्छा मैच-अप है, जिसमें उन्होंने 38 गेंदों में केवल 37 रन देकर विलियमसन को दो बार आउट किया है। वनडे में भी ज़ैम्पा ने 43 गेंदों में दो बार विलियमसन को आउट किया है। हालांकि मार्टिन गप्टिल ने उनके ख़िलाफ़ 34 गेंदों में 63 रन बनाए हैं, जिसमें पांच छक्के शामिल हैं, जबकि ग्लेन फ़िलिप्स ने जै़म्पा के 15 गेंदों में 29 रन मारा है।

कॉन्वे के बिना न्यूज़ीलैंड कैसे आगे बढ़ेगा?

एक आदर्श परिदृश्य में डेवन कॉन्वे स्पिन को अच्छी तरह से खेलने की अपनी क्षमता के कारण ज़ैम्पा के ख़िलाफ़ एकदम सकारात्मक मैच-अप होता। हालांकि वह फ़ाइनल से बाहर हो गए हैं। इसका मतलब है कि न्यूज़ीलैंड के शीर्ष पांच में सभी दाएं हाथ के बल्लेबाज़ होने की संभावना है। हालांकि जेम्स नीशम या सेंटनर को बल्लेबाज़ी करने के लिए ऊपर भेज सकता है।

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वॉर्नर बनाम साउदी और बोल्ट

वॉर्नर ने साउदी के ख़िलाफ़ बिना आउट हुए सिर्फ़ 44 गेंदों में 84 रन बनाए हैं। इस बीच बोल्ट ने 38 गेंदों पर 37 रन देकर वॉर्नर के विरूद्ध काफ़ी किफ़ायती रहे हैं और एक बार बोल्ट ने उन्हें आउट भी किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर शुरुआत में गेंद स्विंग होती है तो वॉर्नर इन दोनों के ख़िलाफ़ कैसे बल्लेबाज़ी करते हैं। यदि कोई स्विंग नहीं हैमतो ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष 3 बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ सैंटनर को पावरप्ले में गेंदबाज़ी कराई जा सकती है।

गप्टिल बनाम बाएं हाथ के तेज गेंदबाज

2018 की शुरुआत के बाद से, गुप्टिल ने बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ 90.27 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं और हर 24 गेंदों में एक बार आउट हुए हैं। रविवार को जब वे मैदान पर उतरेंगे तो मिचेल स्टार्क और ऑस्ट्रेलियाई टीम के ज़हन में यह बात होगी।

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गौरव सुंदरारमन ESPNcricinfo में वरिष्ठ सांख्यिकीविद हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है