टी20 विश्व कप 2016 : एक ही दिन में जब दो दो विश्व कप जीता था वेस्टइंडीज़
2016 का टी20 विश्व कप पहला टी20 विश्व कप था जो भारत में आयोजित हुआ था

टी20 विश्व कप का समय आ गया है। 2007 में स्थापित हुए इस टूर्नामेंट ने पिछले कुछ सालों में कई रोमांचक संस्करण क्रिकेट जगत को दिए हैं। हर साल कुछ यादगार खिलाड़ियों और टीमों ने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम लिखा है। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो का यह प्रयास है कि हम ऑस्ट्रेलिया में होने वाले पहले पुरुष क्रिकेट के पहले टी20 विश्व कप में अब तक बीते सारे संस्करणों की यादें ताज़ा करें।
शुरू से शुरू करें?
बिलकुल। सबसे पहले इस विश्व कप से जुड़े कुछ तथ्यों को जुटाते हैं। पहली बार टी20 विश्व कप का आयोजन भारत में होने जा रहा था। कुल 16 टीमें इस विश्व कप में हिस्सा ले रही थीं। हालांकि सुपर 10 स्टेज में आईसीसी के पूर्ण सदस्य आठ देश पहले ही प्रवेश कर चुके थे। दो अन्य स्थानों की लड़ाई में बांग्लादेश और अफ़गानिस्तान सुपर 10 स्टेज में प्रवेश कर गए।
इस विश्व कप के कौन से ऐसे मुक़ाबले थे जो कि लंबे अरसे तक क्रिकेट प्रेमियों को याद रहेंगे?
यादों का पिटारा खोलते हैं, जिसमें कुछ कड़वी और मीठी यादें भी हैं। सबसे पहले कड़वी याद को ताज़ा करते हैं। 15 मार्च का दिन था, नागपुर में न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया। पहले ओवर की पहली गेंद ही मार्टिन गप्टिल ने रवि अश्विन के सिर के ऊपर से छक्का जड़ दिया। विश्व कप का इससे बेहतर आग़ाज़ भला और क्या हो सकता था? लेकिन अगली ही गेंद पर गप्टिल स्वीप के चक्कर में पगबाधा का शिकार हो गए। पहली पारी में न्यूज़ीलैंड सिर्फ़ 125 रन ही बना पाया। लेकिन मुक़ाबले में सबसे बड़ा ट्विस्ट आना बाक़ी था, भारतीय टीम से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद तो किसी को नहीं थी। पूरी टीम 79 के स्कोर पर सिमट गई। वह भी ग्यारह गेंद शेष रहते।
वाकई... इस मैच को तो कभी नहीं भूल सकते. अच्छा, अब एक अच्छी याद ताज़ा कीजिए।
इस विश्व कप में सबसे अधिक सांसों को थमा देने वाला मुक़ाबला हुआ था भारत और बांग्लादेश के बीच। विश्व कप में अपने अभियान को जारी रखने के लिए टीम इंडिया को हर हाल में इस मुक़ाबले को जीतना था। हालांकि भारतीय टीम 20 ओवरों में महज़ 146 रन ही बना पाई थी। अंतिम गेंद डाले जाने से पहले बांग्लादेश को मैच जीतने के लिए दो रन चाहिए थे। लेकिन हुआ कुछ वैसा ही जैसा टी20 विश्व कप 2007 में भारत और पाकिस्तान के बीच लीग मुक़ाबले में हुआ था। अंतिम ओवर में दस रन का बचाव कर रहे हार्दिक पंड्या ने शुवागाता होम को ऑफ़ स्टंप के बाहर काफ़ी छोटी गेंद डाली, दूसरे छोर पर मुस्तफ़िज़ुर पहले से ही तैयार थे। महेंद्र सिंह धोनी ने भी सभी संभावनाओं के बारे में सोचते हुए अपना एक दस्ताना पहले ही उतार लिया था। गेंद धोनी के पास आई, मुस्तफ़िज़ुर और धोनी दोनों ही विकेटों की ओर दौड़ पड़े और धोनी ने पहले ही गेंद को स्टंप्स में हिट कर दिया। हालांकि सेमीफ़ाइनल में भारत वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध हार गया।
एक दिन में दो विश्व कप कैसे जीत गया था वेस्टइंडीज़ ?
दरअसल उसी समय महिला टी20 विश्व कप का आयोजन हो रहा था। दिलचस्प बात यह थी कि वेस्टइंडीज़ की पुरुष और महिला दोनों ही टीमें फ़ाइनल खेल रही थीं। पुरुष विश्व कप के फ़ाइनल खेलने से पहले वेस्ट इंडीज़ और इंग्लैंड दोनों ही पूर्व में एक-एक बार चैंपियन बन चुके थे। इंग्लैंड पर बीस पड़ने के लिए वेस्टइंडीज़ को उन्नीस रनों की दरकार थी। बेन स्टोक्स को अंतिम ओवर दिया गया। कार्लोस ब्रेथवेट ने लगातार चार गेंदों पर चार छक्के जड़ कर विश्व कप की ट्रॉफ़ी वेस्टइंडीज़ के नाम कर दी। वेस्टइंडीज़ अपने दूसरे टी20 विश्व कप जीत के जश्न में डूब गया और उनके प्रशंसकों के लिए यह दिन दोगुनी ख़ुशी लेकर आया। क्योंकि इसी दिन महिला टीम ने फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार टी20 विश्व कप जीत लिया था।
नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर हैं।
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